इन सब के साथ ही, टेनिस, साइकलिंग, बॉक्सिंग भी एरोबिक एक्सरसाइज के ही प्रकार हैं। आजकल यह इसलिए भी लोकप्रिय हैं क्योंकि, इन्हें किसी भी समय किया जा सकता है। यही नहीं, किसी भी उम्र के लोग इन्हें कर सकते हैं और उन्हें एरोबिक्स एक्सरसाइज से बहुत अधिक शारीरिक और मानसिक लाभ प्राप्त होता है।
और पढ़ें : रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद ऊर्ध्व मुख श्वानासन को कैसे करें, क्या हैं इसे करने के फायदे जानें
एरोबिक्स एक्सरसाइज के फायदें (Benefits of Aerobic exercise)
बात की जाए एरोबिक्स एक्सरसाइज के फायदों की, तो एरोबिक्स एक्सरसाइज से हमारे शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है। इसके साथ ही, हमारे शरीर की मांसपेशियां एक साथ काम करती हैं। एरोबिक्स व्यायाम आपके शरीर की चर्बी को कम कर आपके शरीर को सुडौल बना देती है। यही नहीं, हम सामान्य रूप से टहलते हैं या जॉगिंग करते हैं, वो भी एरोबिक्स एक्सरसाइज (Aerobic exercise) का ही एक हिस्सा है। हालांकि कई लोगों को ये नहीं पता होता कि ये सभी एरोबिक्स एक्सरसाइज के प्रकार के अंतर्गत ही आता है।
एरोबिक्स एक्सरसाइज के फायदे इस प्रकार हैं:-
मूड होता है बेहतर- मूड स्विंग की समस्या से निजात पाने के लिए एरोबिक्स एक्सरसाइज (Aerobic exercise) लाभकारी माना जाता है। इस वर्कआउट को नियमित करने से डिप्रेशन, एंग्जाइटी, चिंता या तनाव (Tension) इनसभी से छुटकारा मिल सकता है।
वजन होगा कंट्रोल- वेट कंट्रोल करने के लिए एरोबिक्स का सहारा लिया जा सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार बॉडी वेट कंट्रोल करने के लिए नियमित एरोबिक्स एक्सरसाइज करना चाहिए।
दिल रहता है स्वस्थ्य- हृदय संबंधी परेशानियों से दूर रहने के लिए एरोबिक्स एक्सरसाइज की जा सकती है। दरअसल इस व्यायाम से शरीर में ब्लड फ्लो बेहतर होता है और हृदय आसानी से ब्लड पंप कर पाता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज रेगुलर करने से हृदय संबंधी परेशानियों से बचने के साथ-साथ हाय ब्लड प्रेशर की समस्या से भी बचा जा सकता है। लेकिन अगर आप हार्ट पेशेंट हैं या आपको हाई ब्लड प्रेशर की समस्या रहती है, तो पहले डॉक्टर से एरोबिक्स वर्कआउट करने की इजाजत लें और फिर इस एक्सरसाइज को अपने डेली रूटीन में शामिल करें।
शुगर लेवल रहता है नियंत्रित- कहते हैं डायबिटीज की समस्या कई रोगों को दावत दे सकती है। इसलिए ब्लड में शुगर लेवल (Blood sugar level) कंट्रोल रखने के लिए एरोबिक एक्सरसाइज का सहारा लिया जा सकता है। एरोबिक्स एक्सरसाइज करने से इन्सुलिन लेवल को बढ़ाया जा सकता है और इन्सुलिन ग्लूकोज को एब्सॉर्ब करने का कार्य करती है।
हड्डियां होंगी स्ट्रॉन्ग- स्ट्रॉन्ग बोन्स के लिए एरोबिक्स व्यायाम नियमित करना चाहिए। रिसर्च के अनुसार इस एक्सरसाइज से जोड़ों की समस्या एवं ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों को मात दिया जा सकता है।
साउंड स्लीप- अच्छी नींद की इच्छा हमसभी रखते हैं, लेकिन कई लोग हैं, जो साउंड स्लीप नहीं ले पाते हैं। ऐसे लोगों के लिए एरोबिक्स एक्सरसाइज बेहद लाभकारी है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इन्फॉर्मेशन (NCBI) के अनुसार लगातार चार महीने तक इस एक्सरसाइज को करने से नींद ना आने की परेशानी दूर हो सकती है, लेकिन एक्सरसाइज करने की इस आदत को बनायें रखना चाहिए।
इम्यूनिटी होती है स्ट्रॉन्ग- कहते हैं इम्यून पवार कमजोर होने से कोई भी बीमारी या संक्रमण (Infection) का खतरा बढ़ जाता है। लेकिन इम्यून पावर को स्ट्रॉन्ग बनाने के लिए एरोबिक्स व्यायाम काफी लाभकारी माना जाता है।
और पढ़ें : स्ट्रेस बस्टर के रूप में कार्य करता है उष्ट्रासन, जानें इसके फायदे और सावधानियां
एरोबिक्स वर्कआउट से शरीर को फिट रखा जा सकता है। लेकिन, इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं।
एरोबिक्स वर्कआउट के साइड इफेक्ट्स (Side effects of Aerobic exercise)-
- बॉडी मूवमेंट फास्ट होने की वजह से मांसपेशियों में थकान महसूस हो सकती है
- मसल्स में पेन की परेशानी हो सकती है
- लोअर एवं अपर बैक में दर्द की समस्या हो सकती है
एरोबिक्स वर्कआउट के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां (Precautions during Aerobic exercise)
- एरोबिक्स व्यायाम के दौरान अगर बॉडी या मसल्स में ज्यादा दर्द महसूस हो, तो एक्सरसाइज ना करें।
- अगर सर्जरी हुई है, तो व्यायाम नहीं करना चाहिए।
- गर्भवती महिलाओं (Pregnant lady) को इस व्यायाम से परहेज करना चाहिए।
- कमजोरी महसूस होने पर पहले रिलैक्स करें और बेहतर महसूस होने पर एक्सरसाइज की शुरुआत करें।
इन ऊपर बताई चार सावधानियों को ध्यान रखें। अगर आप एरोबिक्स एक्सरसाइज से जुड़े किसी तरह के कोई सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो फिटनेस एक्सपर्ट से समझना बेहतर होगा।