हो सकता है ऊपर दिए गए लक्षणों में कुछ लक्षण शामिल न हो। अगर आपको किसी भी लक्षण के बारे में कोई चिंता है, तो कृपया डॉक्टर से परामर्श करें।
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कब लें डॉक्टर की मदद?
अगर आपको ऊपर बताया गया कोई भी लक्षण दिखे, तो अपने डॉक्टर से परामर्श लें। हर किसी का शरीर अलग तरीके से कार्य करता है इसलिए अपने डॉक्टर से सलाह लेना सबसे अच्छा होता है।
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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCFs) के क्या कारण होते हैं?
ऑस्टियोपोरोसिस : गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस (कमजोर, भंगुर हड्डियों) वाले लोगों में, वीसीएफ साधारण दैनिक गतिविधियों के कारण भी हो सकता है, जैसे कि तेजी से छींकना या किसी वस्तु को उठाना आदि। कम गंभीर ऑस्टियोपोरोसिस वाले लोगों में, वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) आमतौर पर गिरने या किसी भारी वस्तु को उठाने का प्रयास करने की वजह से होता है। ऑस्टियोपोरोसिस के रोगियों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) सबसे आम फ्रैक्चर है, जो विश्व भर में लगभग 750,000 लोगों को हर साल प्रभावित करता है। 80 की उम्र में लगभग 40% महिलाओं यह होती है। हालांकि, वृद्ध पुरुषों की तुलना में महिलाओं में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर (VCF) कहीं अधिक आम है।
बढ़ती उम्र : बढ़ती उम्र के साथ लोगों में बोन मिनरल डेंसिटी घटने लगती है। ऐसे में हड्डियों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का रिस्क बढ़ रहा है, खासकर स्पाइन में। वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर तब होता है, जब स्पाइन की कमजोर हड्डी क्षतिग्रस्त हो जाती है। इसमें बैक पेन अधिक होता है। जब कई हड्डियां क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, तो लंबाई पर असर पड़ने के साथ बॉडी पोस्चर भी प्रभावित होती है। कई मरीजों में दर्द लगातार होता है, क्योंकि लगातार हड्डियां क्षतिग्रस्त होती रहती हैं।
चोट लगना : एक्सीडेंट या चोट लगने से रीढ़ की हड्डी पर बहुत अधिक दबाव बन जाता है जिससे इसमें फ्रैक्चर हो सकता है। जिन लोगों को ऑस्टियोपोरोसिस, ट्यूमर या कुछ प्रकार के कैंसर होते हैं, उन्हें दबाव के कारण होने वाले वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का खतरा अधिक होता है।
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कंप्रेशन फ्रैक्चर का खतरा किन्हें ज्यादा होता है?
निम्नलिखित लोगों में वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर के लिए एक उच्च जोखिम होता है:
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वर्टेब्रल कंप्रेशन फ्रैक्चर का पता कैसे लगाया जाता है ?
कंप्रेशन फ्रैक्चर होने पर ज़्यादातर आपको आपातकालीन स्थिति में अस्पताल ले जाया जाता है। इसके परीक्षण के लिए डॉक्टर रीढ़ की हड्डी की जाँच करते हैं। रीढ़ की हड्डी में फ्रैक्चर के निदान के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं –
सीटी स्कैन (CT Scan)
अगर आपको फ्रैक्चर हुआ है, तो उसकी गंभीरता व उससे हुए नुकसान की जाँच करने के लिए डॉक्टर आपका सीटी स्कैन कर सकते हैं।
एक्स रे (X-ray)
60 वर्ष की आयु से ज़्यादा उम्र के लोग जिन्हें कैंसर है या चोट लगी है, उनका एक्स रे किया जाता है। अगर आपकी उम्र 60 वर्ष से कम है और आपको कोई स्वास्थ सम्बन्धी समस्या और गंभीर दर्द नहीं है, तो एक्स रे जरूरी नहीं होता।
एमआरआई स्कैन (MRI scan)
अगर आप मल या मूत्र नहीं रोक पाते हैं, आपको एक या दोनों हाथों और पैरों में कमजोरी व सुन्नता महसूस हो रही है, तो आपका एमआरआई किया जा सकता है।
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