परिचय
मधुमक्खी या ततैया का डंक यानी काटना आमतौर पर बहुत ही सामान्य है। मधुमक्खियां जब काटती हैं, तो त्वचा में एक विष की थैली के साथ अपने डंक को छोड़ देती हैं, लेकिन ततैया ऐसा नहीं करती। ज्यादातर डंक से एक या दो दिनों तक खुजली या दर्द होती है और सूजन एक सप्ताह तक रह सकती है। मधुमक्खी और भौंरा केवल तभी डंक मरते हैं यदि उन्हें उकसाया जाता है। लेकिन, ततैया अधिक आक्रामक हो सकती है और एक से अधिक बार डंक मार सकती है। मधुमक्खी या ततैया के डंक का उपचार उनकी गंभीरता पर निर्भर करता है। मधुमक्खी या ततैया के डंक के बाद होने वाला एलर्जी रिएक्शन ऐसी समस्या है, जिन्हे मेडिकल सहायता की आवश्यकता पड़ती है।
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लक्षण
मधुमक्खी या ततैया के डंक से कई रिएक्शन हो सकते हैं। इनके काटने से अस्थायी दर्द और बेचैनी से लेकर गंभीर एलर्जिक रिएक्शन तक हो सकता है। एक प्रकार के रिएक्शन होने का मतलब यह नहीं है कि हर बार जब भी आप डंक का शिकार होते हैं तो जरूरी है कि अगला रिएक्शन अधिक गंभीर होगा।
सामान्य लक्षण
- डंक वाले स्थान पर लाल दाना निकलना
- प्रभावित स्थान पर थोड़ी सूजन
- यह सूजन और दर्द कुछ घंटों में ठीक हो जाती है।
कुछ गंभीर रिएक्शन
- मधुमक्खी या ततैया के डंक के कुछ थोड़े गंभीर रिएक्शन इस प्रकार हो सकते हैं:
- बहुत अधिक लालिमा
- प्रभावित स्थान पर सूजन एक या दो दिनों तक रह सकती है। मॉडरेट रिएक्शन में यह पांच से दस दिनों तक हो सकती है। अगर आपको सूजन या दर्द कई दिनों तक है तो डॉक्टर की सलाह लें, खासतौर पर अगर यह समय के साथ बढ़ जाए।
गंभीर एलर्जिक रिएक्शन
मधुमक्खी या ततैया का डंक के गंभीर रिएक्शन जान के लिए खतरनाक हो सकता है और उसे तुरंत आपातकालीन उपचार की आवश्यकता होती है। हालांकि मधुमक्खी या ततैया का डंक या अन्य कीट द्वारा डंक के बाद बहुत कम लोगों में एनाफिलेक्सिस होता है। इसके गंभीर एलर्जिक रिएक्शन इस प्रकार हैं:
- होंठों और आंखों के आसपास सूजन
- रैशेस का बढ़ना
- सांस लेने में तकलीफ या घरघराहट
- छाती में कसाव
- गंभीर चक्कर आना या बेहोशी
- लगातार खांसी या छींके होना
- कर्कश आवाज
- निगलने में कठिनाई होना या गले में कसाव
- शॉक के लक्षण (पीली त्वचा, रेपिड पल्स और बेहोशी)
कारण
मधुमक्खी या ततैया का डंक त्वचा में कांटेदार डंक मारती है। मधुमक्खी के डंक वाले जहर में प्रोटीन होता है जो त्वचा की कोशिकाओं और प्रतिरक्षा प्रणाली को प्रभावित करता है, जिससे स्टिंग क्षेत्र के आसपास दर्द और सूजन हो जाती है। जिन लोगों को मधुमक्खी के डंक से एलर्जी होती है, उन्हें मधुमक्खी के डंक के जहर से गंभीर रिएक्शन हो सकते हैं।
मधुमक्खी या ततैया का डंक का जोखिम तब बढ़ जाता है जब:
- आप एक जगह में रहते हैं, जहां मधुमक्खी या ततैया विशेष रूप से सक्रिय होती हैं या जहां पास में उनके छत्ते बने होते हैं।
- आप अपने काम या शौक के कारण बाहर समय अधिक बिताते हैं
- मधुमक्खी के डंक से आपको एलर्जी की प्रतिक्रिया होने की अधिक संभावना है यदि आपके पास अतीत में मधुमक्खी के डंक से एलर्जी की प्रतिक्रिया हुई थी, भले ही वह मामूली थी।
- बच्चो की तुलना में वयस्कों को इस डंक से अधिक समस्या हो सकती हैं।
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उपचार
अगर मधुमक्खी या ततैया ने आपको एक बार काटा है, तो आपको हो सकता है कि आपको कोई एलर्जिक लक्षण नहीं दिखाई दें। जहां मधुमक्खी या ततैया ने आपको काटा है उस स्थान को अच्छे से साफ़ करें और एंटीबायोटिक दवाई लगाएं। अगर डंक है तो उसे निकाल दें। इसके साथ ही खुजली को दूर करने के लिए आपको ओरल एंटीहिस्टामिन दिया जा सकता है। दर्द की स्थिति में डॉक्टर आपको आइबूप्रोफेन या एसिटामिनोफेन दे सकते हैं। यदि आपका टेटनस टीकाकरण नहीं हुआ है, तो यह भी आपको दिया जा सकता है।
