कोरोना वायरस ट्रांसमिशन- क्या होता है एयरबोर्न ट्रांसमिशन (हवा से फैलने वाला)
एयरबोर्न ट्रांसमिशन (Airborne Transmission) ड्रॉप्लेट्स ट्रांसमिशन से अलग होता है। क्योंकि, ड्रॉप्लेट्स न्यूक्लाई यानी 5 माइक्रोमीटर से भी कम डायमीटर की ड्रॉप्लेट्स वातावरण में मौजूद हवा में कुछ समय तक रह सकती है और इसी हवा के जरिए संक्रमित व्यक्ति से 1 मीटर से भी ज्यादा दूरी तक संपर्क में आ सकती हैं।
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क्या हवा से फैलता है कोरोना वायरस?
हालांकि, अभी तक इसके कोई पुख्ता प्रमाण नहीं है। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कुछ निश्चित और खास स्थितियों में कोरोना वायरस ट्रांसमिशन हवा से फैल सकता है। यह स्थितियां वह प्रक्रिया व सपोर्ट ट्रीटमेंट हो सकती हैं, जिसमें ऐरोसोल को जनरेट (Aerosol Generate) किया जाता है। जैसे- एंडोट्रेकिअल इंट्यूबेशन (endotracheal intubation), ब्रोंकोस्कोपी (Bronchoscopy), ओपन सक्शनिंग (open suctioning), नेबुलाइजड ट्रीटमेंट का एडमिनिस्ट्रेशन, इंट्यूबेशन से पहले मैनुअल वेंटीलेशन, वेंटीलेटर से मरीज को डिस्क्नेक्ट करना, नॉन-इंवेसिव पोजिटिव प्रेशर वेंटीलेशन, ट्रेकियोस्टोमी (Tracheostomy) और कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन (Cardiopulmonary resuscitation) आदि। इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि, ऐसे कुछ सबूत हैं, जिससे कहा जा सकता है कि कोरोना वायरस संक्रमण आंतों तक पहुंच सकता है और यह वायरस मल में भी मौजूद हो सकता है। हालांकि, अभी तक सिर्फ स्टूल के सैंपल का एक ही अध्ययन किया गया है। इसलिए कोई प्रामाणिक जानकारी नहीं दी जा सकती।
कुछ हाल ही में हुई कोरोना वायरस के हवा में फैलने पर अध्ययन किया गया है, लेकिन उनके अभी पुख्ता इंतजाम नहीं आ पाए हैं। लेकिन, डब्ल्यूएचओ का कहना है कि कोरोना वायरस ट्रांसमिशन को रोकने के लिए रेस्पिरेटरी ड्रॉप्लेट्स और व्यक्तिगत संपर्क से दूर रहकर साफ-सफाई जैसी सावधानी बरतनी चाहिए। हालांकि, कुछ निश्चित प्रक्रिया और सपोर्ट ट्रीटमेंट के दौरान भी एयरबोर्न ट्रांसमिशन को रोकने के लिए एहतियात बरतनी चाहिए। क्योंकि, बेशक अभी कोरोना वायरस के हवा से फैलने के पुख्ता सबूत या प्रमाण नहीं मिले हैं। लेकिन इस खतरे को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता और इलाज से बेहतर सावधानी और एहतियात बरतना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए बार-बार हाथों को धोना, मुंह पर मास्क लगाना, आसपास की सफाई और डिस्इंफेक्ट करने और बुखार या खांसी-जुकाम के लक्षण दिखने वाले व्यक्ति से दूर बनाने पर ज्यादा जोर डालता है।
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