परिभाषा
ये त्वचा की एक स्थिति है जिसमें त्वचा पर लाल चिट्टे पड़ सकते हैं। ये शरीर में किसी भी जगह हो सकते हैं लेकिन कुहनी और घुटनों में इसके होने की संभावना ज्यादा होती है।
सोरियासिस किसी एक संक्रमित मरीज से दूसरे मरीज को नहीं होगा लेकिन ये संभव है कि ये एक से ज्यादा रूप में आपको प्रभावित करे। इन सभी में से एक महत्त्वपूर्ण रूप पस्ट्यूलर सोरियासिस है, इसमें सफेद पस से भरे हुए छाले दिखेंगे ( इन्हे पस्ट्यूल्स कहते हैं )
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) के प्रकार
पस्ट्यूलर सोरियासिस, सोरियासिस के और रूपों के साथ हो सकता है जैसे कि प्लाक सोरियासिस। ये हाथ ,पंजों और पूरे शरीर में हो सकता है लेकिन चेहरे पर इस बीमारी के होने की संभावना बहुत कम है। इस संक्रमण की शुरुआत संक्रमित भाग के नरम होने और लाल होने से होगी, धीरे- धीरे ये छाले का रूप ले लेंगे और इनमें पस भी भर सकता है। सूखने पर ये भूरे रंग के दिखाई देंगे और कुछ समय बाद त्वचा को छोड़ देंगे। त्वचा के उस हिस्से में जहां पर ये पस्ट्यूल्स है वहां पर त्वचा रूखी और हलकी चमकदार दिखाई देगी।
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पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) के कितने प्रकार हो सकते हैं ?
- वोन जोमबुश पस्ट्यूलर सोरियासिस (Von Zumbusch pustular psoriasis )
- पालमोप्लांटर पस्ट्यूलोसिस ( Palmoplantar pustulosis )
- एक्रोपास्टयूलोसिस (Acropustulosis )
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) होना कितना आम है ?
सोरियासिस होना बहुत आम है, अधिकतर 50 वर्ष से अधिक की आयु वाले लोगों में सोरियासिस पाया जाता है। 10 साल से कम उम्र वाले लोगों में इसके होने की आशंका बहुत कम है।
लक्षण
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) के क्या लक्षण हो सकते हैं ?
वोन जुम्बुश पस्ट्यूलर सोरियासिस
वोन जुम्बुश सोरियासिस ( एक्यूट जनरल पस्ट्यूलर सोरियासिस ) की शुरुआत में त्वचा पर लाल छाले दिखेंगे जिनमें दर्द हो सकता है और आपको असहजता महसूस होगी। पस्ट्यूल्स एक से दो घंटे में पनपते हैं और एक से दो हफ्ते में सूख भी जाते हैं। इस प्रकार का सोरियासिस एक बार होने के बाद दोबारा भी हो सकता है। ये कुछ दिनों और हफ्तों में दोबारा भी आ सकता है। वोन जुम्बुश बच्चों में कम पाई जाती है लेकिन व्यस्क लोगों के मुकाबले ये बच्चो में बिना किसी खास इलाज के ठीक हो जाती है।
इसके लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं :
- बहुत ज्यादा खुजली होना।
- बुखार होना।
- पल्स रेट का बहुत तेज चलना।
- मांसपेशियों का कमजोर होना।
- एनीमिया होना।
- ठंड लगना।
- डिहाइड्रेशन होना।
इनमें से किसी भी लक्षण के दिखने पर जरूरी है कि तुरंत इलाज किया जाए। लम्बे समय तक ये स्थिति थकान और वजन घटाने का काम कर सकती है। इसके अलावा नाखूनों का टूटना और बालों का गिरना इस बीमारी के कुछ महत्त्वपूर्ण और घातक प्रभाव हो सकते हैं। लम्बे समय तक इसके लक्षणों को टालने से ये बीमारी और अधिक भयानक रूप ले सकती है और कार्डियोरेस्पिरेटरी फेलियर भी हो सकता है।
पालमोप्लांटर पस्ट्यूलोसी (PPP )
इसके नाम से ही इसके संक्रमण की जगह का पता चलता है। ज्यादातर ये हथेलियों में ( अंगूठे के निचले भाग में ), पंजों में , हील्स के किनारों पर होता है, शुरुआत में ये लाल चिट्टे की तरह दिखेंगे लेकिन समय बीतने के साथ ये भूरे रंग के हो जाएंगे और जल्द ही ठीक हो जाएंगे।
ये संक्रमण एक बार होने के बाद बार- बार हो सकता है। इससे त्वचा रूखी और बेजान दिखने लगेगी। धूम्रपान करने वाले लोगों में इसके होने की आशंका ज्यादा रहती है जबकि वे लोग जो धूम्रपान नहीं करते उनमें इसके होने की संभावना कम होती है।
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एक्रोपास्टयूलोसिस (Acropustulosis )
पस्ट्यूलर सोरियासिस का सबसे कम पाए जाने वाला प्रकार एक्रोपास्टयूलोसिस है। ये पैरो और हाथों के अंगूठे के निचले भाग में पाया जाता है। इस तरह का सोरियासिस त्वचा में चोट लगने या फिर संक्रमण होने की वजह से हो सकता है। लम्बे समय तक रहने पर स्थिति और अधिक गंभीर हो सकती है और अंगुली की हड्डियों में बदलाव आ सकते हैं।
अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण देख पा रहे हैं तो अपने डॉक्टर से जरूर मिले।
अपने डॉक्टर से कब मिलें ?
