परिचय
ट्रिप्सिन क्या है?
ट्रिप्सिन (Trypsin) शरीर में पाया जाने वाला एक एंजाइम है, जो पाचन तंत्र के लिए काम करता है। ये एंजाइम प्रोटीन के साथ बायोकेमिकल रिएक्शन करता है। ये एंजाइम आंतों और अग्न्याशय (Pancreas) में पाया जाता है। इसके अलावा ये फफूंद, पौधों और बैक्टीरिया में भी पाया जाता है। ट्रिप्सिन (Trypsin) ऑस्टियोअर्थराइटिस के इलाज में काम आता है। इसके अलावा इससे निर्मित दवाएं घुटनों के दर्द में असरदार होती हैं। इसका उपयोग घाव पर भी किया जाता है। आमतौर पर यह एंजाइम छोटी आंत में पाया जाता है। ट्रिप्सिन पाचन से जुड़ी समस्याओं के उपचार में लाभकारी हो सकता है। यह प्रभावी रूप से दर्द से राहत देता है और घुटनों को ठीक से काम करने में मदद करता है। घावों और मुंह के अल्सर के उपचार के अलावा कुछ स्वास्थ्य स्थितियों के उपचार के लिए भी इसका इस्तेमाल अरंडी के तेल के साथ किया जा सकता है।
यह काम कैसे करता है?
ट्रिप्सिन मृत कोशिकाओं (Dead Cells) को हटाता है और स्वस्थ ऊतकों (Tissues) को विकसित करता है। ये अन्य एंजाइम का एक ऐसा मेल है, जो सूजन को कम करने में मदद करता है।
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उपयोग
इसका उपयोग किस लिए किया जाता है?
ट्रिप्सिन का उपयोग कई तरह की समस्याओं के इलाज के लिए किया जाता है :
- कोलन कैंसर और रेकटल कैंसर के उपचार में
- डायबिटीज (मधुमेह) के उपचार में
- पाचन तंत्र के कार्यों में सुधार लाने के लिए
- किडनी, मूत्राशय या यूरेनरी इंफेक्शन (मूत्र पथ के संक्रमण या यूटीआई) के उपचार में
- मांसपेशियों में घाव के उपचार के लिए
- वायुमार्ग में संक्रमण
- ऑस्टियोअर्थराइटिस के उपचार में
- मोच के दर्द से राहत दिलाने के लिए
- सर्जरी के बाद सूजन ठीक करने के लिए
- घाव को भरने में
- व्यायाम के कारण वायुमार्ग में संक्रमण
- मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस)
- व्यायाम के कारण मांसपेशियों में दर्द।
निम्न स्थितियों के उपचार में ट्रिप्सिन का उपयोग कितना प्रभावकारी हो सकता है, इस दिशा में अभी भी उचित अध्ययन करने की आवश्कयता है। इसके उपयोग के बारे में अधिक जानाकरी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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सावधानियां और चेतावनियां
ट्रिप्सिन का उपयोग करने से पहले मुझे क्या पता होना चाहिए?
