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हायपरटेंशन में डाययूरेटिक्स (Diuretics in Hypertension)
नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार डाययूरेटिक्स वो दवाइयां हैं जिनका प्रयोग एडिमाट्स (Edematous) या नॉन एडिमाट्स (Non-Edematous) डिजीज कंडिशंस के मैनेजमेंट और उपचार के लिए किया जाता है। अगर डॉक्टर ने आपको किसी स्थिती में डाययूरेटिक्स की सलाह दी है ,तो आपको सबसे पहले इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। आइए जानते हैं हायपरटेंशन में डाययूरेटिक्स (Diuretics in Hypertension) के प्रयोग के बारे में विस्तार से यानी हायपरटेंशन में कौन सी डाइयुरेटिक्स का प्रयोग किया जा सकता है:
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हायड्रोक्लोरोथायजाइड (Hydrochlorothiazide)
हायड्रोक्लोरोथायजाइड (Hydrochlorothiazide) को HCTZ के नाम से भी जाना जाता है। इसके ब्रांड नेम हैं हायड्रोडायूरील (HydroDIURIL), एसिड्रिक्स (Esidrix), माइक्रोज़ाइड (Microzide)। यह वॉटर पिल शरीर को अधिक पानी को एब्सॉर्ब करने से रोकती है, जो फ्लूइड रिटेंशन का कारण बन सकता है। इसका प्रयोग जन्मजात हार्ट फेलियर (Congestive Heart Failure), लिवर का सिरोसिस (Cirrhosis of the Liver) या किडनी डिसऑर्डर्स ( Kidney Disorders) के रोगियों में फ्लूइड रिटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। इसका इस्तेमाल हाय ब्लड प्रेशर के ट्रीटमेंट के लिए भी किया जा सकता है। लेकिन, डॉक्टर की सलाह के बिना इसे न लें, क्योंकि इन्हें लेने से रोगी कई साइड-इफेक्ट्स का अनुभव भी कर सकते हैं जैसे एलर्जिक रिएक्शन, स्किन रिएक्शन, चक्कर आना, आंखों में दर्द, पीलिया, सांस लेने में समस्या आदि।
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क्लोरथालिडोन (Chlorthalidone)
क्लोरथालिडोन (Chlorthalidone) भी एक डाडाययूरेटिक है जिसे हाइग्रोटन (Hygroton) और थैलिटोन (Thalitone) जैसे ब्रांड नेम्स से जाना जाता है। इस दवा का प्रयोग हायपरटेंशन के उपचार के लिए किया जाता है। यह वो वॉटर पिल हैं, जो शरीर को अधिक नमक एब्सॉर्ब करने से बचाती हैं, जिसके कारण फ्लूइड रिटेंशन की समस्या हो सकती है। हायपरटेंशन में डाययूरेटिक्स (Diuretics in Hypertension) की सलाह तभी दी जाती है अगर डॉक्टर ने इसे लेने के लिए कहा हो। इस दवा को लेने के बाद लोग कई साइड-इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं जैसे चक्कर आना, सिरदर्द, उल्टी आना, कब्ज, हार्टबीट का असामान्य होना, मसल्स का कमजोर होना, मूत्र त्याग में समस्या आदि। इन स्थितियों में तुरंत मेडिकल लेना अनिवार्य है।

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हायपरटेंशन में डाययूरेटिक्स: फ्यूरोसेमाइड (furosemide)
हायपरटेंशन में डाययूरेटिक्स (Diuretics in Hypertension) में अगली दवा है फ्यूरोसेमाइड। जिसका ब्रांड नेम है लेसिक्स (Lasix), डायक्वा-2 (Diaqua-2), लो एक्वा (Lo-Aqua)। इस वॉटर पिल का प्रयोग भी हायपरटेंशन यानी हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जा सकता है। यह दवा शरीर को अधिक नमक को सोखने से रोकती है और यह अतिरिक्त साल्ट मूत्र के माध्यम से शरीर से बाहर निकल जाता है। इस डाइयुरेटिक का प्रयोग जन्मजात हार्ट फेलियर, लिवर डिजीज या किडनी डिसऑर्डर्स के उपचार में किया जा सकता है। अगर आपको मूत्र त्याग में समस्या हो तो आपको यह दवा लेने की सलाह नहीं दी जाती है। डॉक्टर द्वारा निर्धारित मात्रा में ही इन्हें लेने की सलाह दी जाती है। क्योंकि, अधिक मात्रा में लेने से हियरिंग लॉस (Hearing Loss) हो सकता है। इसके अन्य साइड इफेक्ट्स में डायरिया,सिरदर्द, जी मचलना, आंखों में समस्या, त्वचा का पीला होना आदि शामिल हैं।
टॉर्सेमाइड (Torsemide)