backup og meta

नपुंसकता और बांझपन में क्या है अंतर, जानने के लिए पढ़ें

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    नपुंसकता और बांझपन में क्या है अंतर, जानने के लिए पढ़ें

    इंसान का शरीर यदि सुचारू रूप से काम करें तो कोई परेशानी न होगी, लेकिन किसी बीमारी, जन्म जात या अन्य कारणों से कोई कमी आ जाए तो वो अभिशाप बन जाती है। हम बात कर रहे हैं नपुंसकता और बांझपन की। इसका दर्द वो ही समझ सकते हैं, जो इस दंश को झेल रहे हैं। नपुंसकता और बांझपन दोनों ही समस्याएं पुरुष की सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी समस्या है। इसके कारण शिशु होने में परेशानी होती है, मानसिक के साथ शारिरिक तौर पर क्षति पहुंचाता है।

    नपुंसकता तो इरेक्टाइल डिसफंक्शन (ईडी-erectile dysfunction (ED)) भी कहा जाता है। इसके कारण लिंग सामान्य रूप से प्रतिक्रिया नहीं करता है। ऐसे में पुरुष को संभोग करने में परेशानी होने के साथ संभोग सुख हासिल ही नहीं कर पाता। वहीं दूसरी ओर बांझपन को इनफर्टिलिटी (Infertility) भी कहा जाता है। इसके कारण व्यक्ति स्पर्म (वीर्य-sperm) नहीं बन पाता है। तो आइए इस आर्टिकल में हम इन दोनों कंडीशन के बारे में बात करते हैं, इसके कारणों के साथ इसका कैसे इलाज किया जाए इसपर बात करते हैं।

    [mc4wp_form id=”183492″]

    नपुंसकता (Impotence) क्या है?

    विश्वभर में काफी संख्या में लोग इरेक्टाइल डिसफंक्शन की बीमारी से ग्रसित हैं। द क्लीवीलैंड क्लिनिक में छपे शोध के अनुसार हर दस व्यस्कों में एक पुरुष इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या से जूझ रहा है। वहीं इस बीमारी का लंबे समय तक सामना करता है।

    लिंग में सख्तपन के लिए शरीर के कई अंगों की जरूरत होती है। इसमें हमारे नर्वस सिस्टम से लेकर मसल्स, ब्लड वैसल्स तक की आवश्यकता होती है। यदि कोई पुरुष इन बीमारियों से ग्रसित है तो उसेइरेक्टाइल डिस्फंक्शन की शिकायत हो सकती है, जैसे

    • अत्यधिक शराब का सेवन व ड्रग्स लेने के कारण
    • तंबाकू का सेवन करने के कारण
    • मोटापे के कारण
    • पेरोनी डिजीज (पेनिस में स्कॉर टिशू-Peyronie’s disease )
    • दवा का सेवन करने के कारण जैसे एंटीडिप्रिसेंट्स, दवा का सेवन करने की वजह से ब्लड प्रेशर का कम होना
    • हाई ब्लड प्रेशर व हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या के कारण
    • पार्किन्सन डिजीज और मल्टीपल स्केलेरोसिस (Parkinson’s disease or multiple sclerosis)
    • डायबिटीज मेलिटस (diabetes mellitus)
    • स्ट्रेस (परफॉर्मेंस एंजाइटी-performance anxiety)
    • ब्लड वेसल्स और हार्ट डिजीज से संबंधित समस्या के कारण

    इरेक्टाइल डिसफंक्शन की समस्या आमतौर पर प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों का इलाज करने के कारण उसके रेडिएशन और सर्जरी की वजह से भी होती है। इनलार्ज प्रोस्टेट (enlarged prostate) का इलाज करने के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।  यह बीमारी इमोशनल कारणों की वजह से भी हो सकती है, जैसे

    • कम आत्म सम्मान
    • चिंता-अवसाद (anxiety)
    • किसी प्रकार का गिल्ट महसूस होने पर
    • चिंता के कारण

