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पुरुषों में इनफर्टिलिटी के ये लक्षण न करें इग्नोर

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Nidhi Sinha द्वारा लिखित · अपडेटेड 13/04/2021

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी के ये लक्षण न करें इग्नोर

    बांझपन (Infertility) को प्रायः महिलाओं से जोड़ कर देखा जाता है लेकिन, वर्ल्ड हेल्थ आॅर्गेनाइजेशन (WHO) के अनुसार इनफर्टिलिटी से जुड़े तकरीबन 50 प्रतिशत पुरुषों के मामले सामने आएं हैं। आल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑ​फ मेडिकल साइंस (AIIMS) के अनुसार भारत में शादी-शुदा दंपति के 10-15 % मामले ऐसे सामने आते हैं जिनमें महिलाओं के गर्भ धारण ना कर पाने का कारण पुरुष होते हैं। 

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी (Infertility) या स्पर्म काउंट कम होने के कारण 

    1. पुरुषों की इनफर्टिलिटी के पीछे ध्रूमपान (Smoking) करना अहम कारण माना गया है।  
    2. शरीर के वजन का जरुरत से ज्यादा बढ़ना। 
    3. बहुत ज्यादा मानसिक तनाव (Tension)। 
    4. खाने में पौष्टिक आहार शामिल नहीं करना। 
    5. अल्कोहल या नशीले पदार्थों का सेवन करना।     
    6. हॉर्मोन में होने वाले बदलाव। 
    7. अत्यधिक रेडिएशन और एक्सरे के प्रभाव की वजह से भी इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।

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    पुरुषों में इनफर्टिलिटी (Infertility) के लक्षण

  • बॉडी स्ट्रक्चर में बदलाव जैसे चेहरे से बालों का कम होना या स्तन पर ज्यादा उभार आना। 
  • सेक्स के दौरान परेशानी होना या हमेशा सेक्स करने की इच्छा न होना। 
  • टेस्टिकल (वृषण) में या आसपास दर्द, सूजन या गांठ होना इनफर्टिलिटी के लक्षण हो सकते हैं।
  • फेफड़ों में इंफेक्शन होना जिससे सांस लेने में समस्या होना।
  • असुरक्षित सेक्स के बावजूद महिला का गर्भवती न होना। 
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    इनफर्टिलिटी का पता खुद से नहीं चलता लेकिन, कुछ लक्षणों पर गौर किया जाए तो परेशानी समझ में आ सकती है। ऐसा नहीं है कि इनफर्टिलिटी का इलाज नहीं है लेकिन, वक्त पर शुरू किया गया इलाज जल्द असर करता है।

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    पुरुषों में इनफर्टिलिटी (Infertility) की समस्या दूर करने के उपाय 

    1. हॉर्मोन में हुए बदलाव के लिए डॉक्टर्स हॉर्मोन्स का डोज देते हैं। 
    2. स्पर्म काउंट कम होने पर इसे बढ़ाने के लिए दवाएं दी जाती हैं।  
    3. दवाओं की मदद से पुरुषों में कम हुए सेक्स पॉवर को बढ़ाया जाता है। 
    4. टेस्ट में अगर ये साफ हो जाता है की पुरुष में स्पर्म काउंट कम है तो ऐसे में डोनर स्पर्म की मदद ली जा सकती है।      
    5. पुरुषों में इनफर्टिलिटी की समस्या के निदान के लिए विट्रो फर्टीलिज़ेशन (VF) भी एक चिकित्सीय प्रक्रिया है जिससे इनफर्टिलिटी की समस्या खत्म हो सकती है। 
    6. इंफेक्शन की समस्या होने पर एंटीबायोटिक लेने की सलाह दी जाती है।  

    इनफर्टिलिटी की समस्या दूर करने के लिए चिकित्सीय परामर्श के साथ-साथ आहार में कुछ जरुरी पोषक तत्वों को शामिल करने से भी फायदा होता है। जानिए ऐसे में क्या-क्या शामिल करें आहार में।

    मछली:

    समुद्री मछलियों में फैटी एसिड और ओमेगा 3 की पर्याप्त मात्रा होता है जो स्पर्म काउंट बढ़ाने में मदद करता है। 

    अनार:

    अनार में मौजूद विटामिन और मिनरल इनफर्टिलिटी की समस्या को दूर करने मदद करते हैं। 

    कद्दू:

    कद्दू में मौजूद जिंक स्पर्म काउंट को बढ़ाने में मदद करता है। 

    ब्रोकली:

    नियमित रूप से ब्रोकली के सेवन से भी लाभ होता है। ब्रोकली में मौजूद फाइटोस्टेरॉल हॉर्मोन के स्तर को ठीक बनाए रखने में सहायक है। 

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    पुरुषों में इनफर्टिलिटी (Infertility) से बचने के लिए इन फूड्स से बनाएं दूरी

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी से बचने के लिए डायट भी बहुत जिम्मेदार है। ऐसे में पुरुषों को कुछ फूड आयटम्स से दूर रहने की जरूरत होती है। ऐसे ही कुछ फूड आयटम्स हैं।

