डायबिटीज और इनफर्टिलिटी (Diabetes and Infertility) दोनों के ही कारण बदलती जीवनशैली बताई जाती है। डायबिटीज और इनफर्टिलिटी की समस्या (डायबिटीज के कारण इनफर्टिलिटी) अन्य कारणों की वजह से भी हो सकती है, लेकिन सबसे जरूरी है इन बीमारियों को खुद से दूर करना या इनसे दूर रहना। साल 2019 में पब्लिश्ड वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) की रिपोर्ट में भारत में प्राइमरी इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या 3.9% से 16.8% के बीच है। पुरुषों में डायबिटीज की वजह से स्पर्म (Sperm) के डीएनए (DNA) को नुकसान पहुंचाता है और स्पर्म की संख्या भी कम हो जाती है। इसी वजह से शुक्राणुओं की गतिशीलता कम हो जाती है, जिससे बांझपन (Infertility) होता है। यही कारण है कि डायबिटीज और इनफर्टिलिटी (Diabetes and Infertility) की समस्या को जोड़कर देखा जाता है। वहीं नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) में पब्लिश्ड रिपोर्ट के अनुसार डायबिटीज और इनफर्टिलिटी (Diabetes and Infertility) का आपस में तालमेल महिलाओं से भी जोड़कर देखा जाता है। दरअसल टाइप 1 डायबिटीज एवं टाइप 2 डायबिटीज की वजह से महिलाओं में मेंस्ट्रुअल एब्नॉर्मलिटिस (Menstrual abnormalities) और इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या की संभावना बनी रहती है।