    और पढ़ें : क्या स्पर्म का तैरना था एक ऑप्टिकल भ्रम? क्या सिद्ध हुआ है नए अध्ययन से जानिए

    फर्टिलिटी ट्रीटमेंट- fertility treatment
    फर्टिलिटी ट्रीटमेंट

    बांझपन (इनफर्टिलिटी) क्या है (What is infertility)

    नपुंसकता और बांझपन की बात करें तो इनफर्टिलिटी जिसे बांझपन भी कहते हैं, इस समस्या के तहत आप यदि अपने पार्टनर के साथ शारिरिक संबंध बना उसे गर्भवती करना चाहते हैं, बावजूद एक साल से वो गर्भवती नहीं हो रही है तो संभव है कि आप इनफर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। यह समस्या किसी के साथ भी हो सकती है, संभव है कि पुरुष या महिला में से कोई एक या दोनों ही इस समस्या से ग्रसित हों। करीब एक तिहाई मामलों में इस प्रकार की समस्या पुरुषों में अधिक देखने को मिलती है।

    नपुंसकता और बांझपन में पुरुषों में बांझपन की समस्या की वजह से वो सामान्य पुरुषों की तरह स्पर्म रिलीज नहीं कर पाता। इसके अलावा कुछ अन्य कारणों से भी उसे इस प्रकार की समस्या होती है, जैसे

    • नपुंसकता और बांझपन: पुरुष नसबंदी की वजह से (vasectomy)
    • नपुंसकता और बांझपन का कारण शीघ्रपतन- प्रीमैच्योर इजेकुलेशन (premature ejaculation) हो सकता है।
    • (retrograde ejaculation) इस समस्या के तहत शुक्राणु लिंग के माध्यम से मूत्राशय में बहता है
    • नपुंसकता और बांझपन का कारण सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज, जैसे गोनोरिया, क्लाइमेडिया (HIV, gonorrhea, or chlamydia) हो सकती हैं।
    • मम्प्स (mumps) या फिर अन्य प्रकार के इंफेक्शन के कारण संभव है कि अंडकोष चोटिल हो जाए जिसे नपुंसकता और बांझपन हो सकता है।
    • पुरुष के प्रजन्न अंगों में किसी प्रकार की इंज्युरी या फिर सर्जरी की वजह से लिंग का सामान्य रूप से काम न कर पाना
    • अनुवांशिक कारणों से जैसे कि सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis) से नपुंसकता और बांझपन हो सकता है।
    • कुछ खास प्रकार के ड्रग्स जैसे स्टेरॉयड्स का सेवन करने के कारण
    • शराब का अत्यधिक सेवन करने के कारण
    • कीटनाशक और अन्य रसायनों के संपर्क में आने की वजह से
    • वैरीकोसेल (Varicocele) की समस्या की वजह से अंडकोष में नसें सामान्य से अधिक बढ़ जाती है, जिसके कारण परेशानी होती है
    • डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी के कारण
    • कैंसर ट्रीटमेंट की वजह से जैसे कि कीमोथैरिपी और रेडिएशन के कारण

    नपुंसकता और बांझपन के मामलों में कई केस में इनफर्टिलिटी के कारण क्लीयर ही नहीं होते। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पुरुष बिना किसी लक्षण के इस समस्या को झेल रहे होते हैं। लेकिन उनमें कुछ प्रकार के बदलाव आते हैं, जैसे शरीर का सेक्सुअल फंक्शन सामान्य की तरह काम न कर पाना, सेक्स संबंधी इच्छा न करना, अंडकोष में सूजन (swelling in the scrotum), इजेकुलेशन (लिंग के सख्तपन) में समस्या आना, सामान्य की तरह परिवर्तन न होना जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

    और पढ़ें : क्या पुदीना स्पर्म काउंट को प्रभावित करता है? जानें मिथ्स और फैक्ट्स

    जानें नपुंसकता को कैसे किया जा सकता है ठीक? (How impotence can be cured?)

