बच्चों में कब्ज की समस्या से राहत पाने के लिए खानपान में बदलाव बहुत जरूरी है। फाइबर की कमी को पूरा करने के लिए बच्चों के खाने में फलों जैसे कि सेब का जूस, टमाटर का जूस, पपीते का सेवन आदि लाभकारी होगा। अगर बच्चा तीन से चार साल या अधिक उम्र का है तो उसके खाने में फाइबर युक्त आहार को शामिल किया जा सकता है। आप खाने में सब्जियों को भी शामिल करें क्योंकि सब्जियों में भी फाइबर पाया जाता है। बच्चों को मैदा या फिर फास्ट फूड खाने से रोंके। मैदा या फिर हैवी फूड का सेवन भी कई बार कब्ज की समस्या का कारण बन जाता है। जो बच्चे पानी सही मात्रा में नहीं पीते हैं, उन्हें भी कब्ज की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। बेहतर होगा कि आप उपरोक्त बातों का ध्यान रखें और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह जरूर करें।
स्टमक प्रॉब्लम : डायरिया
बच्चों में पेट की समस्या (Stomach problems in children) में डायरिया आम है। डायरिया की समस्या यानि दस्त, यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें शरीर के अंदर पानी और नमक दोनों ही खत्म हो जाता है। गलत खान-पान या बदलते मौसम के कारण बच्चों को डायरिया हो जाता है लेकिन इससे परेशान होने की जरूर नहीं। आप कुछ घरेलू तरीके अपनाकर आप बच्चों की इस समस्या को दूर कर सकते हैं। ओआरएस के घोल के साथ ही बच्चें को दाल का पानी, चावल का मांड, दही केला, हल्का पाचक भोजन दें सकते हैं।
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बच्चों में पेट की समस्या (Stomach problems in children) का कारण : स्टमक फ्लू
बच्चों के पेट में एक नहीं बल्कि बहुत सी समस्याएं हो सकती हैं। पेट में दर्द सिर्फ गैस की वजह से ही नहीं बल्कि अन्य कारणों से भी हो सकता है। पेट में गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्या भी हो सकती है। ये पेट का फ्लू या फिर स्टमक फ्लू भी कहलाता है। जब बच्चों को पेट दर्द और दस्त के साथ ही अचानक से ठंड लगने लगे और साथ ही बच्चे को बुखार भी हो जाए आपको समझ जाना चाहिए कि बच्चे को स्टमक फ्लू (stomach flu) हो गया है। ऐसे में बच्चों को पेट की विशेष देखभाल की जरूरत पड़ती है क्योंकि बार बार मल करने से बच्चों के शरीर में पानी की कमी होने लगती है और साथ ही कमजोरी का एहसास भी होने लगता है। अगर बच्चे में इस प्रकार के लक्षण आपको नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। वैसे तो स्टमक फ्लू की समस्या चार से पांच दिन बाद तक ठीक हो जाती है लेकिन बच्चे को डॉक्टर के पास जरूर ले जाना चाहिए, ताकि किसी बड़ी समस्या का सामना न करना पड़े।