के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya
सोफ्रामायसिन दवा का इस्तेमाल और उसका डोज बीमारी और किस अंग का इलाज करना है उस पर निर्भर करता है। सोफ्रामायसिन का इस्तेमाल बैक्टीरिया के कारण होने वाले इंफेक्शन को ठीक करने के लिए किया जाता है। यह दवा क्रीम, पाउडर या ड्राॅप में उपलब्ध है। सामान्यत: स्किन, आंख और कान के इंफेक्शन को इससे ठीक करते हैं। एक्सपर्ट बताते हैं कि इसका इस्तेमाल वायरल इंफेक्शन के कारण होने वाली समस्या को ठीक करने के लिए नहीं किया जाता बल्कि सिर्फ व सिर्फ बैक्टीरियल इंफेक्शन को ठीक करने के लिए किया जाता है। वहीं बता दें कि यह अमीनोग्लाकोसाइड्स (Aminoglycosides), टाॅपिकल एंटीबॉयोटिक, आंख व कान एंटी इंफेक्टिव कैटेगरी में आती है।
सोफ्रामायसिन में मौजूद तत्व : सोफ्रामायसिन में फ्रायमाइसिन टॉपिकल साॅल्ट इसके मेजर इंग्रीडिएंट्स में से एक है। सोफ्रामायसिन में करीब यह एक फीसदी होता है। वहीं यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप किस प्रकार के डोज की खरीदारी कर रहे हैं। ठीक उसी प्रकार से सॉल्ट का कंसंट्रेशन अलग-अलग होता है।
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सोफ्रामायसिन क्रीम के साथ ड्राॅप में उपलब्ध होता है। इसका डोज इस बात पर निर्भर करता है कि आप उसे किस अंग पर लगाते हैं। क्रीम की बात करें तो यदि आप डोज मिस कर देते हैं तो जितना जल्दी संभव हो उतनी जल्दी लगा लें तो यह उचित होगा। वहीं यदि दूसरे डोज के आने तक आपको याद नहीं रहता है तो उसे छोड़ना ही सही रहेगा, फिर आने वाले समय से तय समय पर इसका इस्तेमाल करें। डोज मिस हो जाए तो उस स्थिति में डबल डोज न लगाएं।
वहीं ड्राॅप की बात करें तो यदि आपके कान के पर्दे में छेद है तो कतई न लगाएं, सामान्य है तो डॉक्टर के कहे अनुसार ही ड्राॅप डालें। वहीं डॉक्टर और फार्मासिस्ट के कहे अनुसार ही दवा का उपयोग करें। व्यस्कों को शुरुआत के दो घंटों में एक या दो ड्राॅप डालना है। ऐसा कर तीन बार लगाना है। वहीं कान में यदि समस्या है तो दो से तीन बूंद कान में तीन बार डालना है।
आंख व कान के लिए ड्रॉप : यदि आप इस दवा के ड्राॅप का इस्तेमाल आंख व कान में कर रहे हैं तो जरूरी है कि दवा पर लिखे इंस्ट्रक्शन को अच्छे से पढ़ लें। वहीं दवा की पैकेजिंग के अंदर भी इंस्ट्रक्शन दिया होता है उसे अच्छे से स्टडी कर लें। जल्दी ठीक होने की चाह में डॉक्टर द्वारा बताए गए ड्राॅप से कतई ज्यादा ड्राॅप न डालें। ऐसे में न केवल साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं बल्कि मेडिकल इमरजेंसी की भी जरूरत पड़ सकती है। वहीं ट्रीटमेंट के पूरे कोर्स तक इसे करें। डॉक्टर को बिना बताए न तो दवा शुरू करें और न ही दवा को बंद करें।
टॉपिकल यूज: डॉक्टर के अनुसार बताई गई जगह (प्रभावित स्किन) पर ही दवा का इस्तेमाल करें। वहीं दवा के पैकेज के अंदर दिए गए निर्देशों को पढ़कर उसका अच्छी तरह पालन करें। जितना बताया गया है उतना ही लगाएं, ज्यादा लगाना और कम लगाना नुकसानदेह हो सकता है वहीं साइड इफेक्ट होने के साथ कोई अन्य बीमारी हो सकती है।
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