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हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट (Heart failure treatment)
हार्ट फेलियर का ट्रीटमेंट बीमारी के अनुसार किया जाता है। अगर समय पर ट्रीटमेंट करा लिया जाए, तो लक्षणों को ठीक किया जा सकता है लेकिन पेशेंट को समय-समय पर चेकअप कराने की जरूरत पड़ती है। ट्रीटमेंट सही समय पर कराने से पेशेंट की लाइफ बढ़ जाती है और साथ ही बीमारी से होने वाले अन्य खतरों को भी कम किया जा सकता है। बीमारी में मेडिकेशन की हेल्प से ब्लड क्लॉट बनने से रोके जा सकते हैं, वहीं कोलेस्ट्रॉल लेवल को भी कम किया जाता है। डॉक्टर ऐसे में बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers), कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (calcium channel blockers), ब्लड थिनर्स (Blood thinners) आदि दवाएं दी जाती हैं। जरूरत पढ़ने पर डॉक्टर बायपास सर्जरी (Bypass surgery), एंजियोप्लास्टी (Angioplasty), पेसमेकर (Pacemakers) आदि का इस्तेमाल करते हैं। जब कोई भी ट्रीटमेंट हेल्प नहीं करता है, तो अंतिम विकल्प के रूप में ट्रांसप्लांट सर्जरी की जाती है।
हार्ट फेलियर को रोकने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल बेहतर करने की जरूरत है। अगर आप एल्कोहॉल लेते हैं या फिर स्मोकिंग करते हैं, तो इसे पूरी तरह से बंद कर दें। आपको खाने में हाय फैट फूड को भी इग्नोर करना शुरू कर देना चाहिए। रोजाना पर्याप्त मात्रा में नींद लेने से भी हार्ट से संबंधित समस्याओं को दूर किया जा सकता है। हार्ट फेलियर लॉन्ग टर्म कंडीशन है, जिसका सही से ट्रीटमेंट कराना बहुत जरूरी होता है। अगर ऐसा न किया जाए, तो हार्ट कमजोर हो सकता है और मौत का कारण भी बन सकता है।
हैलो हेल्थ किसी भी प्रकार की चिकित्सा सलाह, निदान या उपचार उपलब्ध नहीं कराता। अगर आपको हार्ट संबंधित कोई भी समस्या है, तो पहले डॉक्टर से जांच कराएं और इसके बाद ही किसी दवा का सेवन करें। इस आर्टिकल में हमने आपको हार्ट फेलियर के प्रकार (Types of heart failure) के बारे में जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।