कॉर्ड ब्लड बैंकिंग का चयन क्यों किया जाता है?
कॉर्ड ब्लड को इसलिए भी महत्वपूर्ण समझा जाता है कि यह स्टेम सेल्स के अच्छे स्त्रोत में से एक है। ये कोशिकाएं बोन मैरो में पाई जाने वाली कोशिकाओं जैसी होती हैं। स्टेम सेल्स ब्लड और इम्यून सिस्टम का मूलभूत आधार होती हैं।
मूल कोशिकाओं को रेड ब्लड सेल्स और व्हाइट ब्लड सेल्स तथा प्लेटलेट्स में विकसित और परिपक्व होने की क्षमता होती है। इसलिए ये उत्तकों, अंगों और ब्लड वैसेल्स को ठीक करने में मदद कर सकती है। ह्यूमन बॉडी के हर हिस्से में कुछ स्टेम सेल्स मौजूद होती हैं, मगर इनमें से अधिकांश इतना भरपूर स्त्रोत नहीं होती कि इन्हें चिकित्सकीय उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल किया जा सके।
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उदाहरण के लिए ल्यूकेमिया जैसी स्वास्थ्य स्थिति से ग्रस्त मरीजों में अस्वस्थ कोशिकाओं को शरीर से निकालने और सामान्य रक्त कोशिकाओं का उत्पादन फिर से शुरू करने के लिए अक्सर कीमोथैरेपी की मदद ली जाती है। जब सामान्य रक्त कोशिकाओं का उत्पादन फिर से शुरू हो जाता है, तो इस बीमारी की स्थिति में सुधार आता है।
बहरहाल, यदि यह इलाज असफल हो जाए और बीमारी का खतरा दोबारा हो तो डॉक्टर अक्सर चिकित्सा योजना में स्टेम सेल ट्रांसप्लांट को भी शामिल कर लेते हैं। हेल्दी डोनर के कॉर्ड ब्लड में मौजूद स्टेम सेल्स के ट्रांस्फ्यूजन से नए ब्लड और इम्यून सिस्टम को तैयार किया जा सकता है और मरीज के पूरी तरह स्वस्थ होने की संभावना काफी ज्यादा होती है।
बोन मैरो में मौजूद स्टेम सेल्स आज स्टेम सेल्स के सबसे कॉमन सोर्स हैं। इनसे भिन्न कॉर्ड ब्लड में मौजूद स्टेम सेल्स अपरिपक्व होती हैं और उन्हें अभी बाहरी तत्वों से लड़ना नहीं आता है। इसके परिणामस्वरूप, जिन मरीजों को गर्भनाल रक्त से स्टेम सेल्स प्राप्त होती हैं, उनके इस ट्रांसफ्यूजन को खारिज करने की संभावना काफी कम होती है।
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कॉर्ड ब्लड स्टेम सेल्स से कौन से रोगों का ट्रीटमेंट किया जा सकता है?
कॉर्ड ब्लड मूल कोशिकाओं का इस्तेमाल विभिन्न देशों में बहुत सी अलग-अलग बीमारियों के इलाज में सफलतापूर्वक किया गया है। इन बीमारियों में निम्नलिखित शामिल हैं।