हल्दी
हल्दी में एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लमेटरी गुण होते हैं, जो लिवर की सेल्स को डैमेज होने से बचाते हैं। हल्दी का इस्तेमाल तो आयुर्वेद में दवा के तौर पर बहुत पहले से होता आ रहा है। हल्दी पाचन तंत्र, लिवर और हृदय के उपचार में कारगर है।
व्यायाम
फैटी लिवर के बचाव के लिए घरेलू नुस्खों के साथ व्यायाम पर विशेष ध्यान रखें। इसके माध्यम से वजन कम करके लिवर के फैट को कम किया जा सकता है। लेकिन, एक साथ बहुत व्यायाम न करें, इससे दिक्कत हो सकती है। व्यायाम का समय शुरुआत में कम रखें, फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।
ऑयली न खाएं
फैटी लिवर से बचाव के लिए ऑयली और स्पाइसी खाने से परहेज करें। ऐसी चीजें खाएं जो आसानी से पच जाए।
फैटी लिवर के लक्षण शुरू में नजर नहीं आते। इसलिए, इस समस्या का जल्दी पता नहीं चलता। लेकिन, अगर ध्यान न दिया जाए, तो परिणाम गंभीर भी हो सकते हैं। इन घरेलू नुस्खों को अपनाने के साथ-साथ समय-समय पर अपने लिवर की जांच भी करवाते रहें और डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।
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फैटी लिवर से बचाव के लिए उसे समझें
आमतौर पर हमारा लिवर कुछ मात्रा में फैट को स्टोर करके रखता है। पर जब यह जब लिवर में फैट सेल्स की मात्रा तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाती है, तो इसे फैटी लिवर डिसीज कहते हैं। नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर में उन लोगों के लिवर में भी फैट का अतिरिक्त स्टोरेज बढ़ जाता है, जो शराब की वजह से नहीं होता है। अगर लिवर के वजन से 5 से 10 प्रतिशत से ज्यादा फैट हो, तो इसे फैटी लिवर कहा जाता है। फैटी लिवर से बचाव से पहले आपको फैटी लिवर के बारे में निम्नलिखित बातें जानना बेहद जरूरी हैं।