एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) कैसे काम करते हैं?
ब्लड वेसल्स हार्ट तक ब्लड और ऑक्सीजन सप्लाई करते हैं। इस लगातार सप्लाई से हार्ट को काम करने में मदद मिलती है। एंजियोटेंसिन II (Angiotensin II) हमारे शरीर द्वारा बनाये जाने वाले हॉर्मोन्स हैं और यह ब्लड वेसल्स की मसल्स को टाइट करते हैं। यही नहीं, एंजियोटेंसिन II हमारे शरीर में नमक और पानी की रिटेंशन को भी बढ़ा सकते हैं। शरीर में नमक की अधिक मात्रा और ब्लड वेसल के तंग होने से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और इससे ब्लड वेसल को नुकसान हो सकता है। एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स (Angiotensin II receptor blockers) और एंजियोटेंसिन कंवर्टिंग एंजाइम इन्हिबिटर्स (Angiotensin converting enzyme inhibitors) दोनों एंजियोटेंसिन II पर काम करते हैं। लेकिन, जब ACE इन्हिबिटर्स के कारण एंजियोटेंसिन II को बनाना सीमित कर देते हैं, तो ARBs एंजियोटेंसिन II के खास रिसेप्टर्स को ब्लॉक कर सकते हैं। इन रिसेप्टर्स को AT1 रिसेप्टर्स कहा जाता है।
जो हार्ट, ब्लड वेसल्स और किडनी में पाए जाते हैं। जब ब्लड वेसल टाइट हो जाते हैं तो यह भी तंग हो जाते हैं, इससे खून पर अधिक दबाव पड़ता है। जब ACBs एंजियोटेंसिन II को ब्लॉक करती हैं, तो इससे ब्लड वेसल्स का टाइट होना कम हो जाता है और इससे ब्लड प्रेशर भी लो हो जाता है। अब जानते हैं कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs के बारे में।
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कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs (ARBs in Congenital Heart Disease)
मेडलाइन प्लस (Medline Plus) के अनुसार कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज से पीड़ित कई बच्चों को उपचार की जरूरत नहीं होती है। लेकिन, अन्य मरीजों को इसमें उपचार की आवश्यकता पड़ती है। कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में प्रयोग होने वाली यह दवाईयां बेहद लाभदायक मानी जाती हैं। आइए जानते हैं कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs (ARBs in Congenital Heart Disease) दवाईयों के बारे में विस्तार से।
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs: कैंडेसार्टन (Candesartan)
यह कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs (ARBs in Congenital Heart Disease) के समूह की दवाई है। जिसका प्रयोग बच्चों और वयस्कों में हाय ब्लड प्रेशर के उपचार के लिए किया जा सकता है। लेकिन ,इसे केवल उन्हीं बच्चों को दिया जाता है जिनकी उम्र कम से कम एक साल या उससे अधिक हो। ब्लड प्रेशर के कम होने से स्ट्रोक व हार्ट अटैक जैसी समस्याओं का जोखिम भी कम हो जाता है। वयस्कों में यह दवा हार्ट फेलियर के उपचार में भी प्रयोग में लाई जाती है। लेकिन, इस दवा का सेवन केवल तभी करना चाहिए जब आपको डॉक्टर ने इन्हें लेने के लिए कहा हो। अगर आप गर्भवती हैं तो इस दवाई का सेवन करने से बचें। इस दवाई को लेने से रोगी कुछ सामान्य साइड इफेक्ट्स जैसे एलर्जिक रिएक्शंस, छाती में दर्द ,असामान्य हार्टबीट आदि महसूस कर सकते हैं। कैंडेसार्टन(Candesartan) को इसके ब्रांड नेम एटेकेंट (Atacand) से भी जाना जाता है।
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इर्बेसार्टन (Irbesartan)
इर्बेसार्टन भी एक ARB है, जिसका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर यानी हायपरटेंशन के उपचार में किया जाता है। इर्बेसार्टन (Irbesartan) का ब्रांड नेम है एवप्रो (Avapro)। कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs (ARBs in Congenital Heart Disease) में इस दवा को भी शामिल किया जा सकता है। ब्लड प्रेशर के सही रहने से हृदय सम्बन्धी जटिलताओं के जोखिम को कम किया जा सकता है। यही नहीं, इस दवा का प्रयोग टाइप 2 डायबिटीज (Type 2 Diabetes) के कारण होने वाली किडनी प्रॉब्लम्स के उपचार में भी किया जा सकता है। लेकिन, इन दवाईयों का सेवन केवल तभी करना चाहिए अगर डॉक्टर ने उन्हें लेने के लिए कहा हो। क्योंकि इन्हें लेने से कुछ साइड इफ़ेक्ट भी हो सकते हैं जैसे मूत्र त्याग में परेशानी, पोटैशियम लेवल का बढ़ना, छाती में दर्द, चक्कर आना आदि।
लोसार्टन (Losartan)
कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs (ARBs in Congenital Heart Disease) के समूह से संबंधित अगली दवा है लोसार्टन। लोसार्टन (Losartan) का ब्रांड नेम है कोज़ार (Cozaar)। यह दवा ब्लड वेसल्स को सिकुड़ने से रोकती है, जिससे ब्लड प्रेशर लो होता है और ब्लड फ्लो सुधर सकता है। इसका प्रयोग हाय ब्लड प्रेशर के उपचार में भी किया जा सकता है और हार्ट डिजीज से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में भी यह मददगार है। जिन लोगों को हाय ब्लड प्रेशर के साथ टाइप 2 डायबिटीज की समस्या है, उनमें किडनी डैमेज को स्लो करने में भी यह दवाई उपयोगी मानी जाती है। अपने डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस दवाई का सेवन करें। इसके कुछ गंभीर साइड इफेक्ट भी हो सकते हैं जैसे छाती में दर्द, मूड चेंज, मूत्र त्याग में समस्या, हाय पोटैशियम लेवल, वजन का बढ़ना आदि।
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कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में ARBs: टेल्मीसार्टन (Telmisartan)
टेल्मीसार्टन भी एक एंजियोटेंसिन II रिसेप्टर ब्लॉकर्स है जिसका इस्तेमाल हायपरटेंशन के उपचार में किया जाता है। ब्लड प्रेशर के कम होने से हार्ट संबंधी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। कई कॉन्जेनिटल हार्ट डिजीज में भी इन दवाईयों को लाभदायक माना जाता है। स्ट्रोक, हार्ट अटैक और दिल संबंधी अन्य डिसऑर्डर्स को दूर करने भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर डॉक्टर में आपको इसे लेने के लिए कहा हो तभी इस दवा को लें क्योंकि अपनी मर्जी से इसे लेना आपके लिए हानिकारक हो सकता है। टेल्मीसार्टन (Telmisartan) को इसके ब्रांड नेम मकार्डिस (Micardis) से भी जाना जाता है। टेल्मीसार्टन के सामान्य साइड इफेक्ट्स में डायरिया, पीठ में दर्द, छाती में दर्द आदि शामिल हैं।