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डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले लोग इन बातों का रखें ध्यान, बच सकेंगे स्ट्रेस से

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Manjari Khare द्वारा लिखित · अपडेटेड 09/05/2022

    डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले लोग इन बातों का रखें ध्यान, बच सकेंगे स्ट्रेस से     

    द वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) के अनुसार भारत में 7 करोड़ से ज्यादा लोगों को डायबिटीज है। डायबिटीज जैसी किसी भी क्रॉनिक इलनेस के लिए उचित देखभाल बहुत जरूरी होती है। कई बार परिवार के लोग ही मरीज की केयर करते हैं, तो कभी प्रोफेशनल केयरगिवर की भी जरूरत पड़ जाती है, लेकिन कभी-कभी केयर करने वाला इससे फिजिकली और मेंटली परेशान हो जाता है। इसे ‘केयरगिवर स्ट्रेस सिंड्रोम’ या ‘केयरगिवर स्ट्रेस बर्नआउट’ कहते हैं।

    डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर पड़ने वाले असर के बारे में कुछ अध्ययन हैं। कई रिपोर्ट्स देखभाल करने वाले व्यक्ति के स्ट्रेस पर फोकस करती हैं। रिसर्च के अनुसार डायबिटीज जैसी किसी भी क्रॉनिक कंडिशन वाले व्यक्ति की देखभाल करने के लिए जरूरी इंटेंस फिजिकल और इमोशनल डिमांड की वजह से केयरगिवर स्ट्रेस सिंड्रोम हो सकता है।

    इस बारे में जब हैलो स्वास्थ्य ने फोर्टिस नेटवर्क हॉस्पिटल के हीरानंदानी हॉस्पिटल की मुख्य नर्सिंग अधिकारी मोहिनी चंद्रशेखर से बात की तो उन्होंने बताया,  “मधुमेह के मरीजों को संभालना अपने आप में एक चुनौती है क्योंकि यह बीमारी मरीज के जीवन के एक प्रमुख हिस्से को प्रभावित करती है। इसके अलावा, यह अक्सर अन्य जटिलताओं का कारण भी बनती है, जिनसे नर्सों को निपटना पड़ता है। कुल मिलाकर यह मरीज और नर्स दोनों के लिए चुनौतिपूर्ण है। पीड़ित लोगों की लगातार बढ़ती संख्या निश्चित रूप से नर्सों के लिए भी मुश्किलभरी है।

    यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि मधुमेह एक क्रॉनिक डिजीज है जो तनाव, चिंता और अवसाद जैसी अन्य समस्याओं के लिए भी जिम्मेदार है। जिसके कारण कई बार मरीज नर्सों पर अपनी चिड़चिड़ाहट का शिकार बना सकते हैं या अनुचित मांग कर सकते हैं। हालांकि नर्सों को ऐसी स्थितियों से निपटने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है, लेकिन एक मधुमेह रोगी का इलाज करने से नर्सों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है।”

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    पुरुषों की तुलना में महिलाओं को ज्यादा होता है केयरगिवर स्ट्रेस

    कई बार फैमिली मेंबर की देखभाल करना लोगों के लिए स्ट्रेसफुल के साथ ही ट्रॉमेटिक भी हो जाता है। यहां तक कि कई लोगों में इससे पोस्ट ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर तक डेवलप हो जाता है। महिला हो या पुरुष दोनों केयरगिविंग के दौरान तनाव का अनुभव कर सकते हैं। हालांकि, जर्नल ऑफ वीमेन एंड एजिंग की स्टडी के अनुसार महिलाओं में देखभाल के दौरान मेंटल और फिजिकल स्ट्रेस के मामले पुरुषों की तुलना में अधिक हैं।

    डायबिटीज के मरीज की देखभाल के लिए इन बातों की जानकारी होना है जरूरी

    डायबिटीज के किसी पेशेंट की देखभाल करने के लिए जरूरी है कि आपको रेगुलरली ब्लड ग्लूकोज लेवल को मॉनिटर और रिकॉर्ड करना आता हो। साथ ही आपको यह भी सुनिश्चित करना होता है कि मरीज दवाइयां टाइम पर ले रहे हो। हाइपरग्लाइसीमिया और हायपोग्लाइसीमिया के लक्षणों के बारे में भी आपको जानकारी होना जरूरी है। इनके बारे में अवेयर न होने पर भी तनाव हो सकता है। केयरगिवर स्ट्रेस तब और भी ज्यादा हो सकता है जब पेशेंट की उम्र ज्यादा हो और आपको उन्हें तैयार करना, नहलाना, स्टूल पास करवाना, खिलाना और ड्रेसअप कराना हो।

