यह तो थे एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के लक्षण। अब जान लेते हैं कि इसके कारण क्या हैं?
एथेरोमेटस एओर्टा के कारण (Causes of Atheromatous Aorta)
एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) की स्थिति में एओर्टा वॉल्स (Aorta Walls) पर प्लाक का निर्माण होता है। जिसके कारण यह आर्टरी ब्लॉक हो सकती है। इस समस्या का कारण अनहेल्दी फ़ूड को भी माना जा सकता है। हालांकि, नेशनल हार्ट लंग एंड ब्लड इंस्टिट्यूट (National Heart, Lung, and Blood Institute) के अनुसार इस समस्या के सही कारणों के बारे में जानकारी नहीं है। लेकिन, आर्टरी की इनर लेयर को नुकसान होने से यह समस्या हो सकती है। इस इंजरी के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं:
- हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure)
- डायबिटीज (Diabetes)
- मोटापा (Obesity)
- हाय कोलेस्ट्रॉल (High cholesterol)
- स्मोकिंग (Smoking)
- इंफ्लेमेटरी डिजीज (Inflammatory diseases)
उम्र का बढ़ना (Aging), फैमिली हिस्ट्री (Family History), शारीरिक गतिविधियों में कमी (Less Physical Activities), अधिक स्ट्रेस (More Stress) आदि इसके रिस्क फैक्टर्स हो सकते हैं। अब जानिए किस तरह से संभव है इस बीमारी का निदान?

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एथेरोमेटस एओर्टा का निदान (Diagnosis of Atheromatous Aorta)
एथेरोमेटस एओर्टा (Atheromatous Aorta) के निदान के लिए डॉक्टर सबसे पहले रोगी से उसकी फैमिली मेडिकल हिस्ट्री, पर्सनल मेडिकल हिस्ट्री आदि के बारे में जानेंगे। इसके साथ ही रोगी की फिजिकल जांच भी की जाती है। कुछ अन्य टेस्ट्स की सलाह भी दी जा सकती है, ताकि इस स्थिति का निदान संभव हो सके। यह टेस्ट्स इस प्रकार हैं:
ब्लड टेस्ट्स (Blood Tests)
ब्लड टेस्ट्स के माध्यम से मरीज के खून में फैट्स, कोलेस्ट्रॉल, शुगर और प्रोटीन की मात्रा को जांचा जा सकता है।
एंजियोग्राफी (Angiography)
इस टेस्ट में खास एक्स-रे (X-ray) का प्रयोग किया जाता है ताकि ब्लॉकेज को लोकेट किया जा सके और जांचा जा सकता है। एक कंट्रास्ट डाई को भी आर्टरी में इंजेक्ट किया जाता है, ताकि एक्स-रे पर ब्लॉकेज को दिखाया जा सके। एक कैथेटर के माध्यम से इसे आर्टरी में इंसर्ट किया जाता है।
चेस्ट एक्स-रे (Chest X-Rays)
चेस्ट एक्स-रे के माध्यम से छाती में अंदर की तस्वीर ली जा सकती है, ताकि परेशानी के बारे में जाना जा सके।
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सीटी स्कैन (CT Scan)
सीटी स्कैन के माध्यम से भी शरीर के अंदर की तस्वीर ली जा सकती है ताकि लार्ज आर्टरीज के सख्त होने और तंग होने के बारे में जाना जा सके।
इकोकार्डियोग्राम (Echocardiogram )