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एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस : डायबिटीज पेशेंट एक्सरसाइज से पहले इन बातों का रखें ध्यान

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Sayali Chaudhari · फार्मेकोलॉजी · Hello Swasthya


Niharika Jaiswal द्वारा लिखित · अपडेटेड 08/02/2022

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस : डायबिटीज पेशेंट एक्सरसाइज से पहले इन बातों का रखें ध्यान

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Exercise and insulin resistance) में क्या संबंध है? क्या यह सवाल आपके मन में भी है कि क्या डायबिटीज पेशेंट एक्सरसाइज कर सकते हैं। तो हम आपको बता दें कि हां, मधुमेह के रोगी भी एक्सरसाइज कर सकते हैं, लेकिन सभी सावधानियों के साथ। एक्सरसाइज हर प्रकार से हेल्थ के लिए अच्छी होती है, खासतौर पर डायबिटीज पेशेंट के लिए भी। अब हम बात करेंगे एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Exercise and insulin resistance) में संबंध की, तो दोनों में बहुुत गहरा संबंध है, लेकि इससे पहले आपकाे समझना होगा कि इंसुुलिन रेजिस्टेंस है क्या? आइए जानते है इसके बारे में:

और पढ़ें: क्या है पैनक्रियाज और डायबिटीज के बीच संबंध? जानते हैं आप?

इंसुलिन रेजिस्टेंस (Insulin resistance) क्या है?

लो इंसुलिन सेंसेविटी (Low insulin sensitivity) को इंसुलिन रेजिस्टेंस के रूप में जाना जाता है। इसमें हमारे शरीर में कोशिकाएं अधिक ग्लूकोज को अवशोषित नहीं कर पाती हैं, जिस कारण शरीर में शुगर का स्तर बहुत हाय हो सकता है। जब शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या होती है, तो इस स्थिति में पैनक्रियाज ज्यादा इंसुलिन का निमार्ण नहीं कर पात है। जिस कारण लोगों में डायबिटीज की समस्या (Problem of diabetes) देखी जाती है। वहीं इसी यदि आपका खानपान बिगड़ जाए या लाइफस्टाइल सही न हो, तो उस समय आपमें डायबिटीज के खतरे और भी बढ़ जाते हैं। इंसुलिन रेजिस्टेंस, लोगों के बीच भिन्न होती है और विभिन्न जीवनशैली और आहार संबंधी कारकों के अनुसार बदल सकती है। इसे सुधारने से उन लोगों को फायदा हो सकता है जिन्हें टाइप 2 मधुमेह है या होने का खतरा है। तो ऐसे में जीवनशैली और आहार संबंधी कारकों में सुधार कर के और एक्सरसाइज और प्राकृतिक उपचारों से अपने इंसुलिन रेजिस्टेंस को ठीक किया जा सकता है। एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस के बीच संबंध को जानने से पहले इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण के बारे में जानें यहां:

इंसुलिन रेजिस्टेंस के लक्षण (Symptoms of insulin resistance)

शरीर में इंसुलिन की कमी डायबिटीज के साथ और भी कई घातक बीमारियों का कारण बन सकती है।  इंसुलिन रेजिस्टेंस के कुछ लक्षण इस प्रकार के हो सकते हैं:

  • फास्टिंग में ग्लूकोज का स्तर 100-125 एमजी/डीएल हो सकता है।
  • हाय डेंसिटी लीपोप्रोटीन (एचडीएल) कोलेस्ट्रोल का स्तर पुरुषों में 40 एमजी/डीएल से कम हो सकता है और महिलाओं में 50 एमजी/डीएल से कम हो सकता है।
  • थकान अधिक महसूस होना।
  • शुगर का लेवल हाय होने पर यूरिन भी अत्धिक होने लगती है।
  • ब्लड प्रेशर की रीडिंग 130/80 mmHg या इससे भी ज्यादा हो सकती है।

और पढ़ें: डायबिटीज के लिए एक्यूपंक्चर थेरिपी, कंट्रोल हो सकती है आपकी बढ़ी हुई शुगर

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस (Exercise and insulin resistance)

