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एंग्जायटी डिसऑर्डर क्यों होता है? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


AnuSharma द्वारा लिखित · अपडेटेड 15/09/2021

    एंग्जायटी डिसऑर्डर क्यों होता है? क्या है इसके लक्षण और उपचार?

    एंग्जायटी डिसऑर्डर को अक्सर तनाव या डिप्रेशन के साथ जोड़ा जाता है। लेकिन, इन दोनों में अंतर है। तनाव होने पर हमारे शरीर का जो नेचुरल रिएक्शन होता है, उसे एंग्जायटी कहा जाता है। एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) घबराहट या परेशानी की सामान्य भावनाओं से भिन्न होते हैं और इसमें अत्यधिक डर या चिंता शामिल होती है। एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) सबसे सामान्य दिमागी विकारों में से एक है। ऐसा भी माना जाता है कि 30% वयस्क अपने जीवन में कभी न कभी इसका सामना करते हैं। एंग्जायटी डिसऑर्डर का उपचार संभव है। जानिए, एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के कारण, लक्षणों और उपचार के बारे में। इस दौरान कौन सी डायट लेनी चाहिए और व्यायाम करने चाहिए, यह जानना न भूलें।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorders) किसे कहते हैं? 

    एंग्जायटी (anxiety) या चिंता, आपके शरीर द्वारा की गई एक सामान्य प्रतिक्रिया है। जब व्यक्ति खुद को किसी प्रकार की असामान्य स्थितियों में महसूस करता है, जैसे कि व्यक्ति पर आने वाला कोई खतरा या किसी प्रकार का दबाव या कोई चुनौती, तो उसका दिमाग चिंता ग्रस्त हो जाता है। चिंता यदि निरंतर रहे या आपके ऊपर हावी होने लगे, तो इसका प्रभाव आपके दैनिक जीवन और रिश्तों पर पड़ता है। फिर यह एक सामान्य चिंता से बढ़कर एंग्जायटी डिसऑर्डर में तब्दील हो जाता है। एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorders), एक आम मानसिक हेल्थ इश्यू है।एंग्जायटी डिसऑर्डर संबंधित स्तिथियों का एक समूह है, इसलिए इसके लक्षण एक से दूसरे व्यक्ति में अलग हो सकते हैं। लेकिन, इस डिसऑर्डर को समझना और जानना बहुत महत्वपू्ण है, ताकि आप उसका समाधान कर सकें, क्योंकि एंग्जायटी होने से आपका अपने जीवन के प्रति लगाव समाप्त होने लगता है या आप खुद को अकेला महसूस करने लगते है।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorders) क्यों होता है?

    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) के कारणों को पूरी तरह से नहीं समझा जा सकता, लेकिन जीवन की कुछ स्थितियों के कारण आपको ये समस्या हो सकती है। साथ ही जीवन के कुछ डरा या परेशान कर देने वाले अनुभव इस डिसऑर्डर का कारण बन सकते हैं। एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) के कुछ कारण इस प्रकार हैं:

    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स

    मेडिकल स्थिति (Medical Problem) 

    कुछ लोगों के लिए यह डिसऑर्डर मेडिकल कारणों से जुड़ा होता है। किसी लम्बी बीमारी के चलते आपको कई दोनों तक शारीरिक तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण आप बेहतर महसूस नहीं कर पाते। जब लम्बे समय तक ये स्थिति बनी रहती है, तो आपको मानसिक तकलीफ घेर लेती है और एंग्जायटी होने लगती है। यदि आपके डॉक्टर को संदेह है कि आपकी चिंता का कोई चिकित्सीय कारण हो सकता है, तो वह किसी इस समस्या के निदान और उपचार के लिए टेस्ट्स की सलाह दे सकते हैं।

    यह भी पढ़ें: Anxiety : चिंता क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय

    निम्नलिखित मेडिकल समस्याएं एंग्जायटी का कारण हो सकती हैं:

    • दिल संबंधी रोग (heart related diseases)
    • डायबिटीज (diabetes)
    • थायराइड (thyroid)
    • रेस्पिरेटरी डिसऑर्डर्स, जैसे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) और अस्थमा
    • ड्रग्स (drugs) यानी नशीली दवाओं का अधिक उपयोग या उपयोग बंद कर देना
    • अल्कोहल, एंटी-एंग्जायटी दवाइयों (benzodiazepines) या अन्य दवाइयों को लेना बंद करने से
    • दुर्लभ ट्यूमर (tumor)
    • कभी-कभी एंग्जायटी का कारण कुछ दवाईयों का साइड इफेक्ट भी हो सकता है।

    अन्य कारण

    इसके अलावा कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जो आपकी रोज़मर्रा की जिंदगी से जुड़े हुए हो सकते हैं। कई बार जब आप अपनी निजी जिंदगी में ख़राब स्थितियों का सामना करते हैं, तो आपको एंग्जायटी हो सकती है। इन समस्याओं में –

    • नौकरी, काम, रिश्तों में समस्या या पारिवारिक मामले
    • आनुवंशिकी, अगर आपके परिवार में एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) है तो  आपको भी यह हो सकता है
    • ब्रेन केमिस्ट्री, मनोवैज्ञानिकों के अनुसार कई एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) मस्तिष्क में बननेवाले हार्मोन और इलेक्ट्रिकल सिग्नल के कारण भी हो सकते हैं।

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    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के लक्षण (Anxiety disorders symptoms)

    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) का मुख्य लक्षण अत्यधिक भय या चिंता है। जब व्यक्ति बिना किसी गम्भीर मुद्दे के डरने या परेशान रहने लगे, तो उसे एंग्जायटी होने के चांसेस बढ़ जाते हैं। इसके अलावा होनेवाली एंग्जायटी (anxiety disorders) के अनुसार भी अलग-अलग लोगों में लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं। इन लक्षणों में –

  • घबराहट, भय, और बेचैनी
  • घबराहट या खतरे का एहसास
  • सोने में समस्या
  • शांत न रह पाना
  • हाथ या पैरों का ठंडा होना, पसीना आना या झुनझुनी होना
  • सांस लेने में समस्या
  • सामान्य से अधिक तेज सांस लेना
  • दिल की घबराहट
  • मुंह का ड्राय होना
  • जी मिचलाना
  • सिर चकराना
  • समस्या के बारे में बार-बार सोचना
  • ध्यान केंद्रित करने में असमर्थता
  • यह भी पढ़ें: महिलाओं को इन वजहों से होती है प्रेग्नेंसी में चिंता, ये हैं लक्षण

    क्या हैं एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के प्रकार? (Types of anxiety disorders)

    एंग्जायटी डिसऑर्डर के कई प्रकार हो सकते हैं, जिसमें एंग्जायटी होने के कारणों के अनुसार ये तय किया जाता है कि आप किस तरह के एंग्जायटी डिसऑर्डर से ग्रसित हैं।

    एगोराफोबिया (Agoraphobia)

    एगोराफोबिया ऐसा एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) है, जिसमें प्रभावित व्यक्ति को भीड़ में जाने से डर लगता है। इसमें रोगी उन स्थानों पर जाने या उन स्थितियों से बचने की कोशिश करते हैं, जहां वो घबराहट और असहाय या शर्मिंदा महसूस करें।

    मेडिकल स्थिति के कारण एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder)

    किसी लम्बी बीमारी के चलते आपको मानसिक तनाव महसूस हो सकता है, जो आगे चलकर एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) में तब्दील हो सकता है। इस स्थिति में तीव्र चिंता या घबराहट जैसे लक्षण हो सकते हैं।

    जनरलाइज्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (Generalized anxiety disorder)

    हम आम तौर पर एंग्जायटी को कोई बड़ी परेशानी या किसी बदतर स्थिति से जोड़ के देखते हैं। लेकिन इस तरह के एंग्जायटी डिसऑर्डर में व्यक्ति को सामान्य या रोजाना की छोटी-छोटी घटनाओं से भी चिंता या घबराहट हो सकती है। इससे निपटना व्यक्ति के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