अभी तक गर्भावस्था या स्तनपान के दौरान इसका किसी भी तरह का साइड इफेक्ट तो नहीं देखा गया है। लेकिन, फिर भी एहतियातन इससे संबंधित दवाओं का सेवन करने से बचें। जब भी जरूरत हो, तो अपने डॉक्टर के परामर्श पर ही खाएं।
जलन होना
घावों की सफाई के दौरान ट्रिप्सिन के इस्तेमाल के दौरान कई बार दर्द और जलन जैसे दुष्प्रभाव हो सकते हैं। हालांकि, इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
विशेष सावधानियां और चेतावनी
गर्भावस्था और स्तनपान: गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान ट्रिप्सिन के उपयोग के बारे में पर्याप्त जानकारी नहीं है। सुरक्षा के लिहाज से प्रेग्नेंसी के दौरान या ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसके उपयोग के बारे में अपने डॉक्टर से बात करें।
ट्रिप्सिन युक्त कई तरह के सप्लिमेंट उपलब्ध हैं, जिन्हें लेने के लिए डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन की जरूरत नहीं होती है।
इनमें से अधिकतर सप्लिमेंटस को विभिन्न एंजाइम्स के साथ मिलाकर बनाया जाता है। इन सप्लिमेंटस का इस्तेमाल अपच के इलाज, ऑस्टियोअर्थराइटिस के दर्द और सूजन को कम करने, चोट ठीक करने में किया जाता है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन यानी एफडीए डायट्री सप्लीमेंटस को अप्रूव नहीं करती है। डॉक्टर की सलाह के बिना सप्लिमेंटस न लें।
हीलिंग एजेंट
घावों पर ट्रिप्सिन लगाने से कई लोगों को राहत महसूस हुई है। मुंह में छाले होने पर यह मरे हुए ऊतकों को हटाता है और स्वस्थ ऊतकों के विकास को बढ़ावा देता है। एक अध्ययन में सूजन संबंधी लक्षणों और ऊतकों को गंभीर चोट लगने पर अन्य एंजाइम्स की तुलना में ट्रिप्सिन को ज्यादा प्रभावशाली पाया गया है।
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ट्रिप्सिन और कैंसर
कैंसर पर ट्रिप्सिन के प्रभाव को लेकर अभी और रिसर्च किए जाने की जरूरत है। कुछ रिसर्च में संकेत मिले हैं कि ट्रिप्सिन में कैंसर को बढ़ने से रोकने वाले टयूमर रोधी गुण हो सकते हैं। अन्य रिसर्च के मुताबिक ट्रिप्सिन कई तरह के कैंसर को फैलने से रोकता है।
ट्रिप्सिन का लेवल असंतुलित होने पर जटिलताएं
मैलएब्जॉर्प्शन
यदि पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में ट्रिप्सिन न बना पाए, तो आपको मैलएब्जॉर्प्शन जैसी पाचन संबंधी समस्या हो सकती है। इसमें खाने से पोषक तत्वों को सोखने और पचाने की क्षमता कम हो जाती है। इस स्थिति में शरीर में कई जरूरी पोषक तत्वों की कमी हो जाती है, जिससे कुपोषण और एनीमिया का खतरा बढ़ जाता है।
पैंक्रियाटिटाइटिस
पैंक्रियाटिटाइटिस का पता लगाने के लिए डॉक्टर खून में ट्रिप्सिन के लेवल की जांच करते हैं। पैंक्रियाटिटाइटिस के कारण पैंक्रियाज में सूजन आ जाती है, जिससे पेट के बीच में और पेट के ऊपर बायीं ओर दर्द महसूस होता है। इससे बुखार, दिल की धड़कन तेज चलने और मतली भी हो सकती है। कुछ हल्के मामलों में यह समस्या बिना किसी इलाज के अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन गंभीर मामलों में परेशानी हो सकती है, जिसमें इंफेक्शन और किडनी फेलियर शामिल हैं, जिससे मौत तक हो सकती है।
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सिस्टिक फायब्रोसिस
खून और मल में दिखने वाले ट्रिप्सिन और कायमोट्रिप्सिन की मात्रा को डॉक्टर चैक करते हैं। शिशु के खून में इन एंजाइमों की मात्रा अधिक होने का मतलब रिसेसिव जेनेटिक डिस्ऑर्डर सिस्टिक फाइब्रोसिस है। वयस्कों के मल में ट्रिप्सिन और कायमोट्रिप्सिन की कम मात्रा होना सिस्टिक फाइब्रोसिस और पैंक्रियाटिक बीमारियों जैसे कि पैंक्रियाटिटाइटिस का संकेत होता है।
ट्रिप्सिन एंजाइम का महत्व
ट्रिप्सिन एक ऐसा एंजाइम है, जो शरीर में प्रोटीन को पचाने के लिए बहुत जरूरी होता है। यह क्रिटिकल तत्व ऊतकों को बनाने और ठीक करने में मदद करता है। जिसमें हड्डियां, मांसपेशियां, कार्टिलेज, स्किन और खून शामिल हैं। कायमोट्रिप्सिन के साथ मिलने पर ट्रिप्सिन चोट को जल्दी भरने में मदद कर सकता है।
शरीर में ट्रिप्सिन की मात्रा मापकर पैंक्रियाटिटाइटिस और सिस्टिक फाइब्रोसिस जैसी स्वास्थ्य समस्याओं का पता करने में मदद मिल सकती है। कैंसरकारी टयूमर पर ट्रिप्सिन के प्रभाव को लेकर अभी अध्ययन किए जा रहे हैं।
ये उपयोग में कितना सुरक्षित है?
