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अल्फा ब्लॉकर्स मेडिसिन हाय ब्लड प्रेशर में कुछ इस तरह से दिखाती हैं कमाल!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. हेमाक्षी जत्तानी · डेंटिस्ट्री · Consultant Orthodontist


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 21/12/2021

    अल्फा ब्लॉकर्स मेडिसिन हाय ब्लड प्रेशर में कुछ इस तरह से दिखाती हैं कमाल!

    हाय ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) या हायपरटेंशन (Hypertension) की समस्या तब होती है, जब रोगी का ब्लड प्रेशर अनहेल्दी लेवल्स तक बढ़ जाता है। ब्लड प्रेशर आर्टरीज वॉल्स के अगेंस्ट ब्लड के प्रेशर को कहा जाता है। आर्टरीज हार्ट से शरीर के अन्य हिस्सों तक ब्लड ले कर जाती हैं। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers  in Hypertension) का उपयोग ट्रीटमेंट प्रोग्राम में किया जाता है। अगर समय पर इलाज ना किया जाए तो ब्लड प्रेशर लेवल के हाय होने पर कई हेल्थ प्रॉब्लम्स के होने की संभावना अधिक रहती है जैसे हार्ट डिजीज (Heart Disease), हार्ट अटैक (Heart Attack) और स्ट्रोक (Stroke) आदि। हाय ब्लड प्रेशर एक गंभीर स्थिति है क्योंकि अधिकतर लोगों को इसके कोई भी लक्षण नजर नहीं आते हैं। हायपरटेंशन के उपचार में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) कैसे काम करती हैं जानिए इसके बारे में विस्तार से।  

    अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers) क्या हैं? 

    ब्लड वेसल्स के आसपास के मसल्स में अल्फा रिसेप्टर्स (Alpha receptors) होते हैं। अल्फा रिसेप्टर्स की स्टिमुलेशन आर्टरीज के आसपास की मांसपेशियों के सिकुड़ने और आर्टरीज के तंग होने का कारण बनती है। अल्फा रिसेप्टर को ब्लॉक करके अल्फा ब्लॉकर्स मसल्स को रिलेक्स करती हैं और ब्लड प्रेशर को लो करती हैं। ऐसा भी माना जाता है कि अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) नॉरपेनेफ्रिन (Norepinephrine) नामक हार्मोन के कारण छोटी आर्टरीज और वेन्स वॉल्स में मांसपेशियों को टाइट होने से रोककर ब्लड प्रेशर को कम करते हैं। इससे ब्लड फ्लो सुधरता और ब्लड प्रेशर लो होता है। 

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    नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन (National Center for Biotechnology Information) के अनुसार अल्फा ब्लॉकर्स पूरे शरीर में अन्य मांसपेशियों को भी आराम देते हैं, इसलिए ये दवाएं प्रोस्टेट प्रॉब्लम (Prostate Problem) से पीड़ित बुजुर्ग पुरुषों में यूरिन फ्लो में सुधार करने में भी मदद कर सकती हैं। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) का इस्तेमाल डॉक्टर के लिए पहला ट्रीटमेंट विकल्प नहीं होता है। लेकिन, इनका प्रयोग अन्य दवाइयों के साथ कॉम्बिनेशन में किया जा सकता है जैसे डाययूरेटिक्स (Diuretics)। इनका प्रयोग तब किया जाता है जब हाय ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना मुश्किल हो। अब जानते हैं हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) के उदाहरणों के बारे में।

    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers  in Hypertension)

    अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) शार्ट एक्टिंग या लॉन्ग एक्टिंग कोई भी हो सकते हैं। शार्ट एक्टिंग दवाईयां (Short Acting Medicines) बहुत जल्दी काम करती हैं लेकिन उनका प्रभाव केवल कुछ ही घंटों तक रहता है। लॉन्ग एक्टिंग दवाईयां (Long Acting Medicines) बहुत जल्दी काम करती हैं और उनका प्रभाव भी अधिक समय तक रहता है। रोगी के लिए कौन से अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) सही से काम करते हैं, यह बात रोगी के स्वास्थ्य या उस रोग पर निर्भर करते हैं जिसके उपचार के लिए इन का प्रयोग किया जा रहा है। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) के उदाहरण इस प्रकार हैं:

    डॉक्साज़ोसिन (Doxazosin)

