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ऑटिस्टिक बच्चों की खास देखभाल क्यों है जरूरी?
एक्सपर्ट्स के अनुसार ऑटिज्म एक व्यवहार संबधी समस्या है। जिसके लक्षण ऑटिस्टिक बच्चे को अन्य सामान्य बच्चों से अलग बना सकता है। इसके लक्षण वाले बच्चे सामान्य बच्चों की तरह नहीं होते हैं। ऐसे बच्चों में अक्सर गुमसुम रहना, किसी बात को कई बार दोहराना या रटते रहने की आदत देखी जा सकती है। इन बच्चों में माता-पिता या परिवार के अन्य सदस्यों के साथ इमोशनल बॉन्डिंग में भी कमी हो सकती है। साथ ही, ऑटिस्टिक बच्चों के ब्रेन का विकास भी काफी पिछे रह सकता है। ऐसे में योग. मेडिटेशन और अन्य दवाओं के उपचार के लिए आप काफी हद तक अपने बच्चे को नई चीजें सिखा सकते हैं। योग के अलावा, आपको अपने ऑटिस्टिक बच्चे की देखभाल करते समय निम्न बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, जैसेः
गैजेट्स से रखें दूर
मोबाइल फोन, टीवी या इसी तरह के अन्य उपकरण आपके बच्चे के ब्रेन के विकास को अधिक प्रभावित कर सकता है। अगर आप किसी डिजिटल गैजेट्स की मदद से अपने बच्चे को नई चीजें सीखाने या पढ़ाने की मदद लेते हैं, तो उसे गैजेट्स को आप अन्य उपकरण जैसे, बैटरी से चलने वाले खिलौनों की मदद ले सकते हैं। मार्केट में ऐसे कई खिलौने आसानी से मिल सकते हैं, जो सिर्फ एक बटन दबाने पर आपके बच्चे को काउंटिंग, ए-बी-सी, क-ख-ग आदि चीजों को सीखाने में मदद कर सकते हैं।
संतुलित रखें आहार
साथ ही, आपको ऑटिस्टिक बच्चों के खानपान पर भी खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें हमेशा घर पर बनें पौष्टिक आहार ही खाने के लिए दें। ऐसे बच्चों के लिए पैकेटबंद ड्रिंक्स, चिप्स या किसी भी तरह के प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों का सेवन पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। क्योंकि, जंक फूड और पैकेटबंद खाद्य पदार्थों में प्रोसेसिंग के दौरान केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, जो बच्चे के नर्वस सिस्टम को नुकसान पहुंचा सकते हैं।