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Small intestine cancer: छोटी आंत का कैंसर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya


Siddharth srivastav द्वारा लिखित · अपडेटेड 17/05/2021

Small intestine cancer: छोटी आंत का कैंसर क्या है? जानिए इसके कारण, लक्षण और उपाय

परिचय

क्या होता है छोटी आंत का कैंसर (Small intestine cancer) ?

छोटी आंत का कैंसर (Small intestine cancer)  एक असामान्य प्रकार का कैंसर होता है, जो छोटी आंत में होता है। हमारी छोटी आंत को ‘‘small bowel’’ भी कहा जाता है, यह एक लंबी ट्यूब की तरह होती है जो पेट और हमारी बड़ी आंत (colon) को जोडती है और भोजन को पचाने का कार्य भी करती है।

छोटी आंत हमारे द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों से पोषक तत्वों को पचाने और अवशोषित करने के लिए होती है। इसकी सहायता से ही हार्मोन का उत्पादन होता है जो भोजन के पाचन में मदद करता है। छोटी आंत भी हमारे शरीर की रोगाणु-प्रतिरोधक क्षमता के निर्माण में बहुत बड़ी भूमिका निभाती है, क्योंकि इसमें ऐसी कोशिकाएं होती हैं जो बैक्टीरिया और वायरस से लड़ती हैं जो हमारे शरीर में मुँह के रास्ते प्रवेश करते हैं।

छोटी आंत के कैंसर का प्रकार

छोटी आंत का कैंसर (Small intestine cancer) कितने प्रकार का होता है ?

छोटी आंत के कैंसर (Small intestine cancer) मुख्यतः 5 प्रकार के होते है, जो निम्न हैं-

एडेनोकार्सिनोमस (Adenocarcinomas)- एडेनोकार्सिनोमा एक ऐसे प्रकार का कैंसर है, जो शरीर के कई अंगों को प्रभावित कर सकता है। आमतौर पर ये कैंसर पेट(छोटी आंत), ब्रेस्ट, एसोफैगस, पैंक्रियाज और फेफड़ों में पाया जाता है। भारत में ये कैंसर सबसे ज्यादा लंग्स यानी फेफड़ों में होता है। यह बड़ी संख्या में वयस्कों को प्रभावित करता है। फेफड़ें के कैंसर में टिश्‍युज की असामान्य वृद्धि होती है, जो सबसे अधिक ब्रांकाई में शुरू होती है, और पूरे फेफड़े के ऊतकों में फैलती है।

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सारकोमा (Sarcoma)- छोटी आंत के नरम उत्तकों में विकसित हुए कैंसर की कोशिकाएं को सारकोमा कहते हैं, यह कैंसर हड्डी या शरीर के कोमल ऊतकों में शुरू होता है, जिसमें उपास्थि, वसा, मांसपेशियों, रक्त वाहिकाओं, रेशेदार ऊतक या अन्य संयोजी या सहायक ऊतक शामिल हैं।

कार्सिनॉइड ट्यूमर (Carcinoid tumors)- ये धीमी गति से बढ़ने वाले कैंसर होते हैं जो अक्सर छोटी आंत के निचले हिस्से में शुरू होते हैं। ये आपके परिशिष्ट या मलाशय को भी प्रभावित कर सकते हैं। ये ट्यूमर कुछ शरीर के रसायनों की बड़ी मात्रा को बंद कर देते हैं, जैसे सेरोटोनिन (serotonin) ।

गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (Gastrointestinal stromal tumors)- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल स्ट्रोमल ट्यूमर (GISTs) छोटी आंत के कैंसर का एक दुर्लभ रूप होता है। यह अधिक्तर पेट में शुरू होते हैं। सभी GISTs कैंसर नहीं हैं।

आंतों का लिम्फोमा (Intestinal lymphomas)- लिंफोमा वह कैंसर है जो लिम्फ नोड्स में शुरू होता है। इस कैंसर की वजह से इम्यूनोडिफ़िशियेंसी विकार की शुरुआत होती है। जिसके कारण हमारे शरीर की प्राकृतिक रक्षा प्रणाली कमजोर हो जाती है और हमारा शरीर संक्रमण और बीमारी से नहीं लड़ पाता है।

कारण

छोटी आंत के कैंसर (Small intestine cancer) का कारण और जोखिम क्या है?

