हमारे समाज में शायद ही ऐसी कोई महिला होगी,जो यौन उत्पीड़न या यौन शोषण से परिचित नहीं होगी। शर्म की बात तो ये है कि इसमें बच्चों को भी नहीं छोड़ा जाता। कुछ महिलाएं और बच्चे आए दिन यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) से होकर गुजरते हैं। यौन उत्पीड़न के जितने केस हमारे समाज में सामने आते हैं, उससे कहीं ज्यादा केस सामने आने ही नहीं दिए जाते हैं। यौन उत्पीड़न के मामले को अंदर ही दबा देने के कई कारण हैं, जिसमें समाज में बेइज्जती, कई साल न्याय पाने के लिए कोर्ट के चक्कर काटना या उत्पीड़न के बाद मिलने वाली धमकी इन सभी कारणों से कई बार ये मामले दबा दिए जाते हैं। इस मामले को छुपाना ही उत्पीड़न को बढ़ाने का एक बड़ा कारण है। यौन उत्पीड़न हमारे समाज में किसी कलंक से कम नहीं है। यौन उत्पीड़न (Sexual harassment) के बारे बच्चों को शुरूआत से ही स्कूल में शिक्षा देनी चाहिए, जिससे उन्हें सही और गलत में फर्क पता हो।