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    डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर इन कारणों से हो सकता है असर

    केयरगिवर्स अक्सर दूसरे की देखभाल करने में इतने बिजी होते हैं कि वे अपने हेल्थ को दरकिनार कर देते हैं।  डायबिटिक पेशेंट की देखभाल के लिए जरूरी फिजिकल, मेंटल और इमोशनल सपोर्ट की वजह से थकान, निराशा आ जाती है। जिससे बाद में स्ट्रेस बर्नआउट होता है। कुछ दूसरे कारण भी हैं जिनकी वजह से डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर असर के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। आइए जानते हैं केयरगिविंग स्ट्रेस सिंड्रोम के कारण क्या हैं और यह डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर कैसे असर करता है।

    1. अनरियलिस्टिक एक्सपेक्टेशन से होता है डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर असर

    कई केयरगिवर सोचते हैं कि उनके केयर करने से पेशेंट की हालत में जल्दी सुधार होगा। उनके केयर करने का पेशेंट पर पॉजिटिव असर होगा, लेकिन डायबिटीज जैसी बीमारी के साथ ऐसा संभव नहीं है। इसलिए रीऐलिटी को स्वीकार करें।

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    2. डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर असर का कारण बन सकती है नियंत्रण में कमी

    कई केयरगिवर अपने फैमिली मेंबर्स की देखभाल करते हैं वे इलाज के लिए जरूरी पैसों की कमी, रिसॉर्सेज और स्किल्स की कमी के चलते भी उदास हो जाते हैं। ऐसे में खुद से कहें कि आप अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहें और हर चीज पर आपका कंट्रोल नहीं हो सकता।

    3. डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ को प्रभावित करने वाले दूसरे फैक्टर्स

    कुछ केयरगिवर्स ये समझ ही नहीं पाते कि वे बर्नआउट या केयरगिवर स्ट्रेस सिंड्रोम से जूझ रहे हैं और उनकी स्थिति बिगड़ती जाती है। कुछ लोग केयरगिवर्स से अनरीजनेबल डिमांड करते हैं। वे अपनी छोटी-मोटी जिम्मेदारियों को भी पूरा नहीं करते और बोझ केयरगिवर पर भी डाल लेते हैं।

    इन लोगों को जल्दी हो सकता है केयरगिविंग स्ट्रेस सिंड्रोम

    • महिलाओं को
    • कम पढ़े-लिखे लोगों को
    • अगर आप उसी बीमार व्यक्ति के साथ रहते हैं जिसके केयरगिवर हैं
    • सोशल आइसोलेशन में रहने वाले लोग
    • जिन लोगों को डिप्रेशन रहा हो
    • फाइनेंशियल डिफिकल्टीज
    • दिन का ज्यादातर समय बीमार की देखभाल करने में लगाने वाले
    • ऐसे लोग जो समस्याओं का हल निकालने में कुशल नहीं होते
    • ऐसे लोग जो अपनी इच्छा से देखभाल नहीं करते

    डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर हो रहा असर, इन लक्षणों से चल जाता है पता

    • हमेशा चिंतित रहना
    • अक्सर थकान या थकावट महसूस होना
    • नींद न आना या बहुत अधिक नींद आना
    • उन चीजों में इंटरेस्ट खत्म होना जिन्हें आप पहले एंजॉय करते थे
    • दुखी रहना
    • बार-बार सिर में दर्द, बॉडी पेन और दूसरे फिजिकल सिम्प्टम्स
    • ड्रग्स या एल्कोहॉल का हद से ज्यादा उपयोग करना
    • फैमिली और फ्रेंड्स से दूर हो जाना
    • हमेशा चिड़चिड़ाहट रहना
    • भूख न लगना या भूख लगने की आदत में बदलाव आना
    • जल्दी जल्दी बीमार पड़ना
    • अपने आपको या जिस व्यक्ति की आप देखभाल कर रहे हैं उसे चोट पहुंचाने की इच्छा।

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    डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ ठीक रखने में मदद कर सकते हैं ये टिप्स

     1. डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ रहेगी सही अगर करें थोड़ी तैयारी