    पैनिक डिसऑर्डर 

    पैनिक डिसऑर्डर में व्यक्ति को अचानक अत्यधिक चिंता महसूस होती है और कुछ ही मिनटों में यह भय चरम सीमा पर पहुंच जाता है। ऐसे में रोगी को सांस लेने में समस्या, सीने में दर्द ,दिल की धड़कन का बढ़ना जैसी समस्याएं हो सकती है। ऐसी स्थिति से उबरने के लिए व्यक्ति को दवाइयों का सहारा लेना पड़ सकता है।

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    सेपरेशन एंग्जायटी डिसऑर्डर (Separation anxiety disorder)

    यह बचपन से शुरू होना वाला डिसऑर्डर है। जिसमें प्रभावित व्यक्ति अपने माता-पिता या अन्य प्रियजन से बिछड़ने को लेकर तनाव महसूस करते हैं। यह समस्या समय के साथ-साथ बढ़ती जा सकती है, जिसके बाद स्थिति से निपटने के लिए थेरेपी की जरूरत पड़ सकती है।

    सोशल एंग्जायटी डिसऑर्डर (Social phobia)

    इस डिसऑर्डर में रोगी सोशल जगहों पर जानें या सोशल सिचुएशन से बचने की कोशिश करता है और इन्हे लेकर तनाव महसूस करता है। ऐसे व्यक्ति किसी पारिवारिक फंक्शन, गैदरिंग या अधिक लोगों की मौजूदगी में ख़ुद को तनाव से बचा नहीं पाते, जिसके चलते उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

    स्पेसिफिक फोबिया (Specific phobia)

    जब हम किसी खास चीज के सम्पर्क में आते हैं या स्थिति में होते हैं – और इस स्थिति से बचना चाहते हैं, तब यह एंग्जायटी डिसऑर्डर कहलाता है। कुछ लोगों में यह स्थिति पैनिक अटैक का कारण बन सकती है।

    सब्सटंस-इनड्यूस्ड एंग्जायटी डिसऑर्डर (Substance induced anxiety disorder)

    यह दवाओं के दुरुपयोग का एक सीधा परिणाम माना जाता है। दवाइयां लेना, नशीली दवाइयों के संपर्क में आना या दवाओं को छोड़ने का दुष्प्रभाव इस स्थिति में देखा जा सकता है।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स

    कैसे करें एंग्जायटी डिसऑर्डर का उपचार (Treatment of anxiety disorder)

    एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के निदान के लिए डॉक्टर आपसे इसके लक्षण, आपकी स्वास्थ्य की स्थिति आदि के बारे में पूछेंगे।  एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के लिए शारीरिक एग्जामिनेशन, मानसिक स्वास्थ्य का मूल्यांकन और मनोवैज्ञानिक प्रश्नों की लंबी प्रक्रिया की आवश्यकता होती है। कुछ डॉक्टर शारीरिक जांच जैसे खून या यूरिन टेस्ट के लिए भी कह सकते हैं, ताकि किसी मेडिकल स्थिति के बारे में पता चल सके, जो आपकी एंग्जायटी का कारण हो सकती है।

    आपकी एंग्जायटी के निदान के बाद आप अपने डॉक्टर से उपचार के विकल्प के बारे में जान सकते हैं। कुछ लोगों के लिए मेडिकल ट्रीटमेंट जरूरी नहीं होता। लाइफस्टाइल में बदलाव ही इसके लक्षणों को कम करने में प्रभावी साबित होते हैं। मध्यम और गंभीर मामलों में ट्रीटमेंट आपको लक्षणों से उबरने में आपकी मदद कर सकते हैं। एंग्जायटी का उपचार दो श्रेणियों में किया जा सकता है, दवाईयां और सायकोथेरेपी। आइए जानते हैं इन उपचारों के बारे में विस्तार से।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के उपचार (Treatment of anxiety disorders)  के लिए दवाईयां

