हृदय की गति हमेशा एक जैसी नहीं होती है। जब आप शांत बैठते हैं, तो हृदय की गति धीमी होती है। अचानक से अगर आप किसी चीज को लेकर चिंता करते हैं, तो आपके हृदय की गति बढ़ जाती है। तेज गति से काम करने पर भी हृदय की गति बढ़ जाती हैं। आपके हृदय की गति प्रति मिनट बदलती रहती है। यानी अगर यह कहा जाए कि हार्ट रेट हमेशा एक रहता है, तो यह सही नहीं होगा। आराम करते समय या फिर बिना किसी चिंता के अगर आप बैठे हैं, तो ऐसे में हार्ट रेट 70 से 90 बीट्स प्रति मिनट होता है। अगर आपकी हार्ट बीट 90 से अधिक हो गई है, तो इसे बढ़ी हुई हार्ट बीट कहा जाएगा। इसके लिए कई फैक्टर्स जिम्मेदार हो सकते हैं। जीन भी बढ़ी हुई हार्ट बीट के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित रिपोर्ट की मानें, तो हेल्थ और हार्ट बीट का एक गहरा कनेक्शन होता है। नॉर्वे के शोधकर्ताओं ने 10 सालों में रेस्टिंग हार्ट रेट में बदलाव होते हुए देखा है। बिना किसी हार्ट डिजीज (Heart disease), हाय ब्लड प्रेशर (High blood pressure) या फिर बीमारी न होने पर भी लोगों को हार्ट बीट में बदलाव महसूस हुआ। मतलब उन लोगों की धड़कने पहले के मुकाबले बदल चुकी थीं।
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हार्टबीट अचानक से बढ़ जाने के एक नहीं बल्कि कई कारण होते हैं अनहेल्दी लाइफ स्टाइल (Unhealthy lifestyle), थायरॉइड (Thyroid) की समस्या, एरिथमिया (Arrhythmias) या एट्रियल फिब्रिलेशन (Atrial fibrillation) के कारण भी हार्टबीट नॉर्मल हार्टबीट से अधिक हो जाती है। अगर आपको दी गई बीमारियों में से कोई समस्या है, तो हार्टबीट को नियंत्रण में रखने के लिए बीमारी का इलाज बहुत जरूरी है। बीमारी का इलाज हो जाने पर हार्टबीट अपने आप नियंत्रित हो जाती है।
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हार्ट रेट नॉर्मल बनाए रखने के तरीके: एक्सरसाइज को कहें ‘हां’
शरीर के लिए मोटापा बहुत खतरनाक होता है। अगर आप मोटे हैं और साथ ही एक्सरसाइज भी नहीं करते हैं, तो काफी हद तक संभावना बढ़ जाती है कि आपकी हार्ट बीट भी तेज रहे। ऐसे में हार्टबीट को नियंत्रण में रखने के लिए जरूरी है कि आप रोजाना एक्सरसाइज करें। आप एक्सरसाइज में वॉक (Walk), सायकलिंग (Cycling) आदि शामिल कर सकते हैं। एक्सरसाइज करने से आपके दिल की धड़कन बढ़ जाएगी लेकिन ऐसा करने से हार्ट बीट नार्मल रहती है। हार्ट रेट नॉर्मल बनाए रखने के तरीके में इस तरीके का इस्तेमाल जरूर करें।