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स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज और डायबिटीज : हाय इंटेंसिटी वर्कआउट से पहले इन बातों का रखें ध्यान!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 10/12/2021

    स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज और डायबिटीज : हाय इंटेंसिटी वर्कआउट से पहले इन बातों का रखें ध्यान!

    क्या आपकाे स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज और डायबिटीज (Strenuous exercise and diabetes) के बारे में पता है? डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जिसके होने के बाद हेल्थ के लिए और भी कई जोखिम बढ़ जाते हैं। डायबिटीज पेशेंट को कोई भी एक्टिविटीज करते समय काफी अलर्ट रहना पड़ता है, क्योंकि सब कुछ उनके ब्लड शुगर लेवल पर निर्भर करता है। आज हम बात करें डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज की, यानि की डायबिटीज में हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज। हां यह सच है कि एक्सरसाइज सभी के लिए फायदमेंद होती है और डायबिटीज के मरीजों के लिए भी, लेकिन डायबिटीज पेशेंट काे हाय इंटेंसिटी वर्कआउट या कोई भी एक्टिविटीज करते समय  काफी सावधानी की जरूर हाेती है, हल्की सी लापरवाही उनके जान को भारी पड़ सकती है। जानिए स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज और डायबिटीज (Strenuous exercise and diabetes) के बारे में।

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    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज से पहले जानें डायबिटीज (Diabetes) क्या है?

    टाइप 2 डायबिटीज का आयुर्वेदिक उपचार जानने से पहले जान लें कि डायबिटीज है क्या? टाइप 2 डायबिटीज, मधुमेह का सबसे आम प्रकार है और यह एक क्रॉनिक कंडिशन ( Chronic condition) है। इस स्थिति में रोगी के शरीर में रक्त में शर्करा के स्तर बढ़ने लगता है। धीरे-धीरे शरीर रक्त में शर्करा को नियंत्रित करने की क्षमता खो देता है। ऐसा टाइप-2 डायबिटीज के स्तर में होता है। इसमे कोशिकाएं रक्त शर्करा से ऊर्जा का निमार्ण नहीं कर पाती हैं। टाइप 1 मधुमेह (Type 1 diabetes)के विपरीत, टाइप 2 में इंसुलिन (Insulin) का उत्पादन करने के लिए अग्न्याशय होता है, लेकिन कोशिकाएं इसका उपयोग कर नहीं कर पाती हैं। यानि कि जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज की बिमारी है, तब उसका शरीर पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाता है। इस कारण से रक्त में ग्लूकोज जमा होने लगता है।

    टाइप 2 मधुमेह (Type 2 diabetes) के पीछे इटीयोलॉजिकल कारण हैं:

    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज क्या है?

    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज का यानि की हाय इंटेंसिटी एक्सरसाइज। फास्ट वर्कआउट सभी के लिए आसान नहीं होता है, खासतौर पर डायबिटीज के मरीजों के लिए, क्योंकि डायबिटीज के मरीजों में एक्सरसाइज के दौरान ब्लड शुगर का लेवल में उतार-चढ़ाव होता है। मधुमेह उपचार में व्यायाम की एक महत्वपूर्ण भूमिका है। डायबिटीज के मरीज किसी भी प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए, व्यायाम से पहले और व्यायाम के बाद में अपने रक्त शर्करा की जांच जरूर करनी चाहिए। डायबिटीज में एक्सरसाइज के साथ इन बातों पर ध्यान दें, जिनमें शामिल हैं:

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    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज के समय अपना विशेष ध्यान रखना चाहिए। डायबिटीज के मरीजों को उस दौरान कुछ चुनौतियों का सामना भी करना पड़ सकता है। सुरक्षित रूप से व्यायाम करने के लिए, आपको शारीरिक गतिविधि से पहले, उस दौरान और बाद में अपने ब्लड शुगर लेवल को ट्रैक करना होगा। यह आपको दिखाएगा कि आपकी बॉडी एक्सरसाइज करने पर कैसे रिएक्ट कर रही है, जो संभावित खतरनाक ब्लड शुगर के उतार-चढ़ाव को रोकने में आपकी मदद कर सकता है। ब्लड शुगर लेवल को मैंटेन करने के लिए इन समयों पर जरूर टेस्ट करें। जिनमें शामिल हैं।

    इससे आपको पता चलता रहेगा कि आपके ब्लड शुगर में कितना फ्लक्चुएशन हो रहा है। ऐसा करने से डायबिटीज के मरीजों में एक्सरसाइज के दौरान किसी भी प्रकार के अटैक का रिस्क कम होगा।

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    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज:  डायबिटीज कंट्रोल न होने पर एक्सरसाइज डाॅक्टर की सलाह पर करें

    किसी भी फिटनेस प्रोग्राम को ज्वाइन करने से पहले आप डॉक्टर की सलाह लें, खासतौर पर तब जब आपकी डायबिटीज में बहुत तेजी से उतार-चढ़ाव होता है। शुगर का लेवल हाय होने पर आप एक्सरसाइज न करें। अपने डॉक्टर से पूछें कि आप जिन गतिविधियों को प्लान कर रहे हैं, वे आपके रक्त शर्करा को कैसे प्रभावित कर सकती हैं। आपके डॉक्टर, आपको व्यायाम करने का सबसे अच्छा समय और तरीका बता सकते हैं। विशेषज्ञ सप्ताह में कम से कम 150 मिनट मध्यम तीव्र शारीरिक गतिविधियों की सलाह देते हैं जैसे:

    विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि बच्चे – यहां तक ​​कि टाइप 1 मधुमेह वाले भी – हर दिन कम से कम 60 मिनट का वर्कआउट कर सकते हैं। यदि आप इंसुलिन या अन्य दवाएं ले रहे हैं, जो निम्न रक्त शर्करा यानि कि हायपोग्लाइसीमिया का कारण बन सकती हैं। इसके अलावा, व्यायाम करने से 15 से 30 मिनट पहले अपने ब्लड शुगर को जरूर टेस्ट करें। व्यायाम से पहले रक्त शर्करा के स्तर के लिए कुछ सामान्य दिशानिर्देश नीचे दिए गए हैं।

    • यदि आपका शुगर लेवल 100 मिलीग्राम/डीएल (5.6 मिमी/ली) से कम है, तो एक्सरसाइज करने के लिए आपका रक्त शर्करा बहुत कम है। तो ऐसे मे आपको एक्सरसाइज शुरू करने से पहले फलों का रस, फल या ग्लूकोज लेना चाहिए।
    • यदि आपका शुगर लेवल 100 से 250 मिलीग्राम/डीएल (5.6 से 13.9 मिमी/ली) है, तो यह सामान्य है। आप सुरक्षित रूप से व्यायाम कर सकते हैं।
    • यदि आपका शुगर लेवल 250 मिलीग्राम/डीएल (13.9 मिमील/ली) या उससे अधिक है। तो आप एक्सरसाइज करने से पहले अलर्ट हाे जाएं। एक्सरसाइज के दौरान आपका रक्त शर्करा बहुत अधिक हो सकता है। तो ऐसे में डायबिटीज की अधिक गंभीर जटिलताओं से बचने के  लिए तत्काल उपचार की आवश्यकता होती है। हाय ब्लड शुगर होने पर आप तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और इमरजेंसी के लिए डॉक्टर द्वारा बताए गए मेडिकेशन को अपनाएं।

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    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज: एक्सरसाइज शुरू करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

    यदि आप डायबिटीज पेशेंट हैं, तो आपको कब और कैसे एक्सरसाइज करना है, इस बारे में अपने डॉक्टर से बात करें। डायबिटीज पेशेंट के लिए कुछ एक्सरसाइज हानिकारक हो सकती हैं। इसके लिए आपके डॉक्टर आपको बता सकता है कि क्या आपको किस प्रकार के व्यायाम से बचना चहिए और कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए। आप ट्रेनर या डॉक्टर की सलाह पर ऐसे व्यायाम चुनें जो आपको पसंद हो और जो आपके दैनिक कार्यक्रम में आसानी से फिट हो जाएं। ऐसे व्यायामों को शामिल करने का प्रयास करें जो आपके दिल और फेफड़ों के लिए हेल्दी हो। अपने शुगर लेवल के स्तर को समान सीमा में रखने में मदद करने के लिए प्रत्येक दिन यानि कि नियमित रूप से एक्सरसाइज जरूरी है। और हां, एकदम से हाय इंटेंसिटी वर्कआउट शुरू करें। धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।

    डायबिटीज के मरीज के लिए  यदि संभव हो, तो वो एक्सरसाइज के समय अपने साथ किसी को रखें। एक्सराइज की शुरूआत धीरे-धीरे करें। शुरूआत में पूरे सप्ताह में कम से कम ढाई घंटे का मध्यम गतिविधि से किए हुए एक्सरसाइज का लक्ष्य रखें। फिर-फिर धीरे-धीरे डॉक्टर के अनुसार बताए गए समय को बढ़ाएं। हाय इंटेंस वर्कआउट के लिए यदि आपके डॉक्टर आपको हां कहते हैं, तो सप्ताह में कम से कम 2 बार मांसपेशियों को मजबूत करने वाले व्यायाम करने का प्रयास करें। इन एक्सरसाइजेज में आप पुश-अप और वेट मैनेजमेंट एक्सरसाइज कर सकते हैं।

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    यदि आप मधुमेह के लिए इंसुलिन या अन्य दवा लेते हैं:

    डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज के बारे में आपको जानकारी मिल गई होगी। व्यायाम आपके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को एनर्जी के रूप में बदलता है। हाय इंटेंस एक्सरसाइज के दौरान, जब रक्त शर्करा बहुत अधिक होता है, तो यह मधुमेह केटोएसिडोसिस का कारण बन सकता है। यह तब हो सकता है जब आप खाली पेट जिम गए हो।

    अगर आपका ब्लड शुगर हाय है (उदाहरण के लिए, 300 mg/dL से अधिक) और आपके पास कीटोन्स हैं, तो व्यायाम न करें।

    यदि आपका रक्त शर्करा अधिक है (उदाहरण के लिए, 300 mg/dL से अधिक) और आपके पास कीटोन्स नहीं हैं, तो सावधानी के साथ व्यायाम करें।

    निम्न रक्त शर्करा के लक्षणों के लिए देखें।

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    डायबिटीज के मरीजों को और भी बहुत सी बातों का ध्यान रखना आवश्यक है। एक्सरसाइज के दौरान किसी भी प्रकार की गलती न करें। यदि आपको रोजाना के करीब अत्यधिक थकान या कुछ और महसूस हो रहा है, तो उस डायबिटीज में स्ट्रेनेयस एक्सरसाइज न करें। अपना ब्लड शुगर लेवल चेक करें और इमरजेंसी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें। अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

    डिस्क्लेमर

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