    जब एंग्जायटी डिसऑर्डर अपने चरम पर हो या व्यक्ति को इससे अत्यधिक परेशानी हो रही हो, तो उसे मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ती है। एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) के उपचार के लिए निम्नलिखित दवाइयों को लेने का सुझाव दिया जा सकता है:

  • एंटी-एंग्जायटी दवाईयां जैसे बेंजोडाइजेपाइन (benzodiazepines): यह एंग्जायटी, पैनिक और चिंता को दूर करती हैं और दिमाग को शांत रखने में मदद करती है। डॉक्टर इन दवाइयों को कम समय के लिए देते हैं। समय के साथ इसे ग्रेजुअली बंद किया जाता है।
  • एंटीडिप्रेसेंट्स: यह दवाईयां मूड स्विंग को कम करने और स्ट्रेस को घटाने में लाभदायक मानी जाती है।
  • बीटा ब्लॉकर्स (Beta-blockers): इन दवाइयों का प्रयोग आमतौर पर हाय ब्लड प्रेशर की स्थिति में किया जाता है। लेकिन, यह एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के शारीरिक लक्षणों को कम करने में भी प्रभावी मानी जाती है।
  • आपके डॉक्टर आपकी स्थिति, उम्र और अन्य शारीरिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए सही दवाइयों के मेल और खुराक आपको दे सकते हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना इसकी डोज में बदलाव न लाएं। इसके साथ ही डॉक्टर आपको लगातार मॉनिटर करेंगे ताकि वे जान सकें कि इन दवाइयों का आपको कोई साइड इफेक्ट तो नहीं हो रहा है।

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    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स के उपचार (Treatment of anxiety disorders)  के लिए सायकोथेरेपी

    सायकोथेरेपी या काउन्सलिंग आपको बीमारी के प्रति अपनी भावनात्मक प्रतिक्रिया से निपटने में मदद करता है। इसमें मेन्टल हेल्थ प्रोवाइडर आपकी तकलीफ को बेहतर ढंग से समझने और उसके उपचार के बारे में बात करेंगे। सायकोथेरेपी में आप काउंसलर से बात कर अपनी परेशानियों का हल ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं। सायकोथेरेपी में काउंसलर आपसे बात करके और अलग-अलाव टेक्नीक के जरिए, आपके मूड स्विंग्स, एंग्जायटी और लगातार लगनेवाले भय को कंट्रोल में लाने का प्रयत्न करते हैं। इस तरह कुछ समय में आप खुद को पहचान कर अपने आप में बदलाव लाने का सकारात्मक प्रयास करने लगते हैं।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) में ऑल्टरनेटिव थेरेपी  – कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive behavioural therapy)

    एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) को ठीक करने के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी ली जा सकती है। इससे उन विचारशील पैटर्न और बिहेवियर को समझने में मदद मिलेगी, जो परेशानी का सबब बन रही भावनाओं को जन्म देती हैं। जिससे आप उन्हें दूर कर सकते हैं। आपके थेरेपिस्ट एक्सपोज़र थेरेपी के साथ रिलैक्सेशन व्यायाम की सलाह भी दे सकते हैं।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर के दौरान खानपान (Diet during anxiety disorder) कैसा होना चाहिए?

    कई लोगों के लिए एंग्जायटी डिसऑर्डर (Anxiety disorder) होना एक सामान्य समस्या है। यह समस्या लगातार परेशानी, चिंता या पुअर ब्रेन हेल्थ से जुड़ी हो सकती है। इसके लिए दवाइयों के साथ हेल्दी लाइफस्टाइल का होना भी जरूरी है। लेकिन, इसके साथ ही आपको अपने खान पान का भी ध्यान रखना चाहिए। आपको कुछ खास चीजों को अपने आहार में अवश्य शामिल करना चाहिए, जैसे:

    एंटीऑक्सीडेंटस (Antioxidant) 

