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हालांकि सभी स्टडीज जो इस विषय पर की गईं हैं लिमिटेड हैं और कम लोगों पर की गई हैं और सभी संदिग्ध मामलों में लोग कोरोना पॉजिटिव नहीं थे। हालांकि नए कोरोना वायरस के साथ कम समय के लिए ह्यूमन कॉन्टैक्ट और शुरुआती फेज में कोविड-19 टेस्टिंग (COVID 19 Testing) की लो एक्यूरेसी के कारण इसे पूरी तरह सही नहीं माना जा सकता।
एरिजोना में कोविड-19 और डायबिटीज का ऐसा केस मिला
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार मेरियो ब्यूलेना एक 28 साल का स्वस्थ लड़का जिसे जून के महीने में बुखार और सांस लेने में परेशानी हुई। जल्दी ही वह कोविड-19 पॉजिटिव (COVID-19 Positive) हो गया। कुछ हफ्तों के बाद जब उसे लगा कि वह रिकवरी कर रहा है तो उसे कमजोरी का अहसास हुआ है और अचानक उल्टियां होने लगीं। 1 अगस्त को वह एरिजोना में स्थित अपने घर में गिर पड़ा। उसे हॉस्पिटल ले जाया गया और डॉक्टर ने उसे आईसीयू में भर्ती करवाया और कोमा में जाने से बचाया। डॉक्टर ने उससे कहा कि उसकी हालत इतनी खराब थी कि वह मर सकता था। उन्होंने कहा कि उसमें टाइप 1 डायबिटीज का निदान किया गया है। यह सुनकर वह शॉक हो गया क्योंकि पहले की मेडिकल हिस्ट्री में ऐसा कुछ नहीं था। डॉक्टर ने कहा कि कोविड इस बीमारी को ट्रिगर कर सकता है।
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कोविड-19 के बाद होने वाली डायबिटीज आगे भी रहेगी या कुछ समय के लिए है। इस बारे में अभी और अध्ययन करने की जरूरत है। इसमें भी कोई क्लियरटी नहीं है कि जो लोग टाइप 2 डायबिटीज के बॉर्डरलाइन पर उनमें ये बीमारी कोरोना की वजह से डेवलप होगी या नहीं।
रिसर्चर ने प्यूरिपोटेंट स्टेम सेल्स (Pluripotent stem cells) को यूज करते हुए मिनिचर लिवर और पैंक्रियाज को ग्रो किया और उन्होंने पाया कि दोनों ऑर्गन सार्स-सीओवी-2 (SARS-CoV-2) संक्रमित हो सकते हैं। विशेष रूप से, उन्होंने पाया कि पैंक्रियाज की बीटा कोशिकाएं कोरोना वायरस से संक्रमित थीं। ACE2 को मानव वयस्क अल्फा और बीटा कोशिकाओं में व्यक्त किया जाता है। जबकि बीटा कोशिकाएं इंसुलिन का उत्पादन करती हैं जो ब्लड में शुगर के लेवल को कम करता है। अल्फा कोशिकाएं ग्लूकागन का उत्पादन करती हैं, ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। दोनों के बीच एक अच्छा संतुलन ब्लड शुगर लेवल (Blood sugar level) को बनाए रखने में मदद करता है।
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चूहे पर किया गया उपयाेग
शोधकर्ताओं ने मानव स्टेम कोशिकाओं का चूहों में उपयोग करके मिनिएचर पैंक्रियाज को चूहे में प्रत्यारोपण किया। दो महीने बाद, उन्होंने उस पैंक्रियाज की जांच की और बीटा और अल्फा कोशिकाओं पर ACE2 रिसेप्टर्स पाए। जब चूहों को कोरोना वायरस से संक्रमित किया गया था, तो उन्होंने पाया कि बीटा कोशिकाएं वायरस से संक्रमित थीं। इस प्रकार वायरस रक्त शर्करा को नियंत्रित करने वाली कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने में सक्षम है, जिससे टाइप -1 डायबिटीज (Type 1 Diabetes) की शुरुआत होती है।
एक रिचर्स ऐसी भी जो कोविड-19 और बच्चों में डायबिटीज के संबंध को नकारती है
प्रोफेसर देबोराह डन-वाल्टर्स, कोविड-19 और इम्यूनोलॉजी टास्कफोर्स के लिए ब्रिटिश सोसायटी के अध्यक्ष और सूरे विश्वविद्यालय में इम्यूनोलॉजी के प्रोफेसर कहते हैं कि टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिजीज है, जिसमें बॉडी का इम्यून सिस्टम पैंक्रियाज पर अटैक करता है मतलब इससे वह इंसुलिन प्रोड्यूस नहीं कर पाता जो कि बॉडी के ग्लूकोज लेवल को रेगुलेट करता है। इस पेपर के अनुसार लंदन में इस दौरान कोविड-19 और बच्चों में डायबिटीज (COVID-19 and Diabetes in kids) के बढ़ते मामलों में संबंध को उचित नहीं माना है। मई और अप्रैल में जिन बच्चों में डायबिटीज के जो मामले बढ़े हैं वे सभी बच्चे कोरोना पॉजिटिव नहीं थे।
कोविड-19 SARS-CoV-2- के कारण होता है और हम सभी जानते हैं कि दूसरी वायरल बीमारियां भी कुछ ऑटोइम्यून डिसीज को ट्रिगर कर सकती हैं। सार्स नया वायरस है। हमें इसके बारे में अभी और जानने और समझने की आवश्यकता है कि यह कैसे हमारे इम्यून सिस्टम से इंटरैक्ट करता है और इसका हमारे ऊपर लॉन्ग टाइम इफेक्ट क्या है? अभी तक ऐसी कोई स्टडी पब्लिश नहीं हुई है जो कोविड-19 और ऑटोइम्यून डिजीज (COVID-19 and autoimmune disease) के बीच संबंध को पूरी तरह स्थापित कर सके। हम अभी कोविड-19 के लॉन्ग टर्म इफेक्ट को लेकर अध्ययनों के शुरुआती फेज में हैं और अभी हमें और फॉलो अप स्टडीज करनी चाहिए।
उम्मीद है कि आगे जब अधिक स्टडीज होंगी तो इस विषय पर स्पष्ट जानकारी हो सकेगी कि कोविड-19 और बच्चों में डायबिटीज (COVID-19 and Diabetes in kids) के बीच क्या संबंध है? क्या सच में कोरोना वायरस की वजह से बच्चे और बड़े डायबिटीज का शिकार हो सकते हैं। तब तक आप स्वस्थ रहिए और कोरोना से बचने के लिए सभी एहतिहात बरतिए। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क का उपयोग और बार-बार हाथ धोना या सैनिटाइजर का उपयोग करना। इन सभी आदतों को दैनिक जीवन का हिस्सा बना लीजिए।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और कोविड-19 और बच्चों में डायबिटीज (COVID-19 and Diabetes in kids) से संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।