आमतौर पर डॉक्टर प्रेग्नेंसी में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के उपचार के लिए किसी भी तरह के दवा के सेवन की सलाह नहीं देते हैं। क्योंकि, इसकी संभावना होती है कि, ये महिला के गर्भ में पल रहे बच्चे को भी प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए, डॉक्टर सलाह देते हैं कि महिला को अधिक से अधिक आराम करना चाहिए और हेल्दी लाइफस्टाइल को फॉलो करना चाहिए।
पता करें फैमिली हिस्ट्री (Family History)
इसके अलावा अगर महिला की मां को गर्भावस्था के दौरान इस तरह की कोई समस्या हुई थी, तो प्रेग्नेंसी प्लानिंग करते समय महिला को अपने डॉक्टर से इसके बारे में सलाह लेनी चाहिए। ताकि, प्रेग्नेंसी में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम के लक्षणों को कम किया जा सके।
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एनीमिया का टेस्ट कराएं (Anemia Test)
आमतौर पर इसकी समस्या शरीर में खून की कमी यानी एनीमिया के कारण भी हो सकता है। इसलिए शरीर के लिए जरूरी टेस्ट कराएं। और आयरन से भरपूर आहार जैसे- पालक, बीन्स, छोले और सूखे मेवों को अपनी डायट में शामिल करें। इससे शरीर में आयरन की भरपाई भी होगी और दिल भी स्वस्थ रहेगा।
हीटिंग पैड का इस्तेमाल करें (Heating pad)
जब भी पैरों में ऐंठन या झनझनाहट का अनुभव करें, तो उससे राहत पाने के लिए आप हीटिंग पैड या आइस पैक का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
गुनगुने पानी में पैर डालें (Soak feet in lukewarm water)
प्रेग्नेंसी में रेस्टलेस लेग सिंड्रोम की समस्या से राहत पाने के लिए गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना काफी लाभदायक हो सकता है। इसके लिए किसी टब या बकेट में हल्का गुनगुना पानी भरें। फिर उसमें अपने दोनों पैर को डालकर रखें। जब पैरों का ऐंठन कम हो जाएं, तो पैर को बाहर निकाल लें और पैर से पानी सूखा कर लें। इससे आपको अच्छी नींद भी आएगी।
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