जब आपको मधुमक्खी या ततैया काटे तो इस तरह से इसका उपचार करें:
- अगर आपको मधुमक्खी या ततैया का डंक लगा है, तो इस डंक को उंगलियां, क्रेडिट कार्ड या चाकू से निकाल दें।
- इस भाग को साबुन और ठंडे पानी से धोएं।
- पंद्रह मिनटों तक इसके ऊपर बर्फ लगाएं ताकि दर्द और सूजन से छुटकारा मिल सके। सूजन और जलन के लिए हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम लगाने की सलाह दी जा सकती है
- अगर आपको इस वजह से पूरे शरीर में रैशेस हैं या साँस लेने में हलकी समस्या हो तो आपको एंटीहिस्टामिनेस, स्टेरॉइड्स,और एपिनेफ्रीन दिए जा सकते हैं। गंभीर रिएक्शंस की स्थिति में आपको अस्पताल में भी भर्ती होना पड़ सकता है।
- अगर आपको मधुमक्खी या ततैया का डंक मारे हैं, लेकिन इसके बाद आपको एलर्जिक रिएक्शन न दिखाई दें, तो भी आपको आपातकालीन विभाग या अस्पताल में लंबे समय तक निगरानी की आवश्यकता हो सकती है।
- डॉक्टर आपके कई ब्लड टेस्ट भी करा सकते हैं।
- अगर आपके मुंह या गले पर काटा गया है, तो आपको खास इलाज और देखभाल देने की आवश्यकता है।
सावधानियां
अगर आपको मधुमक्खी या ततैया ने डंक मारा है तो यह न करें:
- मधुमक्खी या ततैया का डंक के बाद 18 या 18 साल से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन या एस्पिरिन वाले उत्पादों को न दें ताकि बच्चों को रेये सिंड्रोम से उन्हें बचाया जा सके।
- नॉन-स्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (NSAIDs) को दूध या भोजन के साथ लें, ताकि पेट संबंधी समस्याओं से बचा जा सके। ऐसे लोगों को (NSAIDs) न दें जिन्हे :
1)NSAID-इंड्यूस्ड अस्थमा है
2)जिन्हे NSAID से एलर्जी है
3)अगर वो ब्लड थिनर (एंटीकोएगुलांट्स) ले रहे हों।
4)किसी सर्जरी डेंटल वर्क, ट्रामा से गुजर रहे हों।
5)इससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है अगर किसी को ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो।
रोकथाम
इस समस्या से बचने के लिए सबसे पहले आपको मधुमक्खी या ततैया का डंक से बचने की कोशिश करनी चाहिए जैसे:
- अपनी त्वचा को लंबी बाज़ू, पूरी पैंट और जूतों आदि से कवर रखें।
- यदि कोई काटने वाला कीड़ा आपके चारों ओर उड़ रहा है, तो अपनी बाहों को बिना लहराए धीरे-धीरे उससे दूर जाने की कोशिश करें।
- खुली त्वचा पर इन्सेक्ट रेपेलेंट का प्रयोग करें।
- ऐसी जगहों पर न जाएं, जहां ततैया, मधुमक्खियां या ऐसे ही काटने वाले कीड़ी हों। ऐसी जगहों से दूर रहें फूलों वाले पौधें, कूड़ा, फल वाले पेड़ या ऐसे जीवों के छत्ते हों।
- जब भी बाहर जाएं अपने खाने और पीने की चीज़ों को कवर रखें।
- जब आप जानते हैं कि जिस जगह पर आप जा रहे हैं वहां आसपास काटने वाले जीव होंगे तो चटकीले या गहरे रंग के कपड़े न पहनें खासतौर पर पीले रंग के। खुले कपडे न पहने क्योंकि इससे आपके कपड़ों के अंदर घुस कर यह आपको काट सकते हैं।
- मधुमक्खी या ततैया को कभी न छेड़ें अगर आपके घर के पास मधुमक्खी या ततैया का छत्ता है तो पेस्ट कंट्रोल वालों को बुला कर उनका नाश कर दें।
- परफ्यूम या ऐसी तेज़ खुशबु से भी यह जीव अधिक आकर्षित होते हैं इसलिए परफ्यूम या ऐसी तेज़ खुशबु वाले उत्पादों का प्रयोग न करें।
- अगर मधुमक्खी या ततैया आपके आसपास हों तो तुरंत अपने मुंह, नाक आदि को कवर कर लें।
इनसे बचने के लिए किसी बंद बिल्डिंग या गाडी के अंदर चले जाएं।