    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers  in Hypertension) में सबसे पहला नाम है डॉक्साज़ोसिन का।डॉक्साज़ोसिन को इसके ब्रांड नेम्स कार्डरा (Cardura), डोक्सडोरा (Doxadura), कैस्कर (Cascor), कार्डुरन (Carduran) आदि से भी जाना जाता है।डॉक्साज़ोसिन एक अल्फा ब्लॉकर है। यह वेन्स और आर्टरीज को रिलेक्स करती है ताकि खून अधिक आसानी से उनके माध्यम से पास हो सके। यह दवाई प्रोस्टेट और ब्लैडर नैक की मांसपेशियों को भी आराम पहुंचाती है, जिससे रोगी को मूत्र त्याग में आसानी होती है। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers  in Hypertension) का इस्तेमाल किया जा सकता है। डॉक्साज़ोसिन(Doxazosin) के एक्सटेंडेड-रिलीज फॉर्म का प्रयोग केवल बिनाइन प्रोस्टेटिक हायपरप्लासिया (Benign Prostatic Hyperplasia)  के उपचार के लिए किया जाता है और इसका प्रयोग हायपरटेंशन (Hypertension) के उपचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

    अगर आपको पेट या इंटेंस्टायन संबंधी कोई समस्या है, लिवर डिजीज, लो ब्लड प्रेशर जैसी कोई परेशानी है, तो पहले ही डॉक्टर को बता देना चाहिए। हालांकि, यह बात का कोई सुबूत नहीं है कि यह दवाई लेने से भ्रूण में शिशु को नुकसान होता है। लेकिन, अगर आप गर्भवती हैं तो पहले ही डॉक्टर को इस बारे में पता होना चाहिएइस दवाई को हमेशा डॉक्टर की सलाह के बाद ही लेना चाहिए। इसके साथ ही इस दवाई को कैसे लेना है इस बारे में जानना भी बेहद जरूरी है। अपनी मर्जी से इसकी डोज बढ़ाना या कम करना भी आपके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है।

    अगर आप एल्कोहॉल का सेवन करते हैं तो उस स्थिति में इस दवाई को लेने से आपको कई साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।डॉक्साज़ोसिन को लेने से होने वाले सामान्य साइड इफेक्ट्स में सांस लेने से समस्या, हाइव्ज, चक्कर आना, पेट में दर्द, ब्लोटिंग, छाती में दर्द, सिरदर्द ,थकावट, लो ब्लड प्रेशर आदि शामिल है।

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    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स: प्राजोसिन (Prazosin) 

    प्राजोसिन (Prazosin) का ब्रांड नेम है मिनीप्रेस (Minipress)। इस अल्फा ब्लॉकर का प्रयोग हायपरटेंशन (Hypertension) के उपचार के लिए किया जाता है। हाय ब्लड प्रेशर के लो होने पर रोगी में स्ट्रोक और हार्ट अटैक का जोखिम भी कम हो जाता है। हायपरटेंशन में अल्फ़ा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) का प्रयोग करना फायदेमंद माना गया है लेकिन इनका सेवन करने से पहले मेडिसिन के लेवल और पैकेज पर लिखी डायरेक्शंस को फॉलो करना जरूरी है। यही नहीं ,अगर आपको कोई बीमारी, एलर्जी है या आप किसी अन्य मेडिसिन का प्रयोग कर रहे हैं, तो अपने  डॉक्टर को पहले ही बता दें। प्राजोसिन (Prazosin) को नियमित रूप से लेना जरूरी है ताकि रोगी को इसका पूरा लाभ मिल सके।

    इसके लिए आपको दिन में एक ही समय को निर्धारित करें और इस दवाई को लें इस दवाई को लेना तब तक बंद न करें जब तक डॉक्टर न कहे क्योंकि इस दवाई के पूरे फायदे नजर आने में कई हफ्ते लग सकते हैं। जीवनशैली में हेल्दी बदलाव इस दवाई के प्रभाव को बढ़ा सकते हैं। इसलिए इस दवाई को लेने के साथ ही अपनी जीवनशैली पर भी ध्यान देना जरूरी है। इस दवाई को लेना शुरू करने के बाद आप लो ब्लड प्रेशर. जी मचलना या बेहोशी जैसी समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। प्राजोसिन (Prazosin) के सेवन के बाद रोगी कुछ साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकता है जैसे एलर्जिक रिएक्शन, सांस लेने में समस्या , चेहरे या शरीर के अन्य हिस्सों में सूजन, बेहोशी, चक्कर आना आदि।

    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स

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    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स:  टेराजोसिन (Terazosin)

