सैनिटाइजेशन के नुकसान भी संभव हैं, हालांकि अगर निम्न स्थितियां शामिल हैंः
लीवर से जुड़े हो सकते हैं सैनिटाइजेशन के नुकसान
जैसा की सैनिटाइजर बनाने में 60 फीसदी से अधिक मात्रा में एल्कोहल का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसे में हवा में किए जा रहे सैनिटाइजेशन के कण हवा के जरिए सांसों में प्रवेश करके लीवर को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
अपने लीवर को सैनिटाइजेशन के नुकसान से बचाने के लिए सैनिटाइज किए जा रहे इलाकों के लोगों को कुछ दिनों तक घरों से बाहर नहीं निकलना चाहिए। साथ ही, न ही उन्हें घरों के दरवाजों और खिड़कियों को खोलना चाहिए। हो सके, तो घर में ऐसी सभी जगहों को बंद कर दें जिनसे हवा में सैनिटाइज किए जा रहे की मात्रा घर के अंदर प्रवेश कर सकें।
दूषित पानी का कारण बन सकता है सैनिटाइजेशन के नुकसान
जैसा कि हर किसी का इस्तेमाल एक सीमित मात्रा तक ही स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित मानी जाती है। इसी तरह सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी एक सीमित मात्रा में ही करना चाहिए। हवा में किए जा रहे, सैनिटाइजेशन की प्रक्रिया के कारण खुले में बहने वाले पानी दूषित हो सकते हैं।
ऐसे करें बचाव
अगर आपके इलाके में भी सैनिटाइजेशन का कार्य हुआ है, तो अगले कुछ समय तक सिर्फ फिल्टर किए गए पानी का ही इस्तेमाल करें। अगर आपके इलाके के लोग समरसिबल के पानी इस्तेमाल करते हैं, तो आपको अगले कुछ दिनों तक पीने के पानी से लेकर खाना बनाने, नहाने, कपड़े धुलने के लिए भी फिल्टर किए गए पानी का ही इस्तेमाल करना चाहिए।
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इन स्थानों में प्रभावी नहीं होता
सैनिटाइजेशन ग्रीस या तैलीय युक्त चीजों को साफ करने में प्रभावी नहीं होते हैं। ऐसे में अगर कोरोना वायरस किसी तैलीय पदार्थ पर होगा, तो सैनिटाइजेशन की मदद से उसे खत्म नहीं किया जा सकता है।
ऐसे करें बचाव
किचन में कभी भी तेल के डिब्बे या चिकनाई युक्त डिब्बों को खुला न रखें। इन्हें हमेशा बंद करके घर के अंदर ही रखें।
इम्यून सिस्टम की वीकनेस से जुड़ा हो सकता है सैनिटाइजेशन के नुकसान