    नपुंसकता और बांझपन के केस में इस बीमारी से पीड़ित लोगों को डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। यदि किसी व्यक्ति कोलिंग संबंधी कोई परेशानी हो रही है, जैसे कि लिंग का सामान्य की तरह सख्त न होना आदि तो उसे डॉक्टर या फिर यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करना चाहिए। यह सही है कि नपुंसकता के बारे में लोग खुलकर चर्चा नहीं करते हैं, लेकिन डॉक्टर से इस बारे में बात करने में कोई हिचक नहीं होनी चाहिए। क्योंकि इस बीमारी का इलाज कराना बेहद ही जरूरी है, नहीं तो समस्या और भी ज्यादा जटिल हो जाएगी। क्योंकि इस समस्या का असर आपके निजी संबंधों पर पड़ता है। यदि आपने इस बीमारी का इलाज न कराया तो संभव है कि आपके बच्चे ही न हो।

    अपनी खुशियों का रास्ता जानने के लिए वीडियो देख लें एक्सपर्ट की राय

    नपुंसकता और बांझपन (Impotence and infertility) का पता लगाने के लिए फिजिकल एग्जामिनेशन व टेस्ट

    बीमारी का पता लगाने के लिए आपके डॉक्टर फिजिकल इग्जामिनेशन कर सकते हैं। इसके बाद आपके विशेषज्ञ कुछ लैब टेस्ट कराने के लिए भी बोल सकते हैं। जैसे कि टेस्टोस्टेरोन लेवल (testosterone level) की जांच, एचबी 1एसी और फास्टिंग लिपिड पैनल (fasting lipid panel) जैसे टेस्ट कराने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं। ताकि पता कर सकें कि मरीजडायबिटीज मेलिटस (diabetes mellitus), हार्ट डिजीज, हार्मोनल प्रॉब्लम के कारण उसे इरेक्शन की समस्या तो नहीं हो रही। मरीज की शारिरिक जांच व लैब रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर मरीज का ट्रीटमेंट प्लान करते हैं। कुछ मामलों में तो डॉक्टर मरीज की लाइफस्टाइल में कुछ खास बदलाव कराते हैं ताकि बेहतर नजीते हासिल किए जा सके। जैसे

    इन तमाम आदतों को लाइफ में अपनाकर परेशानी को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यदि यह तरकीब काम न आए तो संभव है कि डॉक्टर मरीज को कुछ दवा आदि का सेवन करने का सुझाव दे सकते हैं।  (फॉस्फोडिएस्टरेज़ -5-इनहेबिटर- phosphodiesterase-5-inhibitor) का सुझाव दे सकते हैं। यह दवा लिंग में बल्ड फ्लो को बढ़ाती है इस कारण इरेक्शन संभव हो पाता है। अन्य दवा में सिल्डेनाफिल (sildenafil) , टाडालाफिल (tadalafil), वार्डेनाफिल ( vardenafil) जैसी दवा का सुझाव डॉक्टर दे सकते हैं। इन तमाम दवा का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए बिना एक्सपर्ट की सलाह के इन दवा का सेवन न करें। खासतौर पर हार्ट फेल्योर या फिर हार्ट डिजीज से ग्रसित मरीज, वैसे मरीज जो हार्ट डिजीज और लो ब्लड प्रेशर के लिए नाइट्रेट (nitrate ) दवा का सेवन करते हैं। वैसे लोगों को इस प्रकार की दवा का सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेनी चाहिए। नहीं तो उनकी तबीयत और ज्यादा बिगड़ सकती है।

    इरेक्टाइल डिसफंक्शन का इलाज करने के लिए अन्य दवा का इस्तेमाल किया जाता है, इसमें एलप्रोस्टाडिल (alprostadil ), केविरजेक्ट इंपल्स, एडेक्स, म्यूस (Caverject Impulse, Edex, Muse), जिसे प्रोस्टाग्लेडिन ई1 थैरेपी (Prostaglandin E1 therapy)। इस दवा को डॉक्टर पेनिस में इंजेक्ट करते हैं। ताकि इरेक्शन हो। ऐसा करने से एक घंटे तक लिंग में तनाव रहता है।

