शारीरिक परीक्षण करने के बाद जब डॉक्टर को लगता है कि आपको चगास रोग है तो वह ब्लड टेस्ट के लिए कहेगा। साथ ही चगास रोग का आपकी आंत और हृदय पर क्या असर हुआ है इसकी जांच के लिए डॉक्टर अन्य टेस्ट भी कर सकता है।
चगास रोग का उपचार कैसे किया जाता है?
चगास रोग के उपचार में मुख्य रूप से पैरासाइट को खत्म करने और इसके लक्षणों को ठीक करने पर फोकस होता है। रोग के शुरुआती चरण में बेंजनिडाजोल और निफर्टिमॉक्स जैसी प्रिस्क्राइब्ड दवा फायदेमंद होती है। पहले चरण में पता लगने पर इसके लक्षणों का उपचार करके इसे ठीक किया जा सकता है, लेकिन कम ही मामलों में लोगों को लक्षण नजर आते हैं और यही सबसे बड़ी परेशानी है।
चगास रोग एक बाद यदि दूसरे चरण यानी क्रॉनिक फेज में पहुंच जाता है तो दवाओं से भी इसका इलाज नहीं किया जा सकता, लेकिन 50 साल से कम उम्र के लोगों को दवा दी जा सकती है ताकि रोग के विकास और इसको अधिक जटिल होने से रोका जा सके। चगास रोग के लिए अतिरिक्त उपचार स्थिति की गंभीरता और लक्षणों पर निर्भर करता हैः
हृदय संबंधी जटिलता होने पर- इस स्थिति में दवा, पेसमेकर और अन्य उपकरणों की मदद से हॉर्ट रिदम का सामान्य रखने की कोशिश की जाती है। सर्जरी या हार्ट ट्रांसप्लांट भी किया जा सकता है।
पाचन संबंधी जटिलता- इस तरह की समस्या होने पर डायट में बदलाव करने के साथ ही, दवा का सहारा लिया जाता है। गंभीर मामलों में सर्जरी की जा सकती है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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