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एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज : वेट लिफ्टिंग (Weight lifting)
वेट लिफ्टिंग एनारोबिक एक्सरसाइज को फिटनेस रूटीन का हिस्सा बनाने का स्मार्ट तरीका है। रेजिस्टेंस ट्रेनिंग (जिसे वेट ट्रेनिंग और स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी कहा जाता है) ब्लड ग्लूकोज को कंट्रोल करने और बॉडी की इंसुलिन (Insulin) का उपयोग अच्छी तरह से करने में मदद करती है। यह फैट मास को कम करके मसल मास और स्ट्रेंथ को सुधारने में मदद करती हैं। डायबिटिक लोगों को हर हफ्ते दो से तीन रेजिस्टेंस ट्रेनिंग सेशन का हिस्सा बनने का लक्ष्य रखना चाहिए।
एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज: एचआईआईटी (High-intensity interval training)
डायबिटिक अपने एक्सरसाइज सेशन में एचआईआईटी को भी एड कर सकते हैं, लेकिन इसके पहले यह निश्चित कर लें कि डॉक्टर इसके लिए हां कह दें। यह इंटरवल ट्रेनिंग, कार्डियोवैस्कुलर एक्सरसाइज (Cardiovascular exercise) और एनारोबिक एक्सरसाइज का सम्मिलित फॉर्म है। इसमें कम समय में तीव्र गति से एक्सरसाइज की जाती हैं। उदाहरण के लिए आपको तीन से पांच मिनट के लिए जॉगिंग या वॉक करना होगा और इसके बाद तीस से साठ सेकेंड के लिए जितने तेज हो सके उतना तेज भागना होगा। इस पैटर्न को तीन से चार बार रिपीट किया जाता है। धीरे-धीरे वर्कआउट का समय बढ़ाया जाता है।
आप जैसे-जैसे इन इंटरवल्स को अधिक करते हैं आपका शरीर उनके प्रति अनुकूलित हो जाता है और वे आसानी से होने लगते हैं। इस पैटर्न को फॉलो करने से आपके फिटनेस स्तर में अधिक समय तक मॉडरेट इंटेंसिटी से आगे बढ़ने की तुलना में तेजी से सुधार होता है। डायबिटीज (Diabetes) पीड़ितों के लिए भी एचआईआइटी फायदेमंद हैं। आप डॉक्टर की सलाह से इन्हें अपनी रूटीन का हिस्सा बना सकते हैं।
एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज: जंपिंग रोप (Jumping rope)
एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज (Anaerobic Exercise and Diabetes) का कनेक्शन समझने के बाद अगर आप इन्हें अपने रूटीन का हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो जंपिंग रोप चुन सकते हैं। इसे रस्सी कूदना (Skipping) भी कहा जाता है। यह एक्सरसाइज डायबिटीज में फायदा पहुंचाने के साथ ही पूरी बॉडी को फिट रख सकती है। हायपरटेंशन (Hypertension), स्ट्रोक और तनाव जैसी अन्य बीमारियों को दूर करने में भी यह मदद करती है। यह वजन कम करने में भी फायदेमंद है। 15 मिनट की जंपिंग रोप से 200 कैलोरी बर्न हो सकती है।
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एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज: स्प्रिंटिंग (sprinting)
एनारोबिक एक्सरसाइज और डायबिटीज (Anaerobic Exercise and Diabetes) संबंध तो आप समझ ही चुके हैं। अगर आप इन्हें अपने रूटीन का हिस्सा बनाना चाहते हैं तो स्प्रिरिंटिंग को ट्राय कर सकते हैं। स्प्रिरिंटिंग में कम समय में शॉर्ट डिस्टेंस पर अत्यधिक स्पीड के साथ दौड़ना पड़ता है। यह भी एक एनरोबिक एक्सरसाइज है। इससे कैलोरी और फैट जल्दी बर्न होता है ऐसा माना जाता है। यह कार्डियोवैस्कुलर और मसकुलर एंड्यूरेंस को बढ़ाने के साथ ही फिटनेस लेवल को बढ़ाती है। अगर आप पेरिफेरल न्यूरोपैथी (Peripheral neuropathy) जैसे डायबिटीज कॉम्प्लिकेशन का सामना कर रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इस एक्सरसाइज को करें।