    डायबिटीज के पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ पर प्रभाव इसलिए भी पड़ता है क्योंकि उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी होती है क्योंकि इस बीमारी के मरीज की देखभाल करने के लिए कई चीजों का ध्यान रखना पड़ता है। इसके लिए थोड़ी तैयारी करें और ब्लड शुगर लेवल, इंसुलिन थेरिपी आदि के बारे में थोड़ी जानकारी प्राप्त करें। इससे आपको कॉन्फिडेंस आएगा कि आप पेशेंट को आसानी से मैनेज कर सकते हैं।

    2. अपने लिए समय निकालें

    यह सही है कि डायबिटीज के पेशेंट की देखभाल करने के लिए आपको अपना बहुत सारा समय और एनर्जी देनी पड़ती है। फिर चाहे आप किसी अपने की देखभाल कर रहे हों या प्रोफेशनल केयरगिवर हों, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि लगातार बिना ब्रेक लिए अगर आप लगातार देखभाल में लगे रहेंगे तो इसका असर आपकी मेंटल और फिजिकल हेल्थ पर भी होगा। अगर आप खुद ही फिट नहीं रहेंगे तो दूसरे का ध्यान कैसे रखेंगे?

    बड़े कामों को छोटे-छोटे कामों में डिवाइड करें और फिर उन्हें पूरा करें। एक लिस्ट बनाएं और प्राथमिकता के आधार पर काम करें। इससे आपको खुद के लिए भी थोड़ा समय मिलेगा। अपने पसंदीदा काम जरूर करें। जैसे अपनी हॉबी को पूरा करना, मंदिर जाना या ऐसा कोई भी काम जिसमें आपको इंटरेस्ट हो। इनके के लिए थोड़ा सा समय जरूर निकालें। केयरगिविंग को अपनी लाइफ को टेकओवर न करने दें।

    3. अपने लिए भी पर्सनल हेल्थ गोल सेट करें

    डायबिटीज के मरीजों की देखभाल कर रहे हैं कई केयरगिवर की शिकायत होती है कि वे अच्छी नींद नहीं ले पाते। लंबे समय तक अच्छी नींद न लेना कई हेल्थ से जुड़ी परेशानियों का कारण बन सकता है। अगर आपको लगातार नींद नहीं आ रही है तो डॉक्टर से संपर्क करें। साथ ही अपने लिए भी हेल्थ गोल सेट करें। अपने लिए एक रूटीन सेट करें और उसे फॉलो करें। थोड़ा टाइम फिजिकल एक्टिविटीज के लिए भी निकालें। हेल्दी फूड पेशेंट को खिलाने के साथ ही खुद भी हेल्दी खाएं और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।

    4. मदद मांगने में झिझकें नहीं

    चाहे आप प्रोफेशनल केयरगिवर हो या पर्सनल, दूसरों से मदद मांगने से झिझकें नहीं। आप हर काम नहीं कर सकते हैं। अगर आप परिवार के किसी व्यक्ति की देखभाल कर रहे हैं तो परिवार के दूसरे सदस्यों से कभी-कभी पेशेंट को वॉक पर ले जाने या किसी दूसरे काम के लिए कह सकते हैं। वहीं अगर आप प्रोफेशनल केयरगिवर हैं तो घर के सदस्यों से भी छोटे-छोटे कामों में थोड़ी मदद ले सकते हैं। इस बारे में गिल्टी फील न करें। कभी-कभी ऐसा फील होना सामान्य है, लेकिन इस बात को समझें कि कोई भी परफेक्ट केयरगिवर नहीं हो सकता है। खुद को इस बात का विश्वास दिलाएं कि आप अपना बेस्ट दे रहे हैं।

    5. डॉक्टर की मदद लें

    जरूरी वैक्सीनेशन और स्क्रीनिंग टेस्ट जरूर कराएं। डॉक्टर के पास जाते वक्त उन्हें हमेशा ये जरूर बताएं कि आप एक केयर गिवर हैं। ताकि वे उस हिसाब से आपकी जांच कर सकें। साथ ही अगर आपको किसी बीमारी के लक्षण हैं या आप इस बारे में चिंतिंत हैं तो डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

    अब तो आप समझ ही गए होंगे कि अगर आप केयरगिवर हैं तो दूसरे की केयर करने के साथ-साथ अपनी केयर कैसे करनी है?

    उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में डायबिटिक पेशेंट की देखभाल करने वाले की मेंटल हेल्थ के बारे में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।

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