    ऐसे कई एंटीऑक्सीडेंट्स हैं, जो स्ट्रेस में आराम दिलाने में सहायक हैं। इन एंटीऑक्सीडेंटस को आप मेवों, बीन्स, अखरोट या हरी सब्जियों से पा सकते हैं।

    पालक (Spinach) 

    हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक में मैग्नीशियम पर्याप्त मात्रा में होता है। मैग्नीशियम आपको शांत महसूस कराने में मददगार हो सकता है। इसके साथ ही आपको इससे पर्याप्त मिनरल्स भी मिलते हैं।

    ओटमील (Oatmeal) 

    ओट्स कॉम्प्लेक्स कार्ब्स हैं, जिससे ऊर्जा मिलती है। इसके साथ ही यह दिमाग में सेरोटोनिन नामक एक मस्तिष्क रसायन को बढ़ावा भी देता है, जो आपके मूड को बेहतर करने में मददगार है।

    डार्क चॉकलेट (Dark chocolate)

    कोको में मौजूद फ्लैवोनॉइडस सेल्स की रक्षा करता है। यह एक तरह का एंटीऑक्सीडेंट है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने, दिमाग व दिल में ब्लड फ्लो को बढ़ाने और चिंता कम करने का काम करता है। लेकिन, डार्क चॉकलेट की कम मात्रा लेना ही बेहतर है

    खट्टे फल (Citrus fruits)

    खट्टे फल जैसे संतरा, नींबू आदि में विटामिन सी होता है जो एंग्जायटी में लाभदायक होते हैं।

    ग्रीन टी (Green tea)

    एंग्जायटी को दूर करने में ग्रीन टी भी लाभदायक है। इनमे कामिंग इफेक्ट (calming effect) होता है, जो रोगी को शांत करने में सहायक हैं।

    डेयरी उत्पाद (Dairy Product)

    डेयरी उत्पाद सभी आवश्यक अमीनो एसिड के साथ उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन प्रदान करते हैं। यह न्यूरोट्रांसमीटर डोपामाइन और सेरोटोनिन का उत्पादन करते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करने की क्षमता रखते हैं।

    इसके अलावा हमेशा अपने आहार को ऐसा रखें, जो जल्दी पच जाए। अधिक भारी, मिर्च-मसाले, तले-भुने या जंक फूड को खाने से बचे। इसके साथ ही जितना अधिक हो सके पानी पीएं।

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    एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) के दौरान किन बातों का ख्याल रखा जा सकता है?

    आप एंग्जायटी डिसऑर्डर्स (anxiety disorders) को रोक नहीं सकते। लेकिन एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) के दौरान, लक्षणों को नियंत्रित या कम करने के लिए इन चीजों पर ध्यान दे सकते हैं:

    • दवाओं की जांच करें: ओवर-द-काउंटर दवाओं या हर्बल उपचार लेने से पहले डॉक्टर या फार्मासिस्ट से बात करें। इनमें से कुछ में रसायन होते हैं, जो चिंता के लक्षणों को बदतर बना सकते हैं।
    • कैफीन को सीमित करें: कॉफी, चाय, कोला और चॉकलेट सहित आप कैफीन का सेवन बंद या सीमित करें
    • मदद लें: यदि आपके साथ ऐसा कुछ हुआ है, जो आपके लिए एक चिंता से भरपूर या डरा देने वाला हो, तो डॉक्टर से सम्पर्क करें और सहायता प्राप्त करें।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर के दौरान लाइफस्टाइल में क्या बदलाव किये जाने चाहिए? (Lifestyle changes in Anxiety disorder)