ट्रिप्सिन का उपयोग त्वचा के लिहाज से पूरी तरह से सुरक्षित है। लेकिन, फिर भी इसका उपयोग डॉक्टर के परामर्श पर ही करें। इसके अलावा अगर आप ट्रिप्सिन से बनी दवाओं का सेवन कर रहे हैं, तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर पूछ लेना चाहिए। क्योंकि ऐसे में अभी तक सुरक्षा के लिहाज से कोई भी वैज्ञानिक पुष्टि नहीं है।
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प्रभाव
ट्रिप्सिन का इस्तेमाल कैसे करना चाहिए?
पुराने ऑस्टियोअर्थराइटिस के उपचार के लिएः डॉक्टर द्वारा निर्देशित खुराक का ही सेवन करें।
त्वचा के घावों पर लगाते समयः एफडीए द्वारा अनुमोदित प्रिस्क्रिप्शन उत्पाद का ही इस्तेमाल करें। इसमें क्रीम, मलहम शामिल हो सकते हैं।
ट्रिप्सिन की खुराक छूटने पर क्या करना चाहिए?
हमेशा कोशिश करें कि अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार ही एक निश्चित समय पर ट्रिप्सिन की खुराक लें। अगर किसी कारण आप इसकी कोई खुराक भूल जाते हैं, तो याद आने पर जल्द से जल्द छूटी हुई खुराक खा सकते हैं। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपकी अगली खुराक के समय में बहुत ही कम समय बचा हुआ है, तो छूटी हुई खुराक का सेवन न करें।
अगली खुराक को उसके तय समय और तय मात्रा में ही खाएं और अपने नियमित खुराक को पहले की ही तरह जारी रखें। इसके साथ ही, छूटी हुई खुराक की भरपाई करने के लिए अगली खुराक का अधिक सेवन न करें। उतनी ही खुराक का सेवन करें, जितना एक बार में आपके लिए तय किया गया हो।
ट्रिप्सिन की खुराक ओवरडोज होने पर क्या करें?
अगर किसी ने निर्देशित खुराक से ट्रिप्सिन का ज्यादा सेवन कर लिया है और उसके कारण किसी तरह के जोखिम के लक्षण होते हैं, तो जल्द से जल्द आपातकालीन नंबर पर कॉल करें या नजदीकी अस्पताल में उपचार के लिए जाएं। अगर व्यक्ति ने ट्रिप्सिन का सेवन मौखिक तौर पर किया है, तो उल्टी कराने की कोशिश करें ताकि ओवरडोज दवा का असर कम से कम हो। इसके बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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क्या अन्य व्यक्ति में सामान लक्षण दिखाई देने पर उसे ट्रिप्सिन की खुराक निर्देशित करनी चाहिए?
आप जिस भी मौजूदा लक्षण या स्वास्थ्य स्थिति के लिए ट्रिप्सिन का सेवन करते हैं, अगर उसके ही सामान लक्षण आपको किसी अन्य व्यक्ति में दिखाई दें, तो उस अन्य व्यक्ति को ट्रिप्सिन के सेवन की सलाह न दें। उसे जल्द से जल्द डॉक्टर से परामर्श करने की सलाह देनी चाहिए।
इससे मुझे क्या साइड इफेक्ट हो सकते हैं?
त्वचा पर लगाने पर इससे किसी भी तरह का साइड इफेक्ट सामने नहीं आया है। लेकिन मुंह द्वारा सेवन करने पर इसके कुछ साइड इफेक्ट्स सामने आए हैं :
- उल्टी (Vomiting)
- मितली (Nausea)
- दस्त (Diarrhoea)
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डोसेज
ट्रिप्सिन की सही खुराक क्या है?
ट्रिप्सिन की सही खुराक क्या है, इसे बता पाना मुश्किल है। क्योंकि इसका सेवन आप उम्र, सेहत और अन्य परिस्थितियों के आधार पर ही कर सकते हैं। इसलिए जब भी इसका प्रयोग करना रहे, तब अपने डॉक्टर से एक बार जरूर बात कर लें।
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उपलब्ध
ये किन रूपों में उपलब्ध है?
- टैबलेट (Tablet)
- कैप्सूल (Capsule)
- मलहम (Ointment)
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