शिंगल्स और चिकनपॉक्स में गहरा नाता है, क्योंकि दोनों के लिए एक ही तरह का वायरस जिम्मेदार है। अध्ययन के मुताबिक, अमेरिका में 40 साल से अधिक उम्र के करीब 99 प्रतिशत लोगों को चिकनपॉक्स हो चुका है, भले ही उन्हें याद न हो। चिकनपॉक्स जिस वायरस के कारण होता है वह शरीर में ही निश्क्रिय होकर पड़ा रहता है, लेकिन सालों बाद किसी कारण से सक्रिय हो जाता है और शिंगल्स रोग पैदा कर सकता है। शिंगल्स की वैक्सीन डॉक्टर के क्लिनिक या फार्मासिस्ट के पास उपलब्ध होती है। आप अपने डॉक्टर से एक बार परामर्श करके इसे लगवा सकते हैं। इस वैक्सीन के बारे में किसी तरह की दुविधा होने पर डॉक्टर से बात करें।
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किसे शिंग्रिक्स (Shingrix) नहीं लगवाना चाहिए?
आपको शिंगल्स का टीका नहीं लगवाना चाहिए यदि-
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शिंगल्स वैक्सीन कितनी असरदार है?
शिंग्रिक्स की दो डोज शिंगल्स रोग के प्रति मजबूत सुरक्षा प्रदान करती हैं। 50 से 69 साल के वैक्सीन लेने वाले बुजुर्गों में यह शिंगल्स से बचाने में 97 फीसदी तक कारगर है।
70 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में 91 प्रतिशत असरदार है। वैक्सिनेशन के बाद शिंग्रिक्स का प्रोटक्शन अगले 4 सालों तक 70 साल और उनसे अधिक उम्र के लोगों में 85 प्रतिशत तक प्रभावी रहती है। क्योंकि उम्र बढ़ने पर शिंगल्स रोग का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए बुजुर्गों को वैक्सीन अवश्य लगवानी चाहिए।
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शिंगल्स वैक्सीन के साइड इफेक्ट (Shingles Vaccine Side Effects)
अध्ययन बताते हैं कि शिंगल्स वैक्सीन यानी कि शिंग्रिक्स बिल्कुल सुरक्षित है। यह वैक्सीन शिंगल्स से बचाव के लिए आपके शरीर को मजबूती से तैयार करती है। इसके परिणामस्वरूप हो सकता है कि अस्थायी रूप से आपको इसके कुछ साइड इफेक्ट नजर आएं, जैसे टीका लगवाने के बाद
- 2-3 दिनों तक अपने सामान्य काम करने में परेशानी महसूस होना।
- बांह में हल्का या ज्यादा दर्द
- इंजेक्शन वाली जगह पर लालिमा या सूजन
- थकान महसूस होना
- मांसपेशियों में दर्द
- सिरदर्द
- बुखार
- पेट दर्द
- मितली
शिंगल्स वैक्सीन लगवाने वाले 6 में से एक व्यक्ति में साइड इफेक्ट देखे जाते हैं जो 2-3 दिनों में अपने आप ठीक हो जाजते हैं। युवाओं में यह साइड इफेक्ट ज्यादा दिखता है।