    टेराजोसिन (Terazosin) को इसके ब्रांड नेम हाइट्रिन (Hytrin) से भी जाना जाता है। अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) ग्रुप से संबंधित यह मेडिसिन, वेन्स और आर्टरीज को रिलेक्स करती है ताकि खून अधिक आसानी से इनके माध्यम से पास हो सके। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha blockers  in Hypertension) को बेहद लाभदायक माना जाता है। यानी, हाय ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने के लिए टेराजोसिन (Terazosin) का इस्तेमाल भी किया जा सकता है। इसे लेने के बाद बहुत से लोग चक्कर आना या बेहोशी जैसी समस्याओं का अनुभव करते हैं। अगर ऐसा हो तो रोगी को इसे लेना बंद कर देना चाहिए और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। इस स्थिति में डॉक्टर आपको इस मेडिसिन की डोज में परिवर्तन करने के लिए कह सकते हैं।

    गर्भावस्था या स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी इस दवाई को लेने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। अगर आप कोई अन्य दवाई ले रहे हैं, किसी बीमारी से पीड़ित हैं या आपको एलर्जी की समस्या है तो डॉक्टर को इनके बारे में पहले ही पता होना चाहिए। इस दवाई को लेने के बाद कुछ लोग इन दुष्प्रभावों का अनुभव कर सकते हैं जैसे कमजोरी, देखने में समस्या, सिरदर्द, पेनफुल पीनस इरेक्शन, हार्ट बीट का असामान्य या तेज होना आदि। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट्स नजर आते हैं तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें।

    अगर आप हायपरटेंशन के उपचार के लिए टेराजोसिन का सेवन कर रहे हैं तो इस दवाई को उसके बाद भी लेना जारी रखना जरूरी है जब आप अपनी सेहत में सुधार महसूस करते हैं। हाय ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोग इस बीमारी के लक्षणों का अनुभव नहीं करते हैं। ऐसे में जरूरी है नियमित रूप से ब्लड प्रेशर की जांच कराना। अगर आपका ब्लड प्रेशर हाय रहता है तो अपने डॉक्टर को अवश्य बताएंहायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) को लेने से पहले डॉक्टर की राय लेना अनिवार्य है। बिना डॉक्टर की सलाह के इन्हें लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। जानिए अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) को लेने के बाद आप क्या साइड इफेक्ट्स का अनुभव कर सकते हैं?

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    अल्फा ब्लॉकर्स के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Alpha Blockers)

    हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स का यूज करें या किसी अन्य कंडिशन में कुछ अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) के “फर्स्ट डोज इफेक्ट’ हो सकते हैं। जब आप इन्हें लेना शुरू करते हैं तो इससे आपको लो ब्लड प्रेशर और चक्कर आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। जिससे जब आप बैठी या लेटी हुई स्थिति से एकदम उठते हैं, तो आपको ऐसा लगता है कि आप बेहोश हो रहे हैं। इसलिए, हमेशा इसकी फर्स्ट डोज सोते समय लेनी चाहिए। इस दवाई के अन्य साइड इफेक्ट्स इस प्रकार हैं:

    अल्फा ब्लॉकर को लेने से पहले इस बात का ध्यान रखें कि डॉक्टर को उन दवाइयों के बारे में पता हो जिन्हें आप ले रहे हैं जैसे बीटा ब्लॉकर्स, कैल्शियम चैनल ब्लॉकर्स (Calcium channel blockers) और इरेक्टाइल डिसफंक्शन ( Erectile Dysfunction) की दवाईयां आदि। क्योंकि, अल्फा ब्लॉकर्स उन दवाइयों के प्रभाव को कम कर सकती हैं, जिन्हें आप ले रहे हैं। अल्फा ब्लॉकर्स (Alpha Blockers) कोलेस्ट्रॉल को भी इम्प्रूव कर सकती है। लेकिन, कुछ रिसर्च के अनुसार अल्फा ब्लॉकर का अधिक समय तक प्रयोग करने से हार्ट फेलियर (Heart Failure) का जोखिम बढ़ सकता है। हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स का उपयोग करते वक्त इस बारे में डॉक्टर से सलाह लें। 

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    यह तो थी हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स  (Alpha blockers  in Hypertension) के बारे में पूरी जानकारी। यह दवा ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में प्रभावी मानी जाती है। इसके साथ ही कई अन्य स्थितियों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन हायपरटेंशन में अल्फा ब्लॉकर्स कब और कितनी मात्रा में लेना है, इसके बारे में अपने डॉक्टर से जानना न भूलें। डॉक्टर की राय, नियमित चेकअप और सही उपचार से आप सामान्य जीवन व्यतीत कर सकते हैं और इससे आपके जीवन की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। इसके साथ ही यह भी याद रखें कि यह दवाईयां केवल आपके ट्रीटमेंट प्रोग्राम का एक हिस्सा है इसके साथ ही आपके लिए सही आहार लेना, वजन नियंत्रित करना, तनाव से बचाव और खास मेडिकल केयर जरूरी है।

    डिस्क्लेमर

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