एथेरोमा (Atheroma) से बचाव संभव नहीं है लेकिन कुछ ऐसे फैक्टर्स हैं जिनसे आर्टरीज में प्लाक को बनने से रोका जा सकता है। यह फैक्टर्स इस प्रकार हैं:
स्मोकिंग (Smoking) : वैस्कुलर डिजीज का एक बहुत बड़ा रिस्क फैक्टर है स्मोकिंग। स्मोकिंग करने से ब्लड वेसल्स तंग हो सकते हैं, ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। यही नहीं यह आदत और भी कई बीमारियों का कारण बन सकती है। ऐसे में अगर आपको एथेरोमा (Atheroma) या अन्य बीमारियों से बचना है तो स्मोकिंग की आदत छोड़ दें।
डायट और व्यायाम (Diet and Exercise) : सही से आहार का सेवन और व्यायाम न करने से मोटापा हो सकता है जो हाय ब्लड प्रेशर का भी कारण बन सकता है। इससे भी एथेरोमा (Atheroma) की संभावना बढ़ सकती है। इसलिए, पौष्टिक और संतुलित आहार का सेवन करें और रोजाना दिन में केवल तीस मिनट व्यायाम के लिए निकालना न भूलें। डिसलिपिडेमिया खून में लिपिड्स की असामान्य मात्रा होती है। यह आमतौर पर जेनेटिक और डायटरी फैक्टर्स के कारण होती है। कोरोनरी हार्ट डिजीज (Coronary Heart Disease) की कमी को लो टोटल प्लाज्मा कोलेस्ट्रॉल कंसंट्रेशन (Low Total Plasma Cholesterol Concentration) के साथ जोड़ा गया है। मरीज को आमतौर पर सेचुरेटेड वसा का कम सेवन करने और मोटापा कम करने की तरफ ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
और पढ़ें : एथेरोस्क्लोरोटिक कैल्सीफिकेशन यानी आर्टरीज में कैल्शियम का जमाव, जानिए क्या होते हैं इसके परिणाम
एथेरोमा (Atheroma) के जोखिम को बढ़ाने वाले फैक्टर्स भी वहीं हैं जो अन्य हार्ट और सर्कुलेटरी डिजीज (Heart and Circulatory Diseases) को बढ़ाते हैं। इनसे बचने के अन्य उपाय इस प्रकार हैं:
- अपने वजन को संतुलित बनाए रखें (Maintain Right Weight)
- शराब की मात्रा को सीमित रखें (Limit Alcohol)
- हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करें (Control High Blood Pressure)
- अपने शरीर के कोलेस्ट्रॉल लेवल और शुगर लेवल को भी कंट्रोल करें (Control Cholesterol and Sugar level)
- तनाव से बचें (Avoid Depression)
- पर्याप्त नींद लें (Enough Sleep)
यही नहीं, एथेरोमा (Atheroma) या अन्य किसी भी बीमारी से बचाव के लिए आपको नियमित चेकअप (Regular Checkup) कराना चाहिए, डॉक्टर की सलाह का पालन करना चाहिए और डॉक्टर द्वारा दी गई दवाइयों को सही तरीके से खाना चाहिए। इसके साथ ही सकारात्मक रहें। अगर आप एक स्वस्थ जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो इन हेल्दी आदतों को अवश्य अपनाएं।
और पढ़ें : Mitral valve prolapse: माइट्रल वाल्व प्रोलैप्स क्या है?
Quiz : कितना जानते हैं अपने दिल के बारे में? क्विज खेलें और जानें
ऐसा माना जाता है कि उम्र के बढ़ने पर हर व्यक्ति में कुछ डिग्री एथेरोमा (Atheroma) की समस्या होती ही है। अधिकतर लोगों को इससे कोई समस्या नहीं होती है। लेकिन जब एथेरोमाज (Atheroma) बहुत बड़े हो जाते हैं तो यह ब्लड फ्लो को प्रभावित करते हैं जिससे गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसा होने की संभावना तब अधिक होती है जब रोगी का वजन अधिक होता है, रोगी डायबिटीज या अन्य किसी बीमारी से पीड़ित होता है या उसे धूम्रपान की आदत हो। अगर आपको कोई भी ऐसी हेल्दी प्रॉब्लम है जिसके कारण आपको यह बीमारी या प्लाक फार्मेशन होने की संभावना अधिक है, तो पहले ही इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। इसके साथ ही इसके लक्षणों को पहचानें ताकि सही समय पर उपचार हो सके। इस समस्या का उपचार संभव है लेकिन इसके लिए आपको सही समय पर डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।