अध्ययनों के मुताबिक, कई एंटीबायोटिक्स का असर फर्टिलिटी पर होता है। ऐसा पुरुषों के केस में होता है। कुछ एंटीबायोटिक्स पुरुषों के स्पर्म और फर्टिलिटी को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकती हैं। इसमें शामिल है टेट्रासाइक्लिन, पेनिसिलिन की दवा, एरिथ्रोमाइसिन की दवा आदि। कुछ दवाओं की वजह से सीमन की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता है।
एंटीबायोटिक्स लेने के दौरान प्रेग्नेंसी की संभावना
एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर के साथ ही ऐसा माना जाता है कि एंटीबायोटिक्स लेने से गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है, लेकिन गर्भधारण की कोशिशों में एंटीबायोटिक्स लेने का कोई प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं होती है। कुछ मामलों में महिलाओं ने अपने ऑव्युलेशन पैटर्न में बदलाव का अनुभव किया, खासतौर पर सर्वाइकल म्यूकस के प्रोडक्शन में। हालांकि इस बात को सही साबित करने के लिए कोई डेटा उपलब्ध नहीं है। जहां तक एंटीबायोटिक्स का सवाल है तो यह इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है, कई बार इंफेक्शन भी गर्भधारण न कर पाने की वजह हो सकता है। ऐसे में एंटीबायोटिक्स इस बाधा को दूर करके प्रेग्नेंट होने में मदद करते हैं। साथ ही बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से कमजोर पड़ चुके रिप्रोडक्टिव सिस्टम को भी एंटीबायोटिक्स ठीक करने का काम करते हैं। अत: एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर के साथ गर्भधारण की संभावना पर असर से ज्यादा लेना-देना नहीं है।
और पढ़ें- प्रेग्नेंट होने के लिए सेक्स के अलावा इन बातों का भी रखें ध्यान
गर्भावस्था में एंटीबायोटिक्स लेने के नुकसान
एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर तो नहीं होता है, लेकिन गर्भावस्था में इसको लेने से महिला को कई नुकसान उठाने पड़ सकते हैं। कोई महिला प्रेग्नेंट है, लेकिन उसे पता नहीं है और वह कुछ खास तरह की एंटीबायोटिक्स ले लेती है तो इससे जोखिम बढ़ सकता है। क्लिंडामाइसिन और सेफलोस्पोरिन जैसी एंटीबायोटिक्स दवाएं आमतौर पर सुरक्षित मानी जाती है, लेकिन अन्य एंटीबायोटिक्स का प्रेग्नेंसी पर नकारात्मक असर हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा पावर वाली एंटीबायोटिक्स दवाएं लेने से भ्रूण को विकास संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। जिसकी वजह से एबॉर्शन भी करवाना पड़ सकता है। इसलिए एंटीबायोटिक्स ट्रीटमेंट लेने से पहले अपनी प्रेग्नेंसी के बारे में सुनिश्चित कर लेना जरूरी है।
हर एंटीबायोटिक्स की सामग्री अलग-अलग होती है, इसिलए डॉक्टर हमेशा खुद से दवा लेने से मना करते हैं। यदि आप बीमार हैं तो अपने डॉक्टर को बता दें कि आप कंसीव करने की कोशिश कर रही हैं, तो डॉक्टर उसी के मुताबिक आपको एंटीबायोटिक्स देगा। इसके अलावा यदि आप प्रेग्नेंट है तो ट्रीटमेंट से पहले डॉक्टर को प्रेग्नेंसी के बारे में बता दें ताकि वह सुरक्षित दवा दे सकें। एंटीबायोटिक्स का फर्टिलिटी पर असर जानने के लिए डॉक्टर से बात करना सही होगा।
और पढ़ें :एम्ब्रियो ट्रांसफर से जुड़े मिथ और फैक्ट्स क्या हैं?