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पालक
हरी पत्तेदार सब्जियों को स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी कहा जाता है। पालक कई आवश्यक विटामिन और मिनरल का स्रोत है, विशेष रूप से विटामिन-ई का। बस 100 ग्राम पालक में 2.03मिलीग्राम विटामिन-ई मिलता है जो कि दैनिक आवश्यकता का 16% है। आप पालक को सलाद के रूप में कच्चा भी खा सकते हैं।
ब्रोकोली
गोभी परिवार का यह सदस्य प्रोटीन का एक अच्छा स्रोत है और विटामिन-ई से भरपूर है। ब्रोकोली खराब कोलेस्ट्रॉल (एल.डी.एल) को कम करता। आप सूप या सलाद के रूप में ब्रोकोली का सेवन कर सकते हैं। उबली हुई ब्रोकोली का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद होता है। कम तापमान पर ब्रोकोली पकाने से इसके पोषण से भरे तत्व बरकरार रहते हैं।
सूखे खुबानी (Dried Apricots)
विटामिन ई की कमी को दूर भगाने के लिए सूखे खुबानी को डायट में शामिल करें। इसमें फाइबर के साथ-साथ कई आवश्यक विटामिन होते हैं, जिनमें विटामिन-ई भी शामिल है। सूखे खुबानी का सेवन डायरेक्ट किया जा सकता है।
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कीवी
विटामिन ई की मात्रा प्रति 100 ग्राम कीवी में लगभग 1.46 मिलीग्राम होती है। इसके अलावा इसमें विटामिन-सी भी पाया जाता है। कीवी के इस्तेमाल से विटामिन ई की कमी दूर होती है। कीवी का इस्तेमाल जूस, सलाद और स्मूदी के रूप में किया जा सकता है।
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ऑलिव या जैतून
जैतून के तेल के साथ ऑलिव फ्रूट भी लाभकारी हो सकता है। इसके सेवन से विटामिन-ई की कमी दूर होती है इसलिए यह सेहत के लिए फायदेमंद हो सकता है। जैतून के तेल को खाना बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। 100 ग्राम ऑलिव में लगभग 3.81 मिलीग्राम विटामिन ई मौजूद होता है।
विटामिन-ई लगभग सभी खाद्य पदार्थों में कुछ हद तक पाया जाता है। इस वजह से ज्यादातर लोगों को इसकी कमी का खतरा नहीं होता है। ऊपर बताए गए किसी भी खाद्य पदार्थ से अगर आपको को एलर्जी हो, तो उस खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। अगर किसी को विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन के बाद असहजता महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फिर भी आप अगर अपने विटामिन-ई के स्तर के बारे में परेशान हैं तो तुरंत अपने डॉक्टर या किसी पेशेवर आहार विशेषज्ञ से अपनी डाईट में विटामिन-ई को बढ़ाने के बारे में बात कर सकते हैं।
विटामिन ई की कमी से होने वाले रोग
ये थे विटामिन ई युक्त कुछ खाद्य पदार्थ। अब जानते हैं कि शरीर में अगर विटामिन ई (vitamin e) की कमी हो, तो कौन-कौन सी बीमारियां हो सकती हैं-
क्रोहन रोग (Crohn’s Disease)
विटामिन ई की कमी से पाचन तंत्र में सूजन की समस्या हो सकती है। इसके लक्षणों में दस्त, बुखार और वजन घटना शामिल है।
सिस्टिक फाइब्रोसिस (Cystic Fibrosis)
विटामिन ई की कमी से फेफड़ों की होने वाली एक बीमारी सिस्टिक फाइब्रोसिस है। यह वंशानुगत है और अगर परिवार के किसी सदस्य को यह समस्या है, तो उसी परिवार के किसी दूसरे व्यक्ति को भी यह हो सकती है। इसमें विटामिन (ए, ई, के और डी) के सप्लीमेंट दिए जा सकते हैं।
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त्वचा संबंधी समस्याएं
विटामिन ई में कमी के कारण त्वचा में सूखापन, एजिंग प्रभाव जल्दी दिखना और झुर्रियां बढ़ जाती हैं।
- विटामिन ई की कमी से प्रतिरक्षा प्रणाली भी कमजोर हो सकती है।
- विटामिन ई की कमी से तंत्रिका और मांसपेशियों की समस्या भी हो सकती है।
- देखने की क्षमता में कमी विटामिन ई की कमी से आ सकती है।
विटामिन ई के फायदे शरीर को बीमारियों से बचाने में उपयोगी होते हैं। लेकिन, रहे कि जरूरत से ज्यादा किसी भी चीज का सेवन नुकसानदायक होता है। इसलिए, सही तरीके से और डॉक्टर की सलाह के अनुसार विटामिन ई का सेवन करें। विटामिन-ई की कमी से बचाव के लिए विटामिन-ई युक्त खाद्य पदार्थों और ड्राई फ्रूट्स का सेवन करें। अगर किसी भी विटामिन ई युक्त खाद्य पदार्थ से इंसान को एलर्जी हो, तो उस विशेष खाद्य पदार्थ का सेवन न करें। विटामिन ई की कमी को दूर करने के लिए डॉक्टर से सलाह करें। डॉक्टर विटामिन ई के कैप्सूल या विटामिन ई सप्लिमेंट्स के उपयोग की भी सलाह दे सकते हैं।