चिकित्सकों को अभी तक छोटी आंत के कैंसर के होने का सटीक कारणों का पता नहीं चल पाया है। सामान्य तौर पर, छोटे आंत्र के कैंसर तब शुरू होते हैं जब छोटी आंत्र में स्वस्थ कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन (म्यूटेशन) विकसित करती हैं। एक सेल के डीएनए में निर्देशों का एक सेट होता है जो एक सेल को बताता है कि क्या करना है।

स्वस्थ कोशिकाएं आपके शरीर को सामान्य रूप से काम करने के लिए एक क्रमबद्ध तरीके से विकसित होती हैं । लेकिन जब किसी कोशिका का डीएनए क्षतिग्रस्त हो जाता है तो उसके कैंसर बन जाने सम्भावना अधिक बढ़ जाती है, ये छतिग्रस्त कोशिकाएँ  कई कोशिकाओं में विभाजित होती रहती हैं  वह भी तब जब नई कोशिकाओं की आवश्यकता नहीं होती है। यही कोशिकाएं इकट्ठी (जमा) होकर ट्यूमर बन जाती हैं।

समय के साथ, कैंसर युक्त कोशिकाएं आसपास के सामान्य ऊतकों को भी नष्ट कर सकती हैं और कैंसर वाली कोशिकाएँ शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं जिसके कारण कैंसर बनने की सम्भावना बढ़ जाती है |

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जोखिम

छोटे आंत के कैंसर के जोखिम को बढ़ाने वाले कारकों में निम्न कारक शामिल हैं:

पारिवारिक जीन म्यूटेशन:  कुछ जीन म्यूटेशन जो माता-पिता से विरासत में मिले होते हैं वे छोटे आंत्र कैंसर और अन्य कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए लिंच सिंड्रोम, पारिवारिक एडिनोमेटस पॉलीपोसिस (FAP) और Peutz-Jeghers सिंड्रोम शामिल हैं।

अन्य आंत से सम्बन्धित रोग (Other bowel diseases)- आंतों को प्रभावित करने वाले अन्य रोगों जैसे क्रोहन ( Crohn) रोग, सूआंत में सूजन और सीलिएक (celiac) रोग सहित कई रोग छोटे आंत्र  के कैंसर का खतरा बढ़ा सकतें है।

कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली:  यदि आपके शरीर की रोगाणु-प्रतिरोधक (इम्यून सिस्टम) क्षमता कमजोर हो जाती है, तो आपको छोटे आंत्र कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। जैसे कि एचआईवी संक्रमण वाला व्यक्ति |

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लक्षण

छोटी आंत के कैंसर का लक्षण क्या हैं?

लक्षण

यदि आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई दे, तो अपनेडॉक्टर से तुरंत परामर्श लेना चाहिए, जो कि छोटी आंत के कैंसर या किसी और रोग का कारण हो सकता है:

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परिक्षण

छोटी आंत के कैंसर का परिक्षण कैसे करें?

आपका डॉक्टर पूरी तरह से संतुष्ट होने के लिए आपका पूरा चिकित्सीय परिक्षण कर सकता है, इसके साथ साथ वह आपके मेडिकल इतिहास और आपके द्वारा महसूस की जा रही समस्या और लक्षणों के बारे में भी पूछ सकता है ।

इमेजिंग परीक्षण (imaging tests): इस परिक्षण की सहायता से आपके छोटे आंत्र की आंतरिक तस्वीरें बनाई  हैं ताकि चिकित्सक यह देख सके कि क्या छोटी आंत में कैंसर मौजूद है और और अगर मौजूद है तो वह कहाँ तक फैल गया चूका है । इस टेस्ट में एक्स-रे, सीटी स्कैन या एमआरआई कुछ भी शामिल हो सकता है ।

एंडोस्कोपी (endoscopy ): यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी सहयता से आपका डॉक्टर आपके घुटकी (आहारनाल), पेट, और आपकी छोटी आंत के पहले भाग को देखता है। इस विधि में एक लंबी, पतली और लचीली ट्यूब होती है, जिसके एक सिरे पर एक लाइट और एक कैमरा लगा होता है। कैमरे की मदद से ली गई तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर भेजी जाती हैं ।

