लो स्पर्म मोटेलिटी का पता कैसे लगाया जाता है? (Low Sperm Motility Diagnosis)
सीमेन एनालिसिस (Semen Analysis) सबसे बेसिक और यूजफुल टेस्ट है जिसके जरिए इस कंडिशन और पुरुषों में इनफर्टिलिटी के बारे में आसानी से पता किया जा सकता है। टेस्ट के जरिए स्पर्म के फॉर्मेशन इसके साथ ही वे सेमिनल फ्लूइड के अंदर कैसे इंटरैक्ट करते हैं इसके बारे में पता लगाया जा सकता है।
सीमेन सैम्पल को मास्टरबेशन (Masturbation) के जरिए कलेक्ट किया जाता है। टेस्ट से पहले पुरुष को 2 से 7 दिन तक सेक्शुअल एक्टिविटीज से दूर रहने के लिए कहा जाता है। ताकि इससे सीमेन के वॉल्यूम पर असर ना पड़े। यह जरूरी है कि सैम्पल को स्टेराइल कंटेनर में कलेक्ट किया जाए ताकि रिजल्ट प्रभावित ना हो। सैम्पल प्राइवेट रूम में कलेक्ट किया जाता है। सैम्पल को एक घंटे के अंदर एनालिसिस के लिए जमा कराना जरूरी होता है।
कई बार सैम्पल को सेक्शुअल इंटरकोर्स के जरिए भी कलेक्ट करने का निर्देश डॉक्टर देते हैं। इसके लिए कंडोम को अलग तरीके से डिजाइन किया जाता है। इसके लिए कमर्शियल कंडोम का यूज नहीं करना चाहिए। लो स्पर्म मोटेलिटी का इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव करके भी किया जा सकता है।
लो स्पर्म मोटेलिटी (low Sperm Motility) को कैसे डील करें?
कुछ लाइफस्टाइल चेंजेस से स्पर्म हेल्थ को बेहतर बनाया जा सकता है। चलिए जानते हैं उनके बारे में।
स्मोकिंग छोड़नी होगी (Quit Smoking)

जैसा कि हम पहले ही बता चुके हैं कि स्मोकिंग स्पर्म मोटेलिटी को अफेक्ट करके फर्टिलिटी को प्रभावित करती है। इसलिए इसको छोड़ देना ही ठीक होगा। स्पर्म हेल्थ ही नहीं ओवरऑल हेल्थ के लिए भी स्मोकिंग बेहद नुकसानदायक है। यह फेफड़ों के कैंसर का कारण बनने के साथ ही स्किन को भी बुरी तरह प्रभावित करती है।
ड्रग्स (Drugs) और एल्कोहॉल (Alcohol) से बनानी होगी दूरी
गांजा, ओपिएट्स (opiates) और एल्कोहॉल का अधिक मात्रा में उपयोग स्पर्म हेल्थ को प्रभावित करता है। डॉक्टर्स कपल्स को प्रेग्नेंसी प्लानिंग के दौरान इन चीजों को सेवन ना करने की सलाह देते हैं। इसलिए स्पर्म मोटेलिटी में सुधार के लिए इन चीजों से दूरी बनाना जरूरी है।
टाइट कपड़े ना पहनें
इस बात को हम गंभीरता से नहीं लेते, लेकिन शायद आप जानते नहीं होंगे कि उच्च तापमान और हेल्दी स्पर्म प्रोडक्शन के बीच में संबंध है। यूके की नेशनल हेल्थ सर्विस के अनुसार आइडियल स्पर्म प्रोड्यूसिंग टेम्प्रेचर 94 डिग्री फेरेनहाइट होता है जो कि बॉडी टेम्प्रेचर से कम है। इसलिए लूज फिटिंग कपड़े पहनना इस दिशा में मददगार हो सकता है। ताकि इस जगह आने वाले पसीने और गर्मी से बचा जा सके।
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सप्लिमेंट्स कर सकते हैं मदद (Supplements For Low Sperm Motility)
