इस इमेज में बोन फ्रैक्चर के अलग-अलग प्रकार को दिखाया गया है। वहीं स्पायरल फ्रैक्चर (Spiral Fracture) के इमेज पर अगर गौर करें, तो इस फ्रैक्चर के दौरान हड्डी दो अलग-अलग हिस्सों में नजर में आ रही है। हालांकि स्पायरल फ्रैक्चर होने पर इसके अलग-अलग लक्षण भी महसूस किये जा सकते हैं।
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स्पायरल फ्रैक्चर के लक्षण क्या हैं? (Symptoms of Spiral Fracture)
नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट्स के अनुसार स्पायरल फ्रैक्चर (Spiral Fracture) सबसे तकलीफदेह फ्रैक्चर्स में से एक माना जाता है। स्पायरल फ्रैक्चर होने की स्थिति में फैक्चर वाले एरिया में तेज दर्द (Pain) महसूस होता है। हालांकि अगर इंजरी (Injury) गंभीर है, तो तकलीफ भी ज्यादा होगी। इसी के साथ इसके निम्नलिखित लक्षण हो सकते हैं। जैस:
- हड्डी में जकड़न महसूस (Bone stiffness) होना।
- फ्रैक्चर वाले पार्ट से मूवमेंट ना कर पाना।
- फ्रैक्चर वाले एरिया पर सूजन (Swelling) और लाली (Redness) आना।
- फ्रैक्चर वाला एरिया अत्यधिक सॉफ्ट (Tenderness) होना।
बोन में स्पायरल फ्रैक्चर (Spiral Fracture) होने पर ऊपर बताये लक्षण हो सकते हैं, लेकिन अगर इसके साथ-साथ स्किन फ्रैक्चर भी हो जाए, तो ब्लीडिंग की समस्या भी हो सकती है।
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स्पायरल फ्रैक्चर के कारण क्या हैं? (Cause of Spiral Fracture)
स्पायरल फ्रैक्चर या टॉर्सन फ्रैक्चर (Torsion fracture) तब होता है, जब आपकी बॉडी तेज गति में हो और शरीर का कोई एक हिस्से जैसे पैर अगर में अचानक से चोट लग जाए। इस दौरान बॉडी के अत्यधिक मोशन में होने की वजह से शरीर का हिस्सा आगे बढ़ जाता है, जिसका नतीजा टूटी हुई हड्डी पर ज्यादा दवाब पड़ जाता है। स्पायरल फ्रैक्चर विशेष रूप से स्पोर्ट्स इंजरी (Sports injuries) या गिरने की वजह से होने वाली फ्रैक्चर है। स्पायरल फ्रैक्चर या टॉर्सन फ्रैक्चर सबसे ज्यादा शरीर की लंबी हड्डी को ही अपना शिकार बनाती है, जैसे टिबिया (Tibia) बोन।
अगर स्पायरल फ्रैक्चर छोटे बच्चों में हो जाये, तो इसे टोडलर्स फ्रैक्चर (Toddler’s fractures) कहा जाता है। इस दौरान हड्डी ट्विस्ट हो जाती है या हड्डी पर ज्यादा जोड़ पड़ जाता है। वहीं बच्चों में टोडलर्स फ्रैक्चर के अलावा ग्रीनस्टिक फ्रैक्चर (Greenstick fractures) की समस्या भी देखी जाती है, क्यों बच्चों की हड्डियां अत्यधिक सॉफ्ट होती हैं।
वयस्कों में स्पायरल फ्रैक्चर के निम्नलिखित कारण हो सकते हैं। जैसे:
- टिबिया (Tibia) या शिंबोन (Shinbone) का टूटना।
- फीबुला (Fibula) या कोई अन्य छोटी हड्डी का टूटना, जो टिबिया के पैरलर हो।
- टिबिया (Tibia) और फीबुला के पास मौजूद टेलस/टालिस (Talus) बोन का टूटना।
- फीमर (Femur) और थाइबोन (Thighbone) का टूटना।
- हुमेरस (Humerus) या अपर आर्म (Upper arm) के हड्डी का टूटना।
- उंगलियों की हड्डियों (Fingers bones) का टूटना।