के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya
एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Exercise and insulin resistance) में क्या संबंध है? क्या यह सवाल आपके मन में भी है कि क्या डायबिटीज पेशेंट एक्सरसाइज कर सकते हैं। तो हम आपको बता दें कि हां, मधुमेह के रोगी भी एक्सरसाइज कर सकते हैं, लेकिन सभी सावधानियों के साथ। एक्सरसाइज हर प्रकार से हेल्थ के लिए अच्छी होती है, खासतौर पर डायबिटीज पेशेंट के लिए भी। अब हम बात करेंगे एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Exercise and insulin resistance) में संबंध की, तो दोनों में बहुुत गहरा संबंध है, लेकि इससे पहले आपकाे समझना होगा कि इंसुुलिन रेजिस्टेंस है क्या? आइए जानते है इसके बारे में:
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लो इंसुलिन सेंसेविटी (Low insulin sensitivity) को इंसुलिन रेजिस्टेंस के रूप में जाना जाता है। इसमें हमारे शरीर में कोशिकाएं अधिक ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती हैं, जिस कारण शरीर में शुगर का स्तर बहुत हाय हो सकता है। जब शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है, तो इस स्थिति में पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन का निमार्ण नहीं कर पात है। जिस कारण लोगों में डायबिटीज की समस्या (Problem of diabetes) देखी जाती है। वहीं इसी यदि आपका खानपान बिगड़ जाए या लाइफस्टाइल सही न हो, तो उस समय आपमें डायबिटीज के खतरे और भी बढ़ जाते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस, लोगों के बीच भिन्न होती है और विभिन्न जीवनशैली और आहार संबंधी कारकों के अनुसार बदल सकती है। इसे सुधारने से उन लोगों को फायदा हो सकता है जिन्हें टाइप 2 मधुमेह है या होने का खतरा है। तो ऐसे में जीवनशैली और आहार संबंधी कारकों में सुधार कर के और एक्सरसाइज और प्राकृतिक उपचारों से अपने इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक किया जा सकता है। एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस के बीच संबंध को जानने से पहले इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण के बारे में जानें यहां:
शरीर में इंसुलिन की कमी डायबिटीज के साथ और भी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकती है। इंसुलिन रेजिस्टेंस के कुछ लक्षण इस प्रकार के हो सकते हैं:
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एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। डायबिटीज आज के समय में लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली समस्याओं में से एक है। मधुमेह के शिकार रोगी में हाय ब्लड शुगर की समस्या देखी जाती है और यह तब होता है, जब उनके शरीर में इंसुलिन का पूर्ण उत्पादन नहीं हो पाता है, जितने की शरीर को आवश्यकता होती है। वैसे तो डायबिटीज तीन प्रकार की होती है, लेकिन सामान्यतौर पर दो प्रकार की डायबिटीज लोगों में सबसे अधिक देखी जाती है। जिनमें शामिल है – टाइप 1, जिसमें मरीज इंसुलिन (Insulin) पर निर्भर रहता है और दूसरा डायबिटीज टाइप 2, जिसमें शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता है। शरीर में इंसुलिन की कमी होने के कारण शरीर में पूर्ण रूप से ऊर्जा का निमार्ण नहीं हो पाता है।
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एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। डायबिटीज के मरीजों में अपर्याप्त इंसुलिन के निमार्ण के कारण एनर्जी लेवल भी कम हो जाती है, तो ऐसे में एक्सरसाइज से शुगर के मरीजों में एनर्जी लेवल बढ़ता है। एक्सरसाइज इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करने का एक तरीका हो सकता है। एक्सरसाइज से शुगर लेवल का स्तर कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज के मरीजों को सप्ताह में पांच बार कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। उन्हें सप्ताह में तीन बार लंबी अवधि, मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम और सप्ताह में दो बार सभी प्रमुख मसल्स ट्रेनिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। एक्सरसाइज शरीर के लिए कितनी फायदेमंद है, यह सभी जानते हैं। लेकिन डायबिटीज में वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज के कई हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं, जिनमें शामिल हैं:
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डायबिटीज पेशेंट के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है, लेकिन इसे ट्रेनर की निगरानी में और ब्लड शुगर लेवल चेक किये जाने के बाद ही किया जाना चाहिए। यदि आप घर पर ही खुद एक्सरसाइज करना चाहते हैं,वो बिना किसी ट्रेनर के तो आप इस तरह की फिजिकल एक्टिविटीज कर सकते हैं:
डायबिटीज वालों के लिए वॉक बहुत जरूरी है। ये घर पर आसानी से की भी जा सकती है। आप रोजाना 30 से 40 मिनट की वाॅक करें। आप नाॅर्मल वॉक से भी दिन की शुरूआत कर सकते हैं।आप सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट की तेज वॉक करें। इससे भी आपका वजन और डायबिटीज दोनों मैंटेन होगी। वॉक हेल्दी हार्ट के लिए भी अच्छा होता है।
स्विमिंग भी एक अच्छी एक्सरसाइज है, उदाहरण के लिए, तैराकी, वाटर एरोबिक्स, एक्वा जॉगिंग (Jogging) जैसेी गतिविधिंयां डायबिटीज को तो कंट्रोल में रखती हैं, साथ में इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स भी होते हैं। स्वीमिंग एनर्जी लेवल के बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है।
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घर करने के लिए साइकलिंग बेस्ट एक्सरसाइज है। इससे घुटनों में दर्द की समस्या भी ठीक होती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में गठिया की समस्या (Gout problem) भी देखी जाती है। साइकिलिंग हर प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज पेशेंट को रोज 30 मिनट की साइकिलिंग करनी चाहिए। इससे उनके जोड़ों का दर्द भी ठीक होगा और फैट भी कम होगा।
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आइए टाइप 2 डाइबिटीज से ग्रस्त लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज करने में मदद करने वाले टिप्स के बारे में भी जानते हैं। अच्छी मांसपेशियों के निर्माण के लिए एक्सरसाइज और डायट का ध्यान रखें, जिनमें शामिल हैं:
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जैसा कि आपने जाना एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। एक्सरसाइज करने से शरीर इंसुलिन के निमार्ण में भी मदद मिलती है और एनर्जी का स्तर भी अच्छा बना रहता है। इसके अलावा डायबिटीज पेशेंट को एक्सरसाइज करने से पहलें शुगर लेवल जरूर चैक करना चाहिए। कोई भी हैवी एक्सरसाइज अपने मन से न करें। इसे करने के लिए एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टर से संपर्क करें।
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