इसके साथ साथ कुछ और भी परीक्षण हैं जिन्हें आपका डाॅक्टर करवा सकता है-

  • ब्लड टेस्ट
  • लिवर फंक्शन टेस्ट
  • फेकल अकल्ट ब्लड टेस्ट
  • लिम्फ नोड्स बायोप्सी
  • लैपरोटोमी

उपचार

छोटी आंत के कैंसर का उपचार कैसे किया जा सकता हैं?

छोटी आंत के ईलाज के लिए आपका चिकित्सक किस उपचार विधि का उपयोग कर सकता है यह कई बातों पर निर्भर करता है, जैसे कि कैंसर का प्रकार, और क्या कैंसर फैल गया है अगर फैल गया है तो कहाँ तक फ़ैल गया है ।

सर्जरी-  यह सबसे आम उपचार विधि है । इसकी सहायता से आपका सर्जन छोटी आंत के उस हिस्से को निकाल सकता है जिसमें कैंसर होता है । या वह “बायपास‘ सर्जरी कर सकता है ताकि भोजन ट्यूमर के चारों ओर से  जा सके जिसे हटाया नहीं जा सकता है ।

यहां तक कि अगर डॉक्टर सर्जरी के दौरान कैंसर को निकाल भी देता है, तो भी वह संतष्ट होने के लिए विकिरण चिकित्सा (radiation therapy) को भी करा सकता है है। इसमें कैंसर की कोशिकाओं को ख़त्म करने के लिए हाई एनेर्जी एक्स-रे का उपयोग किया जाता है।

कीमोथेरेपी (कीमो): ये ऐसी दवा हैं जिन्हें आप मुंह से या आईवी ट्यूब के माध्यम से ले सकते हैं। कीमो थेरेपी कैंसरयुक्त कोशिकाओं को ठीक करने में सहायक होने के साथ साथ बढ़ने से भी रोकता हैं।

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बचाव

छोटे आंत के कैंसर (Small intestine cancer) से कैसे खुद का बचाव किया जा सकता है ?

यह स्पष्ट नहीं है कि छोटे आंत्र कैंसर के जोखिम को कम करने में क्या मदद मिल सकती है, क्योंकि यह बहुत ही असामान्य कैंसर होता है। यदि आप खुद सामान्य रूप से कैंसर के जोखिम को कम करने में रुचि रखते हैं, तो इन्हें हम नियमित रूप से पाने दिनचर्या में अपना सकते हैं |

फल, सब्जियां, साबुत अनाज  का सेवन- फलों, सब्जियों और साबुत अनाज में विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट होते हैं, जो कैंसर और अन्य बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकते हैं।

शराब का सेवन- यदि आप शराब का सेवन करते हैं, तो आपको एक दिन में एक ड्रिंक से अधिक का सेवन न करें |

धूम्रपान- धूम्रपान एक बड़ा कारण हो सकता है छोटी आंत के कैंसर का,अगर धुम्रपान का सेवन न किया जाए तो हम इससे बच सकते हैं।

व्यायाम- सप्ताह के अधिकांश दिनों में कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करने की कोशिश करना चाहिए। यदि आपको वर्कआउट करने की आदत नहीं है तो, इसे धीरे-धीरे शुरू करना चाहिए। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से संपर्क करें।

आपको इस आर्टिकल के माध्यम से छोटे आंत के कैंसर (Small intestine cancer)  के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर मन में अधिक प्रश्न हैं, तो बेहतर होगा कि इस बारे में डॉक्टर से पूछें। आप स्वास्थ्य संबंधी अधिक जानकारी के लिए हैलो स्वास्थ्य की वेबसाइट विजिट कर सकते हैं। अगर आपके मन में कोई प्रश्न है, तो हैलो स्वास्थ्य के फेसबुक पेज में आप कमेंट बॉक्स में प्रश्न पूछ सकते हैं और अन्य लोगों के साथ साझा कर सकते हैं।

डिस्क्लेमर

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