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स्किपिंग के दौरान निम्नलिखित परेशानी हो सकती हैं
- रस्सी कूदने के दौरान अगर रस्सी टूटती है, तो चोट लगने की संभावना हो सकती है।
- पैरों में मोच की समस्या हो सकती है।
- मांसपेशियां खिंच सकती हैं।
- कलाई में दर्द हो सकती है।
ऑस्ट्रेलियन फिजिकल एक्टीविटी एंड सिडेंटरी बिहेवियर गाइडलाइन (Australian physical activity and sedentary behaviour guidelines) के अनुसार यदि आप स्वस्थ रहना चाहते हैं, तो सप्ताह में सामान्य गति वाली एक्सरसाइज ढ़ाई से पांच घंटे तक करें। वहीं तेज गति की एक्सरसाइज सवा से ढ़ाई घंटे करनी चाहिए। ऐसे में आप रस्सी कूदने के फायदे उठा सकते हैं। इसे आप सामान्य और तेज दोनों तरह से कर सकते हैं।
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रस्सी कूदने के लाभ तभी बेहतर मिल सकते हैं, जब आप ठीक तरह से स्किपिंग करेंगे। यहां जानिए स्किपिंग कैसे करें?
स्किपिंग के लिए खास टिप्स
टिप्स 1: रस्सी कूदने के वक्त दोनों पैरों को एक साथ जंप करें। अगर आप स्किपिंग पहली बार कर रहें हैं, तो टिप्स वन फॉलो करें।
टिप्स 2: अगर आप बॉडी का बैलेंस ठीक तरह से रस्सी कूदने के दौरान बना लेते हैं, तो आप प्रैक्टिस को बढ़ाते हुए एक पैर से भी स्किपिंग कर सकते हैं।
टिप्स 3: क्रॉस स्किपिंग का भी आनंद ले सकते हैं। क्रॉस स्किपिंग के दौरान आप हाथों को क्रॉस कर सकते हैं। क्रॉस स्किपिंग करने से आपकी एकाग्रता बढ़ती है।
टिप्स 4: आरामदायक कपड़े पहनें।

स्किपिंग कब करना चाहिए?
जिस तरह से किसी भी कार्य के लिए हमसभी समय तय करते हैं, ठीक उसी तरह स्किपिंग के फायदे के लिए टाइम फिक्स करना जरूरी है। सुबह के वक्त रस्सी कूदने का विशेष लाभ मिल सकता है, लेकिन अगर आप समय की कमी या किसी अन्य कारण से आप सुबह के वक्त स्किपिंग नहीं कर पाते हैं, तो शाम के वक्त रस्सी कूद सकते हैं।
अगर आप रस्सी कूदने के फायदे या किस तरह से आप सही बॉडी पॉश्चर के साथ स्किपिंग कर सकते हैं यह समझना चाहते हैं या इससे जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो फिटनेस एक्सपर्ट से समझना बेहतर होगा।