इंफेक्शन के कारण भी ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) का सामना करना पड़ सकता है। इंफेक्टिव एंडोकार्डाइटिस (Infective endocarditis) के कारण ट्राइकस्पिड वॉल्व पर बुरा असर पड़ता है और ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी की समस्या पैदा हो जाती है।
कुछ दवाएं जैसे कि फेंटिरमाइन और फेनफ्लुरामाइन (Phentermine and Fenfluramine) का सेवन भी ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) से जुड़ा हुआ है। दवा का सेवन फिलहाल करने की सलाह नहीं दी जा रही है लेकिन ये दवाएं हार्ट के लिए समस्या पैदा करती हैं। किसी भी दवा का सेवन करने से पहले डॉक्टर से उसके साइड इफेक्ट के बारे में जानकारी लें।
ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी के कारणों में कुछ इंज्युरी के साथ ही कार्सिनॉइड ट्यूमर (Carcinoid tumors), सिस्टेमिक लूपस (Systemic lupus), मार्फन सिंड्रोम, रूमेटिक फीवर (Rheumatic fever), रूमेटाइड अर्थराइटिस (Rheumatoid arthritis) आदि भी शामिल हो सकता है। आपको इस बीमारी के कारणों के बारे में अधिक जानकारी के लिए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। हैलो स्वास्थ्य किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है।
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ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन का डायग्नोसिस (Diagnosis of tricuspid regurgitation)
यदि आपको हार्ट संबंधी बीमारी के लक्षणों का अनुभव हो रहा हैं, तो आपको डॉक्टर को इस बारे में जानकारी देनी चाहिए। डॉक्टर शारीरिक जांच के साथ ही डायग्नोस्टिक टेस्ट भी कर सकते हैं। टेस्ट के माध्यम से इस बात के बारे में जानकारी मिल जाती है, कि आखिर हार्ट के किस हिस्से में समस्या है। ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन के डायग्नोसिस
में इन परीक्षणों को शामिल किया जा सकता है।
डॉक्टर जरूरत के हिसाब से दिए गए परिक्षणों का चुनाव करते हैं। दिए गए सभी परिक्षण हार्ट की बीमारी के बारे में बताते हैं। आप डॉक्टर से परिक्षण के संबंध में जानकारी ले सकते हैं।
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ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी का कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट?
ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी को आमतौर पर ट्रीटमेंट की जरूरत नहीं पड़ती है। अगर आपके हार्ट वॉल्व में समस्या हो रही है, तो डॉक्टर ट्रीटमेंट के बजाय कुछ समय तक हार्ट कंडिशन को चेक करते हैं और देखते हैं कि बीमारी कहीं बढ़ तो नहीं रही है। डॉक्टर जरूरत के अनुसार कुछ दवाओं को लेने की सलाह भी देते हैं। दवाओं का सेवन करने से हार्टबीट रेगुलर होने के साथ ही हार्ट को स्ट्रेंथ मिलती है।
अगर पेशेंट को सूजन की समस्या (Inflammation problem) है, तो डॉक्टर डाययूरेटिक्स दवाओं (Diuretics) को खाने की सलाह भी दे सकते हैं। ये दवाएं फ्लूड के लॉस को बैलेंस करने का काम करती हैं। पेशेंट के ब्लड प्रेशर को भी चेक किया जाता है। आपको बताते चले कि अगर लंबे समय तक हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) का ट्रीटमेंट नहीं कराया जाता है, तो हार्ट हेल्थ को खतरा पहुंच सकता है। अगर दवाओं के माध्यम से भी ट्राइकस्पिड वॉल्व इंसफिसिएंसी की समस्या ठीक नहीं होती है, तो डॉक्टर सर्जरी कर सकते हैं। डॉक्टर सर्जरी के माध्यम से ट्राइकस्पिड वॉल्व को रिप्लेस करते हैं और बीमारी को ठीक करते हैं।
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दातों की हेल्थ को रखें दुरस्त
अब आपके मन में ये सवाल आ रहा होगा कि हार्ट हेल्थ को दुरस्त रखने के लिए दांतों की हेल्थ क्यों महत्वपूर्ण है। अगर आपको जानकारी नहीं हो, तो हम आपको बता दें कि अगर आपके दांतों की हेल्थ ठीक नहीं रहती है, तो आपके हार्ट की हेल्थ को भी खतरा बढ़ जाता है। एंडोकार्डाइटिस (Endocarditis) एक प्रकार का हार्ट इंफ्लामेशन है, जो कि हार्ट लाइनिंग में होता है। ये बैक्टीरिया के कारण होता है। शरीर में बैक्टीरिया का प्रवेश कई प्रकार से हो सकता है। बैक्टीरिया शरीर के अंदर या फिर बाहर की सर्फेस में रहते हैं। अगर आपके दांतों में बैक्टीरिया की समस्या रहती है, तो ये हार्ट में भी संक्रमण फैला सकते हैं। आपको रोजाना अपने दांतों हार्ट डिजीजकी सफाई करनी चाहिए। पूअर ओरल हाइजीन या गम डिजीज के कारण हार्ट को खतरा पैदा हो सकता है। अगर आपको हार्ट वॉल्व संबंधि समस्या है और साथ ही दांतों में भी समस्या है, तो इस बारे में अपने डेंटिस्ट को जरूर बताएं। बेहतर होगा कि दांतों के स्वास्थ्य को नजरअंदाज बिल्कुल न करें। आप इस बारे में डॉक्टर से अधिक जानकारी ले सकते हैं। हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता है।
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बुरी आदतों को कहें ‘ना’
हार्ट संबंधित समस्ओं से आपको दूर रहना है, तो अपनी लाइफस्टाइल में सुधार जरूर करें। एल्कोहॉल और स्मोकिंग की बुरी लत को जितना जल्दी हो सके,छोड़ दें। अगर आपको स्मोकिंग छोड़ने में दिक्कत हो रही है, तो डॉक्टर से इस बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अगर आपको हार्ट संबंधी कोई बीमारी है, तो मेडिकेशन के जरिए ट्रीटमेंट किया जा सकता है। अगर कंडिशन खराब हो चुकी है, तो सर्जरी की सलाह भी दी जा सकती है। अगर आपको दवाएं दी जाएं, तो रोजाना समय पर उनका सेवन करें और साथ ही किसी भी तरह का कंफ्यूजन होने पर डॉक्टर से जरूर पूछ लें। हार्ट हेल्थ को दुरस्त रखने के लिए आपको अधिक सावधानी की जरूरत है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। इस आर्टिकल में हमने आपको ट्राइकस्पिड रिगर्गिटेशन (Tricuspid Regurgitation) के संबंध में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।
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