ऐसा माना जाता है कि कुछ सप्लिमेंट्स भी स्पर्म मोटेलिटी को इम्प्रूव करने में मदद कर सकते हैं। एनसीबीआई में छपी एक स्टडी के अनुसार सौ दिन तक सेलेनियम (Selenium) और विटामिन ई का उपयोग करने पर पुरुषों की स्पर्म मोटेलिटी 52 प्रतिशत बढ़ गई। किसी प्रकार के सप्लिमेंट का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना ना करें। साथ ही इन्हें खरीदते वक्त भी ध्यान रखें कि आप इन्हें सही जगह से खरीद रहे हैं।
लो स्पर्म मोटेलिटी में सुधार के लिए डायट में इन चीजों का रखें ख्याल (Maintain Healthy Diet)
डायट भी स्पर्म हेल्थ के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ निश्चित फूड स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम करने का काम करते हैं। जानते हैं उनके बारे में साथ ही आपको बताएंगे जैसे फूड्स के बारे में जो स्पर्म हेल्थ और मोटेलिटी को बेहतर करने मदद कर सकते हैं।
लो स्पर्म मोटेलिटी से परेशान हैं तो इन्हें ना खाएं –
ट्रांस फैट ((Trans Fat)) वाले फूड्स
ट्रांस फैट हार्ट डिजीज (Heart Disease) का कारण बनता हैं, लेकिन कुछ स्टडीज इस बात का पता चला है कि ये स्पर्म काउंट और मेटिलिटी को कम करने का भी कारण बनते हैं। इसलिए जिन फूड्स में ट्रांस फैट होता है उन्हें अवॉइड करें। इसकी जानकारी आपको फूड आइटम्स के लेबल पर मिल जाएगी।
सोया प्रोडक्ट्स
सोया प्रोडक्ट्स में फायटोएस्ट्रोजन (Phytoestrogen) पाया जाता है जो कि इस्ट्रोजन हॉर्मोन की तरह ही होता है। इन प्रोडक्ट्स का अधिक मात्रा में सेवन स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम कर सकता है। इसके साथ ही जिन फूड आयटम्स में पेप्टिसाइड का यूज किया जाता है उनका उपयोग भी स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को कम कर सकता है।
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इन्हें जरूर खाएं

- फिश में अधिक मात्रा में उपलब्ध ओमेगा-3 फैटी एसिड्स (Omega 3 Fatty Acids) स्पर्म काउंट और मोटेलिटी में सुधार कर सकते हैं।
- फलों औ सब्जियों का उपयोग भी स्पर्म हेल्थ के लिए बेहतर है। क्योंकि इनमें विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते हैं जो कोशिकाओं को डैमेज से बचाते हैं और स्पर्म मोटेलिटी (Sperm Motility) को बेहतर करते हैं।
- अखरोट का उपयोग भी स्पर्म काउंट और मोटेलिटी को इम्प्रूव कर सकता है। इसके लिए रोज अखरोट का सेवन करना होगा।
इस तरह स्पर्म हेल्थ और स्पर्म मोटालिटी में सुधार किया जा सकता है। इन उपायों के बाद भी अगर सुधार ना हो तो कपल आईवीएफ (IVF), आईयूआई (IUI) और स्पर्म डोनेशन (Sperm Donation) का सहारा ले सकते हैं। आज के समय में इनफर्टिलिटी का सामाना कर रहे कपल्स के लिए ये तीनों अच्छे विकल्प के रूप में मौजूद हैं।
उम्मीद करते हैं कि आपको यह आर्टिकल पसंद आया होगा और लो स्पर्म मोटेलिटी और इनफर्टिलिटी संबंधित जरूरी जानकारियां मिल गई होंगी। अधिक जानकारी के लिए एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। अगर आपके मन में अन्य कोई सवाल हैं तो आप हमारे फेसबुक पेज पर पूछ सकते हैं। हम आपके सभी सवालों के जवाब आपको कमेंट बॉक्स में देने की पूरी कोशिश करेंगे। अपने करीबियों को इस जानकारी से अवगत कराने के लिए आप ये आर्टिकल जरूर शेयर करें।