के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
हेयर ट्रांसप्लांट यानी बालों का प्रत्यारोपण, ये एक प्रकार की सर्जरी है। इसमें जिनके सिर पर बाल नहीं है या बाल झड़ गए हैं, उनके सिर पर डर्मेटोलॉजिकल सर्जन हेयर ट्रांसप्लांटेशन की सहायता से हेयर ग्रो कराते हैं। हेयर ट्रांसप्लाट का मुख्य उद्देश्य सिर पर बालों की संख्या में इजाफा या बालों को घना करना है।
हेयर ट्रांसप्लांट की जरूरत उन्हें पड़ती है जो गंजे होते है या उनके सिर पर बाल कम होते हैं। ऐसे में ही डॉक्टर हेयर ट्रांसप्लांट कराने की सलाह देते हैं।
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हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया हर किसी के लिए सुरक्षित नहीं होती है। हेयर ट्रांसप्लांट उन्हें ही कराने को कहा जाता है जो :
कुछ लोगों के लिए हेयर ट्रांसप्लांट अच्छा विकल्प नहीं है :
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हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी को सुरक्षित माना जाता है। लेकिन, हर सर्जरी की तरह इस सर्जरी के भी थोड़े रिस्क हैं :
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कभी-कभी वास्तविक बाल झड़ जाते हैं, लेकिन फिर बाद में आ भी जाते हैं। इस तरह के हेयर फॉल को शॉक लॉस कहते हैं। कई बार सर्जरी सफल नहीं होती है ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट दोबारा करना पड़ सकता है। एनस्थीसिया के बाद थोड़ा असहज महसूस होता है। स्कैल्प में सूजन जैसी समस्या भी हो सकती है। इसके साथ ही सिर की त्वचा पर घाव के निशान से उभर जाते हैं और खुजली भी हो सकती है। डोनर द्वारा दिए गए बालों को ट्रांसप्लांट करने के बाद सिर पर पपड़ी पड़ सकती है और भविष्य में ट्रांसप्लांट कराए गए बाल झड़ सकते हैं।
जरूरी नहीं की ये समस्याएं सभी के साथ हो, लेकिन फिर भी आपको सभी तरह के जोखिम के बारे में जान लेना चाहिए।
हेयर ट्रांसप्लांट की प्रक्रिया आपके ट्रांसप्लांट कराने के प्रकार पर निर्भर करता है। हेयर ट्रांसप्लांट के लिए कुछ सामान्य गाइडलाइन हैं :
हेयर ट्रांसप्लांट सर्जरी की प्रक्रिया बहुत ज्यादा प्रचलन में है।
फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी में सिर के त्वचा की स्ट्रीप हटाई जाती है। इसके बाद उस स्थान को बालों से ढका जाता है। सबसे पहले आपके सिर को सुन्न किया जाता है। इसके बाद सर्झन आपके स्कैल्प की स्ट्रीप निकाल कर छोटे-छोटे छेद (Graft) बनाते हैं। इसके बाद उसमें एक या कुछ बालों को डाला जाता है। इससे गंजे हुए भाग पर बालों का प्रत्यारोपण किया जाता है। जिसमें रिसिपिएंट साइट कहते हैं।
इस हेयर ट्रांसप्लांट की कीमत आपके ग्राफ्टिंग के आधार पर तय होती है। ये उनके लिए फायदेमंद होता है जिन्हें कम जगह पर ही ग्राफ्टिंग करानी होती है। वहीं, फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी का एक नुकसान ये है कि जहां पर बालों का प्रत्यारोपण किया जाता है वहां पर चोट या पपड़ी जम जाती है। कुछ लोगों के सिर में सूजन जैसी समस्या भी सामने आती है।
फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन सर्जरी करने से पहले आपके सिर को सुन्न किया जाता है। इसमें सिर में सभी जगह पर छेद कर के बालों को रोपा जाता है। जिसके बाद बालों के जड़ों पर बहुत छोटे डॉट्स पता चलते हैं। बाकी पूरा सिर बालों से ढक दिया जाता है। फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी (FUSS) की तुलना में जल्दी रिकवर होती है। साथ ही रिस्क और घाव होने के मौके भी बहुत कम होते हैं। वहीं फॉलिक्यूलर यूनिट एक्सट्रैक्शन (FUE) विधि की तुलना में फॉलिक्यूलर यूनिट स्ट्रीप सर्जरी (FUSS) ज्यादा महंगी होती है।
डिस्क्लेमर
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