हर शरीर अलग स्थिति में अलग तरीके से व्यवहार करता है इसलिए अपने शरीर के अनुसार इलाज के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
कारण
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) के क्या कारण हो सकते हैं ?
पस्ट्यूलर सोरियासिस को समझने के लिए प्लाक के लक्षणों को समझना बहुत जरुरी है। पस्ट्यूलर सोरियासिस जेनेटिक्स और प्राकृतिक कारणों की वजह से हो सकता है।
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इन वजहों से बढ़ जाता है इस रोग का खतरा
पस्ट्यूलर सोरियासिस इन कारणों की वजह से हो सकता है :
- भावनात्मक तनाव
- गर्भावस्था
- त्वचा की किसी चोट की वजह से भी सोरियासिस हो सकता है।
- संक्रमण
- किसी रासायनिक पदार्थ या फिर धातु के कारण भी सोरियासिस हो सकता है।
- अल्ट्रावाइलेट किरणों की वजह से भी सोरियासिस हो सकता है।
कुछ दवाओं की वजह से भी सोरियासिस हो सकता है। अंदरूनी दवाएं, सिस्टमिक स्टेरॉइड्स और टोपिकल दवाओं की वजह से भी सोरियासिस हो सकता है। रोज की दवाओं या फिर सिस्टमिक मेडिकेशन को अचानक से छोड़ने पर भी सोरियासिस हो सकता है।
निदान और उपचार
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सा परामर्श का विकल्प नहीं है। किसी भी विश्वसनीय जाकारी के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें।
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) की जांच कैसे की जा सकती है ?
पस्ट्यूलर सोरियासिस कोई आम त्वचा का संक्रमण नहीं है। त्वचा में किसी भी तरह के असाधारण बदलाव के लिए अपने डॉक्टर से जरूर मिलें। छाले, घाव, खरोंच या फिर किसी भी तरह की जलन के लिए अपने नजदीकी डॉक्टर से जरूर मिलें।
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पस्ट्यूलर सोरियासिस की जांच के लिए डॉक्टर कम्पलीट ब्लड काउंट टेस्ट करवा सकते हैं इससे पता लगाया जाएगा की आपकी वाइट ब्लड कोशिकाओं में क्या गड़बड़ी है जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ रहा है। आमतौर पर वाइट ब्लड कोशिकाओं में कमी के कारण आपमें ये संक्रमण बढ़ सकता है। जांच के लिए डॉक्टर आपके पस्ट्यूल में से टिशूज ले सकते हैं।
पस्ट्यूलर सोरियासिस (Pustular Psoriasis) का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
सोरियासिस का इलाज आपके सोरियासिस के प्रकार और सोरियासिस की गंभीरता पर निर्भर करता है। आपके डॉक्टर त्वचा की जलन को कम करने के लिए कोई क्रीम या ऑइंटमेंट दे सकते हैं जिससे त्वचा की नमी दोबारा लाई जा सके और त्वचा नरम रहे। प्राकृतिक और आर्टिफीशियल दोनों प्रकार की किरणों के इस्तमाल से सोरियासिस का इलाज किया जा सकता है। PUVA ट्रीटमेंट यानी की अल्ट्रावायलेट किरणों और दवाओं की मदद से आप त्वचा का इलाज कर सकते हैं।
डॉक्टर आपको ये दवाएं दे सकते हैं :
- एसाइट्रेटिन( Acitretin )
- साइक्लोस्पोरिन (Cyclosporine )
- मेथोट्रेक्सेट (Methotrexate)
- सोरालेन के साथ अल्ट्रावायलेट A
- TNF – एल्फा ब्लॉकर या फिर इनफ्लैक्सिमैब (infliximab )
सोसरियासिस से बचने के तरीकों में संक्रमण और डिहाइड्रेशन से बचना भी आवश्यक है।
पस्ट्यूलर सोरियासिस के हर प्रकार के लिए अलग इलाज है जैसे कि :
वोन जुम्बुश पस्ट्यूलर सोरियासिस (Von Zumbusch pustular psoriasis )
इलाज में एंटीबायोटिक्स, रीहाइड्रेटिंग एजेंट्स और क्रीम्स दी जाएंगी, जिनसे इलाज किया जा सके। अगर ये दवाएं काम नहीं करती हैं तो डॉक्टर ओरल दवाएं भी दे सकते हैं जिससे कि आपके लक्षणों का इलाज किया जा सके।
दवाओं को बार- बार बदलने से भी वो जुम्बुश सोरियासिस के दोबारा होने की सम्भावना हो सकती है।
इन दवाओं से जुड़े खतरों और प्रभावों के बारे में जानने के लिए डॉक्टर से जरूर मिलें।
पालमोप्लांटर पस्ट्यूलोसी
पालमोप्लांटर पस्ट्यूलॉसिस के लिए आपको बहुत से इलाज करवाने पड़ सकते हैं जैसे कि अल्ट्रावायलेट किरणों से इलाज या फिर मेथोट्रेक्सेट से इम्यून प्रणाली को नियंत्रित करना। PPP से जुड़े इलाज के विषय में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से मिलें।
एक्रोपास्टयूलोसिस
एक्रोपास्टयूलोसिस बहुत कम पाई जाने वाली स्थिति है और इसके इलाज के लिए सटीक उपाय बताया नहीं जा सकता। ट्रॉपिकल क्रीम्स और ोइंटमेंट्स की मदद से इस स्थिति का इलाज किया जा सकता है।
जीवनशैली में बदलाव और घरेलू उपाय
जरूरी बचाव के तरीके अपना कर आप सोरियासिस से बच सकते हैं।
हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी चिकित्सा सलाह, जांच या इलाज की सलाह नहीं देता है।
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