    यदि दवा आपको सही नहीं लगती तो ऐसे में पेनिस पंप्स और इंप्लांट्स इसमें मदद कर सकता है।

    जब समस्या मानसिक स्थिति से जुड़ी हो तो ऐसी स्थिति में काउंसलर आपकी इस समस्या को बातचीत से हल कर सकते हैं। ऐसा कर इरेक्शन हासिल किया जा सकता है। इसके लिए आपका पार्टनर की आवश्यकता भी थैरेपी सेशन में पड़ सकती है।

    और पढ़ें : स्पर्म डोनर से प्रेग्नेंसी के लिए मुझे किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?

    जानें बांझपन का कैसे इलाज है संभव (Infertility Treatment)

    नपुंसकता और बांझपन के मामले में बांझपन के इलाज के लिए डॉक्टर से बात करनी चाहिए। यदि आप चाहते हैं कि आपकी पार्टनर गर्भवती हो व कोशिश कर रहे हैं तो इसके लिए आप डॉक्टरी सलाह ले सकते हैं। पुरुषों में इनफर्टिलिटी के मामले में डॉक्टर कुछ टेस्ट का सुझाव दे सकते हैं।

    • टेस्टिकल्स की जांच के लिए अल्ट्रासाउंड और बायोप्सी जांच की सलाह
    • स्पर्म काउंट और मॉटिलिटी की जांच के लिए सिमन एनालॉसिस
    • जेनेटिक टेस्टिंग
    • हार्मोन की जांच के लिए ब्लड टेस्ट

    ट्रीटमेंट इस बात पर निर्भर करता है कि किस समस्या के कारण मरीज को दिक्कत हो रही है। मौजूदा समय में कई ट्रीटमेंट ऑप्शन हैं। जैसे

    • इंफेक्शन का इलाज करने के साथ इनफर्टिलिटी के कारणों का इलाज किया जा सकता है
    • टेस्टिकल्स के साथ अन्य शारिरिक समस्याओं को ठीक करने के लिए सर्जरी
    • हार्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी (hormone replacement therapy)

    इन विट्रो फर्टिलाइजेशन और आर्टिफिशियल इनसेमिनेशन (vitro fertilization or artificial insemination) इस प्रक्रिया के दौरान स्पर्म को सर्विक्स या फिर यूट्रस में डाला जाता है। गर्भ धारण करने के लिए इन तरीकों को इस्तेमाल में लाया जाता है।

    और पढ़ें : क्या स्पर्म एलर्जी प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकती है?

    नपुंसकता और बांझपन (Impotence and infertility) पर डॉक्टर से करें खुलकर बात, कराएं इलाज

    नपुंसकता और बांझपन जैसे गंभीर मुद्दों पर डॉक्टर से खुलकर बात करना चाहिए। लेकिन यह सच है कि इस गंभीर मुद्दे पर बात करना इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए मुश्किल होता है। लेकिन फिर भी डॉक्टर से बात कर समस्या को सुलझाना चाहिए। ऐसा कर आप न केवल निजी रिश्तों को सुधार सकते हैं बल्कि सेक्स लाइफ को भी बेहतर कर सकते हैं। मौजूदा समय में कई आधुनिक तकनीक से काफी हद तक नपुंसकता और बांझपन जैसी बीमारियों का इलाज संभव है। बस जरूरत है तो डॉक्टरी सलाह की। नपुंसकता और बांझपन  पर अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डॉक्टर से सलाह लें।

    डिस्क्लेमर

    हैलो हेल्थ ग्रुप हेल्थ सलाह, निदान और इलाज इत्यादि सेवाएं नहीं देता।

    के द्वारा मेडिकली रिव्यूड

    डॉ. प्रणाली पाटील

    फार्मेसी · Hello Swasthya


    Satish singh द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/09/2021

    advertisement iconadvertisement

    Was this article helpful?

    advertisement iconadvertisement
    advertisement iconadvertisement