मोटेलिटी (Motility) यानी गतिशीलता। वहीं स्पर्म मोटेलिटी (Sperm Motility) से तात्पर्य स्पर्म के स्विम करने और उसके आगे बढ़ने की क्षमता से होता है। लो स्पर्म मोटेलिटी (Low Sperm Motility) का मतलब है कि स्पर्म ठीक से स्विम करने में सक्षम नहीं है। यह स्थिति इंफर्टिलिटी (Infertility) का कारण बन सकती है। स्पर्म की हेल्थ गर्भधारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अच्छी स्पर्म हेल्थ स्पर्म के वॉल्यूम, मोटेलिटी, शेप, सर्विकल म्यूकस (Cervical Mucus) से पास होकर एग से मिलने की क्षमता आदि पर निर्भर करती है। लो स्पर्म मोटेलिटी को एस्थेनोजूस्प्रमिया (Asthenozoospermia) भी कहा जाता है।
स्पर्म मोटेलिटी के प्रकार (Sperm Motility types)
स्पर्म मोटेलिटी दो प्रकार की होती है। पहली प्रोग्रेसिव मोटेलिटी (Progressive Motility) जिसमें स्पर्म की गति सीधी और बड़े सर्कल में होती है। वहीं दूसरी नॉन प्रोग्रेसिव मोटेलिटी (Non Progressive Motility) जिसमें स्पर्म सीधी दिशा में गति नहीं करते और छोटे सर्कल में ही मूव करते हैं। बता दें कि सर्विकल म्यूकस से होते हुए महिला के एग को फर्टिलाइज करने के लिए स्पर्म की गति 25 माइक्रोमीटर्स पर सेकेंड होनी चाहिए।
लो स्पर्म मोटेलिटी और इनफर्टिलिटी (Slow Sperm Motility And Infertility)
लो स्पर्म मोटेलिटी और इनफर्टिलिटी
जर्नल ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्टिव साइंस में पब्लिश रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 6 करोड़ से 8 करोड़ कपल्स इनफर्टिलिटी (Infertility) से प्रभावित हैं। यह रेट्स हर देश के हिसाब से अलग है। अमेरिका में यह रेट 10 प्रतिशत है। यह डेटा उन लोगों पर आधारित है जो एक साल से लगातार प्रयास करने के बाद भी कंसीव नहीं कर पा रहे। वहीं एनसीबीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर में 15-20% कपल इनफर्टिलिटी का सामना कर रहे हैं। जिनमें से 40 प्रतिशत में इनफर्टाइल (Infertile) होने का कारण मेल फैक्टर इनफर्टिलिटी (Male Factor Infertility) है। इनफर्टिलिटी को मेल फैक्टर इनफर्टिलिटी जब कहा जाता है जब कोई मेल अपनी बायलॉजी (Biology) के चलते महिला को गर्भवती करने में असक्षम होता है। ये 7 प्रतिशत पुरुषों को प्रभावित करती है। पुरुषों में इनफर्टिलिटी का आम कारण सीमेन (Semen) में कमी है। जिनमें से सबसे आम कारण निम्न हैं:
लो स्पर्म मोटेलिटी के कारण क्या हैं? (Low Sperm Motility Causes)
लो स्पर्म मोटेलिटी के कारण वयक्ति के अनुसार अलग हो सकते हैं। कई मामलों में इसका कारण स्पष्ट नहीं होता है। टेस्टिकल्स (Testicles) में किसी तरह की चोट स्पर्म की क्वालिटी को प्रभावित करती है। इसके साथ ही कुछ लोगों में इसके कारण जेनेटिक हो सकते हैं। वहीं कुछ में इसका कारण अंडरलाइन कंडिशन्स हो सकती हैं, जिनके बारे में पता नहीं होता। लाइफस्टाइल और एनवायरमेंटल फैक्टर्स भी स्पर्म मोटेलिटी में बड़ा रोल प्ले करते हैं। उदाहरण के लिए एक दिन में 10 से ज्यादा सिगरेट पीने वाले पुरुषों में लो स्पर्म मोटेलिटी (Low Sperm Motility) पाई जाती है। इसके अलावा वेरिकोसील (Varicocele) की स्थिति जिसमें स्क्रॉटम (Scrotum) के अंदर की वेन्स बड़ी हो जाती हैं का संबंध भी स्पर्म मोटेलिटी से माना जाता है। इसके अलावा भी लो स्पर्म मोटेलिटी के कुछ कारण हो सकते हैं जो निम्न हैं।
लो स्पर्म मोटेलिटी का पता कैसे लगाया जाता है? (Low Sperm Motility Diagnosis)
सीमेन एनालिसिस (Semen Analysis) सबसे बेसिक और यूजफुल टेस्ट है जिसके जरिए इस कंडिशन और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के बारे में आसानी से पता किया जा सकता है। टेस्ट के जरिए स्पर्म के फॉर्मेशन इसके साथ ही वे सेमिनल फ्लूइड के अंदर कैसे इंटरैक्ट करते हैं इसके बारे में पता लगाया जा सकता है।
सीमेन सैम्पल को मास्टरबेशन (Masturbation) के जरिए कलेक्ट किया जाता है। टेस्ट से पहले पुरुष को 2 से 7 दिन तक सेक्शुअल एक्टिविटीज से दूर रहने के लिए कहा जाता है। ताकि इससे सीमेन के वॉल्यूम पर असर ना पड़े। यह जरूरी है कि सैम्पल को स्टेराइल कंटेनर में कलेक्ट किया जाए ताकि रिजल्ट प्रभावित ना हो। सैम्पल प्राइवेट रूम में कलेक्ट किया जाता है। सैम्पल को एक घंटे के अंदर एनालिसिस के लिए जमा कराना जरूरी होता है।
कई बार सैम्पल को सेक्शुअल इंटरकोर्स के जरिए भी कलेक्ट करने का निर्देश डॉक्टर देते हैं। इसके लिए कंडोम को अलग तरीके से डिजाइन किया जाता है। इसके लिए कमर्शियल कंडोम का यूज नहीं करना चाहिए। लो स्पर्म मोटेलिटी का इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी किया जा सकता है।
लो स्पर्म मोटेलिटी (low Sperm Motility) को कैसे डील करें?
कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस से स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है। चलिए जानते हैं उनके बारे में।
स्मोकिंग छोड़नी होगी (Quit Smoking)
जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि स्मोकिंग स्पर्म मोटेलिटी को अफेक्ट करके फर्टिलिटी को प्रभावित करती है। इसलिए इसको छोड़ देना ही ठीक होगा। स्पर्म हेल्थ ही नहीं ओवरऑल हेल्थ के लिए भी स्मोकिंग बेहद नुकसानदायक है। यह फेफड़ों के कैंसर का कारण बनने के साथ ही स्किन को भी बुरी तरह प्रभावित करती है।
ड्रग्स (Drugs) और एल्कोहॉल (Alcohol) से बनानी होगी दूरी
इस बात को हम गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन शायद आप जानते नहीं होंगे कि उच्च तापमान और हेल्दी स्पर्म प्रोडक्शन के बीच में संबंध है। यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार आइडियल स्पर्म प्रोड्यूसिंग टेम्प्रेचर 94 डिग्री फेरेनहाइट होता है जो कि बॉडी टेम्प्रेचर से कम है। इसलिए लूज फिटिंग कपड़े पहनना इस दिशा में मददगार हो सकता है। ताकि इस जगह आने वाले पसीने और गर्मी से बचा जा सके।
सप्लिमेंट्स कर सकते हैं मदद (Supplements For Low Sperm Motility)
ऐसा माना जाता है कि कुछ सप्लिमेंट्स भी स्पर्म मोटेलिटी को इम्प्रूव करने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार सौ दिन तक सेलेनियम (Selenium) और विटामिन ई का उपयोग करने पर पुरुषों की स्पर्म मोटेलिटी 52 प्रतिशत बढ़ गई। किसी प्रकार के सप्लिमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। साथ ही इन्हें खरीदते वक्त भी ध्यान रखें कि आप इन्हें सही जगह से खरीद रहे हैं।
लो स्पर्म मोटेलिटी में सुधार के लिए डायट में इन चीजों का रखें ख्याल (Maintain Healthy Diet)
डायट भी स्पर्म हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ निश्चित फूड स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम करने का काम करते हैं। जानते हैं उनके बारे में साथ ही आपको बताएंगे जैसे फूड्स के बारे में जो स्पर्म हेल्थ और मोटेलिटी को बेहतर करने मदद कर सकते हैं।
लो स्पर्म मोटेलिटी से परेशान हैं तो इन्हें ना खाएं –
ट्रांस फैट ((Trans Fat)) वाले फूड्स
ट्रांस फैट हार्ट डिजीज (Heart Disease) का कारण बनता हैं, लेकिन कुछ स्टडीज इस बात का पता चला है कि ये स्पर्म काउंट और मेटिलिटी को कम करने का भी कारण बनते हैं। इसलिए जिन फूड्स में ट्रांस फैट होता है उन्हें अवॉइड करें। इसकी जानकारी आपको फूड आइटम्स के लेबल पर मिल जाएगी।
सोया प्रोडक्ट्स
सोया प्रोडक्ट्स में फायटोएस्ट्रोजन (Phytoestrogen) पाया जाता है जो कि इस्ट्रोजन हॉर्मोन की तरह ही होता है। इन प्रोडक्ट्स का अधिक मात्रा में सेवन स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम कर सकता है। इसके साथ ही जिन फूड आयटम्स में पेप्टिसाइड का यूज किया जाता है उनका उपयोग भी स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम कर सकता है।
फलों औ सब्जियों का उपयोग भी स्पर्म हेल्थ के लिए बेहतर है। क्योंकि इनमें विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो कोशिकाओं को डैमेज से बचाते हैं और स्पर्म मोटेलिटी (Sperm Motility) को बेहतर करते हैं।
अखरोट का उपयोग भी स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को इम्प्रूव कर सकता है। इसके लिए रोज अखरोट का सेवन करना होगा।
इस तरह स्पर्म हेल्थ और स्पर्म मोटालिटी में सुधार किया जा सकता है। इन उपायों के बाद भी अगर सुधार ना हो तो कपल आईवीएफ (IVF), आईयूआई (IUI) और स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation) का सहारा ले सकते हैं। आज के समय में इनफर्टिलिटी का सामाना कर रहे कपल्स के लिए ये तीनों अच्छे विकल्प के रूप में मौजूद हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लो स्पर्म मोटेलिटी और इनफर्टिलिटी संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।
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