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। डायबिटीज आज के समय में लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाली समस्याओं में से एक है। मधुमेह के शिकार रोगी में हाय ब्लड शुगर की समस्या देखी जाती है और यह तब होता है, जब उनके शरीर में इंसुलिन का पूर्ण उत्पादन नहीं हो पाता है, जितने की शरीर को आवश्यकता होती है। वैसे तो डायबिटीज तीन प्रकार की होती है, लेकिन सामान्यतौर पर दो प्रकार की डायबिटीज लोगों में सबसे अधिक देखी जाती है। जिनमें शामिल है – टाइप 1, जिसमें मरीज इंसुलिन (Insulin) पर निर्भर रहता है और दूसरा डायबिटीज टाइप 2, जिसमें शरीर में इंसुलिन का उत्पादन पर्याप्त मात्रा में नहीं हो पाता है। शरीर में इंसुलिन की कमी होने के कारण शरीर में पूर्ण रूप से ऊर्जा का निमार्ण नहीं हो पाता है।

और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज के लॉन्ग टर्म कॉम्प्लीकेशन में शामिल हो सकती हैं ये समस्याएं!

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस : फायदे (Benefits of exercise)

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। डायबिटीज के मरीजों में अपर्याप्त इंसुलिन के निमार्ण के कारण एनर्जी लेवल भी कम हो जाती है, तो ऐसे में एक्सरसाइज से शुगर के मरीजों में एनर्जी लेवल बढ़ता है। एक्सरसाइज इंसुलिन रेजिस्टेंस में सुधार करने का एक तरीका हो सकता है। एक्सरसाइज से शुगर लेवल का स्तर कंट्रोल में रहता है। डायबिटीज के मरीजों को सप्ताह में पांच बार कम से कम 30 मिनट का व्यायाम करना चाहिए। उन्हें सप्ताह में तीन बार लंबी अवधि, मध्यम-तीव्रता वाले एरोबिक व्यायाम और सप्ताह में दो बार सभी प्रमुख मसल्स ट्रेनिंग एक्सरसाइज करनी चाहिए। एक्सरसाइज शरीर के लिए कितनी फायदेमंद है, यह सभी जानते हैं। लेकिन डायबिटीज में वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज के कई हेल्थ बेनेफिट्स भी हैं, जिनमें शामिल हैं:

और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज में विटामिन डी सप्लिमेंट्स के उपयोग से बच सकते हैं इन तकलीफों से

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस: डायबिटीज पेशेंट के लिए फिजिकल एक्टिविटीज (Exercise for diabetes)

डायबिटीज पेशेंट के लिए एक्सरसाइज बहुत जरूरी है, लेकिन इसे ट्रेनर की निगरानी में और ब्लड शुगर लेवल चेक किये जाने के बाद ही किया जाना  चाहिए। यदि आप घर पर ही खुद एक्सरसाइज करना चाहते हैं,वो बिना किसी ट्रेनर के तो आप इस तरह की फिजिकल एक्टिविटीज कर सकते हैं:

 वॉक (Walk)

डायबिटीज वालों के लिए वॉक बहुत जरूरी है। ये घर पर आसानी से की भी जा सकती है। आप रोजाना 30 से 40 मिनट की वाॅक करें। आप नाॅर्मल वॉक से भी दिन की शुरूआत कर सकते हैं।आप सप्ताह में पांच दिन 30 मिनट की तेज वॉक करें। इससे भी आपका वजन और डायबिटीज दोनों मैंटेन होगी। वॉक हेल्दी हार्ट के लिए भी अच्छा होता है।

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस:  स्विमिंग (Swimming)

स्विमिंग भी एक अच्छी एक्सरसाइज है, उदाहरण के लिए, तैराकी, वाटर एरोबिक्स, एक्वा जॉगिंग (Jogging) जैसेी गतिविधिंयां डायबिटीज को तो कंट्रोल में रखती हैं, साथ में इसके कई हेल्थ बेनेफिट्स भी होते हैं। स्वीमिंग एनर्जी लेवल के बढ़ाने के लिए सबसे अच्छी एक्सरसाइज मानी जाती है।

और पढ़ें: टाइप 2 डायबिटीज में सल्फोनिल्युरिएस : डायबिटीज की इस दवा के बारे में जानते हैं आप?

एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस:साइकिलिंग (Cycling)

घर करने के लिए साइकलिंग बेस्ट एक्सरसाइज है। इससे घुटनों में दर्द की समस्या भी ठीक होती है। टाइप 2 डायबिटीज वाले लोगों में गठिया की समस्या (Gout problem) भी देखी जाती है। साइकिलिंग हर प्रकार से सेहत के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज पेशेंट को रोज 30 मिनट की साइकिलिंग करनी चाहिए। इससे उनके जोड़ों का दर्द भी ठीक होगा और फैट भी कम होगा।

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एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस: डायबिटीज पेशेंट में एक्सरसाइज के टिप्स (Exercise Tips for diabetic patient)

आइए टाइप 2 डाइबिटीज से ग्रस्त लोगों को रेगुलर एक्सरसाइज करने में मदद करने वाले टिप्स के बारे में भी जानते हैं। अच्छी मांसपेशियों के निर्माण के लिए एक्सरसाइज और डायट का ध्यान रखें, जिनमें शामिल हैं:

  • एक्सरसाइज से पहले रक्त शर्करा के स्तर की जांच जरूर करें। शुगर लेवल बहुत कम या बहुत अधिक नहीं होना चाहिए। उन स्तरों के आधार पर दवा या इंसुलिन की खुराक लें, लेकिन डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही लेना चाहिए।
  • आप व्यायाम से 30 से 60 मिनट पहले एक प्री-वर्कआउट स्नैक खाएं, ताकि आपके शुगर का लेवल मैंटेन रहे।
  • यदि आप स्ट्रेंथ ट्रेनिंग में नए हैं, तो हफ्ते में कम से कम 2 दिन से स्ट्रेंथ ट्रेनिंग की शुरुआत करें। यह शरीर की सभी प्रमुख मांसपेशियों को मजबूत और टोंड बनाने में मददगार है।
  • अनुभवी लोगों को स्क्वाट, डेडलिफ्ट्स, बेंच प्रेस, लेग प्रेस, पुल-अप्स, बेंट-ओवर रो, शोल्डर प्रेस और डिप्स जैसे वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करें।
  • डायबिटीज पेशेंट कोई भी वेट लिफ्टिंग एक्सरसाइज करते समय ध्यान रखें कि सेट के बीच लगभग 60 सेकंड के आराम के साथ, अपने कसरत में 8 या 12 दोहराव के दो या तीन सेट करें।
    • व्यायाम के तुरंत बाद 20-30 ग्राम प्रोटीन के साथ 45-75 ग्राम कार्बोहाइड्रेट का सेवन करें।
    • फलों और सब्जियों, बीन्स, नट्स, बीजों और ब्रेड, पास्ता और चावल के साबुत अनाज वाले जैसे गुड कार्ब्स वाले फूड चुनें। अच्छे कार्ब्स वाले खाद्य पदार्थों में आमतौर पर कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) होता है।
    • एरोबिक डांस या जुंबा भी आप कर सकते हैं, यह एक अच्छी एक्टिविटीज है
    • अपने पानी का सेवन बढ़ाएं। पानी का सवेन कम न करें।

    और पढ़ें: ओरल हायपोग्लाइसेमिक ड्रग्स: टाइप 2 डायबिटीज के ट्रीटमेंट में हैं उपयोगी, उपयोग का तरीका है आसान

    जैसा कि आपने जाना एक्सरसाइज और इंसुलिन रेजिस्टेंस में बहुत गहरा संबंध है। एक्सरसाइज करने से शरीर इंसुलिन के निमार्ण में भी मदद मिलती है और एनर्जी का स्तर भी अच्छा बना रहता है। इसके अलावा डायबिटीज पेशेंट को एक्सरसाइज करने से पहलें शुगर लेवल जरूर चैक करना चाहिए। कोई भी हैवी एक्सरसाइज अपने मन से न करें। इसे करने के लिए एक बार डॉक्टर की सलाह जरूर लें। अधिक जानकारी के लिए डाॅक्टर से संपर्क करें।

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