ये हैं उम्र के अनुसार दिल के धड़कने की गति। अगर दिल के धड़कने की गति इससे कम या इससे ज्यादा होती है, तो इसका शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट: क्या ब्लड प्रेशर की दवाओं का हार्ट रेट पर असर पड़ता है? (Effects of Blood Pressure Medicine on Heart Rate)
हां, ब्लड प्रेशर की दवाओं का हार्ट रेट पर असर पड़ता है। इन दवाओं में शामिल है-
बीटा ब्लॉकर्स दवाएं (Beta-blockers) जैसे-
- मेटोप्रोलोल (Metoprolol)
- कार्वेडिलोल (Carvedilol)
- बायस्टोलिक (Bystolic)
इन दवाओं के साथ-साथ कैल्शियम-चैनल ब्लॉकर्स (Calcium-channel blockers) के सेवन से भी हार्ट रेट पर असर पड़ सकता है। जैसे:
- वेरापामिल (Verapamil)
- डिल्टियाजेम (Diltiazem)
इन दवाओं के सेवन से बढ़े हुए ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) को कम करने में मदद तो मिलती है, लेकिन इससे हार्ट रेट (Heart Rate) भी सामान्य से कम होता है।
रक्तचाप और हृदय गति (Blood Pressure and Heart Rate) दोनों को ही बैलेंस में बनाये रखने के लिए कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को हेल्दी रखने की जरूरत है।
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ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट: कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को हेल्दी बनाये रखने के लिए क्या करें? (Tips for Healthy Cardiovascular Health)

कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ को हेल्दी रखने के लिए निम्नलिखित टिप्स को फॉलो करें। जैसे:
- एल्कोहॉल (Alcohol) का सेवन कम से कम करें या ना करें।
- तंबाकू या सिगरेट (Smoking) जैसी चीजों से दूर बनायें रखें।
- चीनी (Sugar), नमक (Salt) एवं सैचुरेटेड फैट (Saturated fat) का सेवन ना करें।
- जंक फूड (Junk food) या प्रोसेस्ड फूड (Processed food) का सेवन ना करें।
- ताजे फल (Fruits) एवं सब्जियों (Vegetables) का सेवन रोजाना करें।
- नियमित योग (Yoga), एक्सरसाइज (Workout) या वॉक (Walk) करें।
ये टिप्स हेल्दी हार्ट (Healthy heart) के लिए बेहद कारगर माने जाते हैं। इसलिए इन ऊपर बताये टिप्स को हर लोगों को फॉलो करना चाहिए, क्योंकि हेल्दी हार्ट में ही छुपा है हेल्दी लाइफ का राज।
नोट: ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट (Blood Pressure and Heart Rate) दोनों के लेवल में बदलाव का कारण तनाव भी हो सकता है। इसलिए तनाव से दूर रहें। इस बदलती लाइफस्टाइल में टेंशन भी कई शारीरिक एवं मानसिक बीमारियों को दावत दे सकती है। इसलिए खुश रहें और स्वस्थ्य रहें।
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अगर आप ब्लड प्रेशर और हार्ट रेट (Blood Pressure and Heart Rate) या कार्डियोवैस्कुलर हेल्थ से जुड़े सवालों का जवाब तलाश कर रहें थें, तो उम्मीद करते हैं कि ये जानकारी आपके लिए लाभकारी होगी। वैसे अगर आप या आपके कोई भी करीबी कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular diseases) से पीड़ित हैं, तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर से कंसल्टेशन अत्यधिक जरूरी है। क्योंकि ये बीमारियां गंभीर बीमारियों की लिस्ट में शामिल है। अगर इनका समय पर इलाज ना करवाया जाए तो पेशेंट की स्थिति गंभीर हो सकती है। डॉक्टर के संपर्क में रहने से पेशेंट की हेल्थ कंडिशन (Health Condition) और बीमारी की गंभीरता को ध्यान में रखकर इलाज किया जाता है।
स्वस्थ रहने के लिए अपने डेली रूटीन में एक्सरसाइज या योगासन को शामिल करना चाहिए। नीचे दिए इस वीडियो लिंक पर क्लिक कर योगासन से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियों को समझें।