बाइसिकल क्रंचेस (Bicycle crunches) कितने प्रकार के होते हैं?
स्टैंडिंग बाइसिकल क्रंचेस
यह बाइसिकल क्रंचेस का सबसे आसान प्रकार है, जो सामान्य बाइसिकल क्रंच कि तरह ही होता है, लेकिन इसे खड़े हो कर करना पड़ता है। इसे करने के लिए सीधे खड़े हो जाएं। अपनी कमर को नीचे झुकाएं और अपनी बाजू से विपरीत दिशा में मौजूद घुटने को छूने की कोशिश करें।
और पढ़ें : कार्डियो एक्सरसाइज से रखें अपने हार्ट को हेल्दी, और भी हैं कई फायदे
एलिवेटेड बाइसिकल क्रंचेस
यह इसका थोड़ा मुश्किल प्रकार है, जिसमें आपको व्यायाम करने के लिए एक बेंच पर लेटना होगा और अपने पैर को जमीन पर स्थित करना होगा।
इसके लिए आपकी टांगों और कूल्हों को अधिक मेहनत करनी होगी, यानी इनकी मूवमेंट अधिक होगी। परिणामस्वरूप आपको अधिक फायदा होगा और आपके कूल्हे की गतिशीलता भी बढ़ेगी।
बोसू बॉल बाइसिकल क्रंचेस
यह बाइसिकल क्रंच का सबसे मुश्किल प्रकार है। इस मुश्किल प्रकार को करने से आपके मांसपेशियों को अधिक कार्य करना होगा। इसके लिए आपको एक खास तरह के बॉल जिसे बोसू बॉल कहा जाता है इसका उपयोग करना है। इसके लिए आपको बोसू बोल पर अपनी पीठ के निचले हिस्से के बल लेट जाना है, जबकि आपके पैर जमीन पर होने चाहिए। इसके बाद आप सामान्य रूप से बाइसिकल क्रंचेस कर सकते हैं। बाइसिकल क्रंचेस को करते हुए सबसे मुश्किल है, बॉल पर अपना संतुलन बनाए रखना, जो शुरुआत में आपके लिए मुश्किल हो सकता है। यही नहीं, बाइसिकल क्रंचेस में बैलेंस बनाने के लिए आपको थोड़ी अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।
बाइसिकल क्रंचेस एक्सरसाइज को करने से जिन मसल्स को अधिक फायदा होता है वो हैं रेक्टस एब्डोमिनस, कूल्हे और ऑब्लीकेस। बाइसिकल क्रंच करने से पेट के मसल्स भी मजबूत होते हैं। यानी बाइसिकल क्रंचेस से आपको ढेरों फायदे होंगे। बस एक बार इसे अच्छे से करना सीख जाएं। उसके बाद इसे अपने वर्कआउट का हिस्सा बना कर फिट रहें।
बाइसिकल क्रंचेस के लिए सेफ्टी टिप्स
अगर आप बाइसिकल क्रंचेस कर रहे हैं तो आप इन गलतियों से बचें ताकि आप बाइसिकल क्रंचेस से होने वाले बदलाव का फायदा उठा सकें और साथ ही बाइसिकल क्रंचेस से होने वाले स्ट्रेस या चोट को रोक सकें।
हिप रोटेशन
एक्सरसाइज के दौरान आपके धड़ का रोटेट होना जरूरी है और सही बाइसिकल क्रंचेस वहीं है जिसमें ज्यादा वर्क आपका लोअर पार्ट करे। आपके बट्स रोटेट नहीं होने चाहिए, आपको अपने पैरों को सीधे आगे और पीछे चलाना चाहिए। बाइसिकल क्रंचेस के दौरान अपनी पीठ के निचले हिस्से को फर्श पर दबा कर रखें। ऐसा करने से एक्सरसाइज का फायदा अधिक होता है।
नेक स्ट्रेनिंग
बाइसिकल क्रंचेस करते हुए अपने सिर को आगे मत खींचें, अपने धड़ को रोटेशन का काम करने दें। अगर आप अपने घुटने को हिलाने के लिए अपने सिर के पीछ हाथ रखते हैं तो इसपर ज्यादा प्रेशर डालने से बचें। हमेशा ध्यान रखें कि बाइसिकल क्रंचेस से आपके सिर पर स्ट्रेन पड़ता है इसलिए आपको अपने सिर को ज्यादा हिलाने से बचना चाहिए और एक्सरसाइज के दौरान अधिक ध्यान देना चाहिए।
अगर आपको कोई पीठ या गर्दन की समस्या है, तो अपने डॉक्टर या फिजियोथेरेपिस्ट से बात करें कि क्या आपके लिए बाइसिकल क्रंचेस सही हैं। अगर बाइसिकल क्रंचेस ठीक से नहीं किया जाता है तो वे रीढ़ को कॉन्ट्रेक्ट कर सकते हैं और गर्दन को स्ट्रेन दे सकते हैं। गर्भावस्था की पहली तिमाही के बाद क्रंचेस से बचें। अगर आपको कोई पीठ की समस्या है तो इस बात पर ध्यान दें कि आपकी पीठ के निचले हिस्से में कैसा महसूस हो रहा है और अघर आप खुद को स्ट्रेसफुल पाते हैं तो एक्सरसाइज करना छोड़ दें।