कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म (Coronary artery spasm) के डायग्नोसिस प्रॉसेस के लिए आपको एम्ब्युलेटरी मॉनिटर (Ambulatory monitor) पहनना पड़ सकता है। मॉनिटर हार्ट के इलेक्ट्रिकल इंप्लसेज (Heart’s electrical impulses) को रिकॉर्ड करता है। जब आप सो रहे हो तब भी। उदाहरण के लिए अगर आपको बीच रात में चेस्ट पेन होता है तो इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (Electrocardiogram) में बदलाव दिखाई दे सकते हैं जो कि कोरोनरी स्पाज्म को इंडिकेट करता है। हालांकि सभी मरीजों में एपिसोड्स के दौरान ईकेजी बदलाव नहीं दिखाई देते।
इसके अलावा कोरोनरी स्पाज्म को डायग्नोस करने के लिए डॉक्टर एक विशिष्ट प्रकार का स्ट्रेस टेस्ट कराने के लिए कह सकते हैं। जिसे इरगोनोवीन स्ट्रेस टेस्ट (Ergonovine stress test) कहते हैं। इरगोनोवीन एक ड्रग है जिसे आईवी के जरिए कार्डिएक कैथेटेराइजेशन (Cardiac catheterization) की प्रॉसेस के दौरान इंजेक्ट करते हैं। यह कुछ मिनटों में कोरोनरी स्पाज्म को ट्रिगर कर सकता है। इसके बाद डॉक्टर कोरोनरी आर्टरीज को विजुलाइज करके स्पाज्म से राहत दिलाने के लिए दूसरी दवा इंजेक्ट करता है। ईकेजी को टेस्ट के पहले और बाद में रिकॉर्ड किया जाता है। अगर आपको कोरोनरी स्पाज्म है तो डॉक्टर ईकेजी के साथ ही एंजियोग्राम ।।(Angiogram) भी देख सकता है।
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कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म का ट्रीटमेंट (Treatment of Coronary artery Spasm)
कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म के ट्रीटमेंट का उद्देश्य चेस्ट पेन को कंट्रोल करना, फ्यूचर एपिसोड्स को कम करना और हार्ट अटैक को रोकना होता है। कोरोनरी स्पाज्म से राहत दिलाने के लिए निट्रोग्लायसेरिन (Nitroglycerin) मेडिसिन प्रिस्क्राइब की जाती है। वहीं कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म (Coronary artery spasm) के फ्यूचर एपिसोड्स को रोकने के लिए कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स, लेकिन किसी भी दवा का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। हर दवा का डोज मरीज की स्थिति के अुनसार अलग हो सकता है। दवाओं के साइड इफेक्ट्स के बारे में भी डॉक्टर से पूछ लें। कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स में पैरों में सूजन, पल्सेज का धीमा होना शामिल हैं, लेकिन आपका डॉक्टर इन्हें मैनेज करने में आपकी मदद कर सकता है। दवाओं के साथ ही कोरोनरी स्पाज्म के ट्रिगर करने वाले रिस्क फैक्टर्स को अवॉइड करना भी जरूरी है ताकि हार्ट डिजीज के खतरे को टाला जा सके।
कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म और हार्ट अटैक (Coronary artery spasm and heart attack)
कोरोनरी स्पाज्म और हार्ट अटैक का कारण बन सकता है, लेकिन मेडिकेशन पर रहने वाले लोगों में ऐसा काफी कम देखने को मिलता है। कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म (Coronary artery spasm) के मामले में अधिकांश लोगों को एंजिना की परेशानी देखने को मिलती है। ऐसे मरीजों में असामान्य हार्ट रिदम की परेशानी देखी जाती है। अगर कोरोनरी आर्टरी स्पाज्म लंबे समय तक रहता है तो हार्ट अटैक हो सकता है।
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