के द्वारा एक्स्पर्टली रिव्यूड डॉ. पूजा दाफळ · Hello Swasthya
हमारे शरीर में जो भी बीमारी होती हैं उसका कोई न कोई कारण होता है। ऐसा बिल्कुल जरूरी नहीं है कि प्रत्येक बीमारी होने का एक ही कारण हो। हर बीमारी के अलग कारण होते हैं। हम बात करें पोम्पे रोग (Pompe disease) की तो इसके होने का एक सबसे बड़ा कारण आनुवंशिकता है। पोम्पे रोग को आनुवंशिक विकार कहा जाता है। जिसमें शरीर की कोशिकाओं में ग्लाइकोजन नाम की जटिल शर्करा का निर्माण होता है। ऐसा एसिड अल्फा ग्लूकोसिडेज (जीएए) नामक एक एंजाइम की कमी के परिणामस्वरूप होता है, जो शरीर में जटिल शर्करा को तोड़ता है। यह आपके बिल्डअप अंगों और ऊतकों में होता है। यह खास करके मांसपेशियों में होता है, जिससे वे टूट जाती हैं। जीएए जीन में उत्परिवर्तन, जो ग्लाइकोजन को तोड़ने में मदद करता है, इस विकार का कारण बनता है।
वैसे पोम्पे रोग साधारण तीन प्रकार के हो सकते हैं।
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बच्चों में दिखने वाले लक्षण
पोम्पे रोग जब आपके शरीर में होने लगता है तो प्रत्येक व्यक्ति में इसके अलग-अलग लक्षण देखने को मिलते हैं। यदि यह कुछ महीने और 1 साल की उम्र के बीच के बच्चों में शुरू होते हैं तो बच्चों में पोम्पे रोग के लक्षण इस प्रकार दिखाई दे सकते हैं।
बड़ों में दिखने वाले लक्षण
यदि आप बड़े हैं तो आपमें बच्चों की अपेक्षा इसके लक्षण अलग दिखाई दे सकते हैं। आपकी उम्र यदि अधिक है तो इसका मतलब होगी कि यह देर से शुरु होने वाले पोम्पे रोग का रुप है। पोम्पे रोग का यह प्रकार धीरे-धीरे आगे बढ़ता है और यह आमतौर पर आपके दिल पर अटैक नहीं करता है, बड़े लोगों में पोम्पे रोग के लक्षण इस प्रकार दिखाई दे सकते हैं।
पोम्पे रोग आमतौर पर आपको अपने माता-पिता से मिलता है। पोम्पे रोग का का सबसे बड़ा कारण आनुवंशिकता होती है। पोम्पे रोग के जीन आनुवंशिकता से आते हैं। यह आपको केवल जन्म से ही मिलते हैं, लेकिन कुछ लोगों में इनके लक्षण जल्दी दिखाई देते हैं कुछ लोगों में लक्षण काफी बाद में दिखाई देते हैं।
पोम्पे रोग का निदान क्या है?
यदि आपके अंदर पोम्पे रोग के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो डॉक्टर के पास जाकर आप अपना निदान करवा सकते हैं। आपका डॉक्टर यह जानने में आपकी मदद कर सकता है कि पोम्पे रोग का निदान कैसे होगा और इसके बाद इसका इलाज कैसे किया जाएगा।
यदि आपके डॉक्टर को लगता है कि आपको पोम्पे की बीमारी हो सकती है, तो अक्सर इन परीक्षणों की पुष्टि की जाती है-
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पोम्पे रोग के इलाज में एंजाइम रिप्लेसमेंट थेरिपी (ईआरटी) सभी पोम्पे रोगियों के लिए एक बेहतर इलाज माना जाता है। एल्ग्लुकोसिडेज अल्फा नाम की एक दवा को आपके शरीर में (नस के अंदर) लगाया जाता है। यह एक आनुवंशिक रूप से इंजीनियर एंजाइम होता है जो स्वाभाविक रूप से पाए जाने वाले एसिड एल्फा ग्लूकोसिडेज एंजाइम की तरह काम करता है। बच्चों में पोम्पे रोग का इलाज जल्दी करने से उनका शरीर को कम क्षति पहुंचती है। इलाज के बाद आपके हृदय चिकित्सक, श्वसन चिकित्सक, न्यूरोलॉजिस्ट आदि आपके लक्षणों का दोबारा जांच कर सकते हैं और पोम्पे रोग वाले लोगों के लिए सहायक देखभाल की पेशकश कर सकते हैं। अपने आपको तसल्ली देने के लिए आप डॉक्टर से अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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इलाज के बाद क्या उम्मीद करें?
क्योंकि पोम्पे रोग शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित कर सकता है, इसलिए विशेषज्ञों की एक टीम का देखना सबसे अच्छा है जो इस बीमारी को अच्छी तरह से जानते हैं और आपके लक्षणों को प्रबंधित करने में मदद कर सकते हैं। जो इस प्रकार हो सकते हैं।
वैसे तो जीवन में बाद में भी ये रोग हो सकता है, लेकिन बाद में यह गंभीर हो जाता है। शिशुओं का इलाज किया जा सकता है, क्योंकि उनके लक्षण अधिक तेजी से सामने आते हैं और जल्दी प्रगति करते हैं। देर से शुरू होने वाले पोम्पे रोग के साथ, मांसपेशियों की कमजोरी समय के साथ मांसपेशियों की खराबी हो जाती है और आखिर में गंभीर सांस लेने की समस्याओं को जन्म देती है। वैसे इसका कोई इलाज नहीं है, लेकिन इलाज आपके लक्षणों से राहत दे सकता है और लोगों को लंबे समय तक जीने में मदद कर सकता है।
पोम्पे रोग की जटिलताओं क्या हैं?
उपचार के बिना, पोम्पे रोग वाले शिशुओं की मृत्यु होने की संभावना होती है, पोम्पे रोग वाले लोगों में से कई को श्वसन (सांस) की समस्याएं, हृदय की समस्याएं होती हैं, तो वहीं लगभग सभी रोगी मांसपेशियों की कमजोरी से ग्रस्त होते हैं। अधिकांश लोगों को किसी भी समय ऑक्सीजन और व्हीलचेयर का उपयोग करना पड़ सकता है।
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