    इस बारे में फोर्टिस हॉस्पिटल के चीफ इंंटेंसेविस्ट, मुंबई के डॉक्टर संदीप पाटिल का कहना है कि  एंग्जायटी डिसऑर्डर के आज के समय में अधिकतर लोग शिकार हो रहे हैं, जो उनकी हेल्थ के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। उल्टा कई और गंभीर बीमारियों का कारण भी बन सकता है। स्ट्रेस से निकलने के लिए अच्छी  लाइफस्टाइल का होना बहुत जरूरी है। मेडिटेशन  को मेंटल हेल्थ के लिए सबसे अच्छा माना जाता है।  इसके अलावा डायट में कई ऐसे फूड को शामिल कर सकते हैं, जो आपकी अच्छी नींद में मदद करता है। इससे शरीर में कई ऐसे हॉर्मोन रिलीज होते हैं, जो अच्छी नींद में सहायक माने जाते हैं।  एंग्जायटी डिसऑर्ड से पीड़ित लोगों को मनोचिकित्सा या दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। लेकिन, इससे निपटने के लिए जीवनशैली में बदलाव लाकर भी मदद ली जा सकती है। चलिए जानते हैं आप कैसे लाइफ़स्टाइल में बदलाव लाकर एंग्जायटी डिसऑर्ड मेंसहायता लें सकते हैं।

    हेल्दी लाइफस्टाइल

    क्टिव रहें

    आपका शारीरिक रूप से एक्टिव रहना जरूरी है। अपनी दिनचर्या ऐसी बनाएं जिसमें आप अधिक से अधिक शारीरिक गतिविधियों को शामिल कर सकें। इससे न केवल आपका मूड सही होगा, बल्कि आप स्वस्थ भी रहेंगे। इसके लिए व्यायाम करें, योग का सहारा लें, अपनी पसंद का खेल खेलें या मैडिटेशन करें।

    एल्कोहॉल छोड़े 

    एल्कोहॉल और अन्य नशीली चीजें एंग्जायटी डिसऑर्डर (anxiety disorder) को बढ़ा सकती हैं, इन्हें छोड़ दें। अगर आप खुद इन्हें नहीं छोड़ पा रहे हैं, तो डॉक्टर की मदद लें।

    पर्याप्त नींद लें

    अपनी नींद को प्राथमिकता दें। अगर आपको पर्याप्त नींद नहीं आ रही है, तो भी डॉक्टर की सलाह अनिवार्य है।

    हेल्दी खाएं

    स्वस्थ भोजन जैसे सब्जियां, फल, साबुत अनाज और मछली आदि भी आपको शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद कर सकते हैं।

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    एंग्जायटी डिसऑर्डर में कौन सी एक्सरसाइजेज करनी चाहिए?

    अगर आपको एंग्जायटी या डिप्रेशन है, तो कुछ व्यायाम आपके लिए बेहद लाभदायक सिद्ध हो सकते हैं, जैसे:

    रनिंग: रनिंग हमारे संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। जिसमें एंग्जायटी भी शामिल है। यह एंटीडिप्रेसेंट्स की तरह काम करती है और चिंता और तनाव को दूर करने में प्रभावी है।

    योग: यह बात साबित हो चुकी है कि जो लोग नियमित रूप से योग करते हैं। वो गुस्से, तनाव, चिंता जैसी समस्याओं से बच सकते हैं। योग की ब्रीदिंग एक्सरसाइजेज जैसे प्राणायाम, अनुलोम-विलोम के साथ वृक्षासन, बालासन, उत्तानासन आदि इसमें मददगार हो सकते हैं। इसके साथ ही सायकलिंग, डांसिंग या स्विमिंग भी एंग्जायटी से छुटकारा पाने में आपके लिए सहायक हैं।

    एंग्जायटी डिसऑर्डर से छुटकारा पाने के लिए सभी उपायों के साथ ही नकारात्मक विचारों और लोगों से भी दूर रहना होगा। जितना आप सकारात्मक रहेंगे और सोचेंगे, उतना ही जल्दी आप इस समस्या से छुटकारा पाने में सक्षम होंगे। कुछ लोग एंग्जायटी के बारे में बात करने में भी शर्म महसूस करते हैं। ऐसा करने पर समस्या बढ़ सकती है। इन मामलों में तुरंत डॉक्टर की सलाह लेना और समय पर इलाज कराना अनिवार्य है।

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