    एल्कोहॉल का अधिक सेवन (Excess alcohol consumption)

    पुरुषों में इनफर्टिलिटी का एक कारण एल्कोहॉल का ज्यादा सेवन भी हो सकता है। वहीं सीडीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया कि गर्भाधारण की कोशिश कर रही महिलाओं को एल्कोहॉल से दूरी बनाए रखने की जरूरत होती है। अधिक में शराब पीना पुरुषों और महिलाओं दोनों में बांझपन का कारण बन सकता है। आपको बता दें कि शराब के सेवन से शरीर में विटामिन बी की कमी हो जाती है। विटामिन की कमी के कारण इनफर्टिलिटी पर असर पड़ता है। पुरुषों में इनफर्टिलिटी बढ़ाने का एक कारण एल्कोहॉल भी हो सकता है।

    अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन

    कैफीन भी पुरुषों में इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है। आप सुबह एक कप चाय या कॉफी तो ले ही सकते हैं। आप जो भी चाय या फिर कॉफी ले रहे हैं, उसमे कैफीन की मात्रा आपको पता होनी चाहिए। एक दिन में 200 मिलीग्राम कैफीन की मात्रा आपकी फर्टिलिटी को प्रभावित नहीं करती है। कैफीन की 200 मिलीग्राम से अधिक की मात्रा इनफर्टिलिटी का कारण बन सकती है। प्रेग्नेंसी के दौरान भी अधिक कैफीन ब्लडप्रेशर को बढ़ाने का काम करती है। इस कारण से बच्चे की हार्टबीट भी बढ़ जाती है। कैफीन की ज्यादा मात्रा का सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे को इसकी आदत लग सकती है। इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड में कैफीन को हमेशा से ही जगह दी जाती है।

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    फूड्स जिनमें होता है ट्रांस फैट

    आपको कुछ खास तरह के फूड पसंद हैं, और आप उन्हें बहुत चाव से खाना पसंद करते हैं तो सावधान हो जाए, क्योंकि ट्रांस फैट वाले फूड इनफर्टिलिटी को बढ़ाने का काम करते हैं। कुछ फूड जैसे चिप्स, माइक्रोवेव पॉपकॉर्न, बेक्ड आइटम्स, फ्राइड फूड्स आदि इंफ्लामेशन बढ़ाने के साथ ही इंसुलिन रजिस्टेंस को भी बढ़ा देते हैं। इस कारण से पुरुषों में इनफर्टिलिटी की आशंका बढ़ जाती है।

    ट्रांस फैट वाले  फूड अधिक मात्रा में लेने पर ब्लड वैसेल डैमेज होने के साथ ही रिप्रोडेक्टिव सिस्टम में न्यूट्रिएंट्स का फ्लो भी बिगड़ जाता है। इस बात का ख्याल महिला और पुरुष दोनों को ही रखना चाहिए। पुरुषों में अधिक ट्रांस फैट लेने से स्पर्म काउंट में कमी आ जाती है। इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड में जिन खाने में शामिल हो उनमें ट्रांस फैट फूड सबसे ऊपर है। इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड को अवॉयड करने के लिए ट्रांस फैट वाले फूड अवॉयड करना जरूरी है।

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    लो फैट डेयरी से बनाएं दूरी

    लो फैट मिल्क, योगर्ट और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट में एंड्रोजन हो सकता है। इसकी वजह से शरीर में एंड्रोजन प्रोड्यूस हो सकता है। एंड्रोजन प्रोड्यूस होने से पीरियड्स में अनियमितता हो सकती है। अगर आप कंसीव करने की सोच रही हैं तो लो फैट डेयरी को अवॉयड करें। इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड में लो फैट डेयरी फूड्स भी शामिल है। डेयरी प्रोडक्ट्स से कई महिलाओं को वैसे भी एलर्जी होती है।

    फ्राइड फूड को न, पालक को हां

    कुछ लोगों को हरी सब्जी खाना अच्छा नहीं लगता है। फ्राइड फूड खाने के शौकीन लोगों को ये बात ध्यान में रखनी चाहिए फ्राइड फूड में न्यूट्रिएंट्स ज्यादा नहीं होते हैं। आप इन्हें अवाॅयड करें और फॉलिक एसिड युक्त पदार्थों को अपने खाने में शामिल करें। पत्तियों वाली सब्जी जैसे पालक को डायट में शामिल करें। इनमें विटामिन बी के साथ ही फॉलिक एसिड भी होता है। इनफर्टिलिटी बढ़ाने वाले फूड में किसी भी तरह के फ्राइड फूड शामिल हैं।

    पुरुष इनफर्टिलिटी एक ऐसी समस्या है जिसकी वजह से महिला का गर्भ धारण करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए डॉक्टर से सम्पर्क कर बांझपन का इलाज करवाना ही सही होगा। इससे परिवार को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।   

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

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