के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr Sharayu Maknikar
कोला नट कोला ट्री से पाए जाने वाले फल का बीज है। इसका साइंटिफिक नाम कोला है। इस पेड़ पर स्टार शेप के फ्रूट लगते हैं, जिसमें से ये बीज निकलते हैं। इसका प्रयोग दवाओं में किया जाता है। फ्रेश कोला नट टेस्ट में कड़वा होता है। सूखने के बाद इसका स्वाद बेहतर हो जाता है और ये जायफल जैसे महकने लगता है।
मेटाबॉलिज्म को करे बूस्ट:
कोला में कैफीन भरपूर मात्रा में होता है, जो मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने का काम करता है। इस वजह बहुत सारे लोग इसका रोजाना सेवन करते हैं। बहुत सारी एनर्जी ड्रिंक्स में भी इसका प्रयोग किया जाता है।
डायजेशन में करे सुधार:
कोला नट पाउडर और एक्सट्रैक्ट डायजेशन में मदद करता है। ये पेट में पाचन एंजाइम की प्रभावशीलता को बढ़ाता है।
सर्क्यूलेशन को बेहतर करे:
कोला में कैफीन और थियोब्रोमाइन होता है, जो हर्ट रेट को बढ़ाने और सर्क्यूलेशन को बेहतर करने में मददगार है।
एनर्जी को करे बूस्ट:
कोला नट में सेंट्रल नर्वस सिस्टम को नैचुरली उत्तेजित करता है जिससे एनर्जी लेवल खुद बूस्ट हो जाता है।
एंटी-बैक्टीरियल:
जर्नल ऑफ बायो साइंस एंड मेडिसिन की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोला नट एक्सट्रैक्ट हानिकारक बैक्टीरिया की वृद्धि को रोकता है।
प्रोस्टेट कैंसर:
कई शोध में पाया गया कि कोला नट में ऐसे कंपाउंड होते हैं, जो प्रोस्टेट कैंसर के होने के खतरे को कम करते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, कोला नट में फाइटोस्ट्रोजन होते हैं, जो कैंसर सेल्स को नष्ट और ट्यूमर को बढ़ने से रोकते हैं। हालांकि अभी इस पर और शोध होने की जरूरत है।
माइग्रेन:
कोला नट माइग्रेन में होने वाले सिरदर्द के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें मौजूद कैफीन सिरदर्द से राहत दिलाने का काम करता है।
अस्थमा:
कोला नट का इस्तेमाल वैसे तो रेस्पिरेटरी दिक्कतों के लिए नहीं रिकमेंड किया जाता, लेकिन सांस लेने में दिक्कत जैसे अस्थमा से ये राहत दिलाता है।
इन परेशानियों में भी मददगार:
कोला नट में दो से तीन प्रतिशत कैफीन और एक से दो प्रतिशत थियोब्रोमाइन होता है। ये दोनों ही उत्तेजक के रूप में काम करते हैं। इसके अलावा, कोला नट में पोटैशियम, मैग्नीशियम और कैल्शियम जैसे माइक्रोन्यूट्रिएंट्स होते हैं।
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यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) ने भी इसका सेवन सुरक्षित बताया है। सीमित मात्रा में कोला नट का सेवन ज्यादातर सभी के लिए सेफ है। लंबे समय तक दवाई के तौर पर इसका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसे अधिक मात्रा में लेने से भी परेशानी हो सकती है, क्योंकि इसमें कैफीन कंटेंट होता है जिसको हाई डोज में लेना मौत का कारण भी बन सकता है।
अपने डॉक्टर या फार्मासिस्ट या हर्बलिस्ट से सलाह लें, यदि:
कोला नट का सेवन बच्चों के लिए भी सेफ है। गर्भवती महिलाएं सीमित मात्रा में इसका सेवन कर सकती हैं। अधिक मात्रा में इसका सेवन न करें। सुरक्षा की दृष्टि से प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाएं 200 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन का सेवन न करें। अधिक मात्रा में इसे लेने से मिसकैरेज, समय से पहले डिलिवरी, बच्चे का वजन कम होने का कारण हो सकता है। ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाएं खास सावधानी बरतें, क्योंकि इससे बच्चचे में नींद न आना और दस्त की परेशानी हो सकती है।
एंग्जायटी डिसऑर्डर: कोला नट में मौजूद कैफीन एंग्जायटी डिसऑर्डर को और ज्यादा बिगाड़ सकता है।
ब्लीडिंग डिसऑर्डर: कोला नट में कैफीन होता है जो ब्लड क्लोटिंग को धीमा कर सकता है। इसलिए ये लोग गलती से इसका सेवन न करें।
दिल संबंधित बीमारिया: जिन लोगों को दिल संबंधित बीमारियां हो उन्हें इसका सेवन नहीं करना चाहिए। इससे उनकी तकलीफ पहले से ज्यादा बढ़ सकती है।
डायबिटीज: कुछ शोध बताते हैं कि कैफीन डायबिटीज को पहले से ज्यादा बिगाड़ सकते हैं।
डायरिया: कोला नट में कैफीन होता है, जिसे ज्यादा मात्रा में लेने से डायरिया बिगड़ सकता है।
मोतियाबिंद: कोला में कैफीन होता है, जो आंखों के अंदर दबाव बढ़ा सकता है।
ऑस्टियोपोरोसिस: अगर आपको ऑस्टियोपरोसिस है, तो दिन में 300 मिलीग्राम से ज्यादा कैफीन न लें।
सर्जरी: अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है तो उसके दो हफ्ते पहले और दो हफ्ते बाद तक इसका सेवन न करें।
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हालांकि, हर किसी को ये साइड इफेक्ट हो ऐसा जरूरी नहीं है, कुछ ऐसे भी साइड इफेक्ट हो सकते हैं, जो ऊपर बताए नहीं गए हैं। अगर आपको इनमें से कोई भी साइड इफेक्ट महसूस हो या आप इनके बारे में और जानना चाहते हैं, तो नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
इस हर्बल सप्लिमेंट की खुराक हर मरीज के लिए अलग हो सकती है। आपके द्वारा ली जाने वाली खुराक आपकी उम्र, स्वास्थ्य और अन्य कई चीजों पर निर्भर करती है। हर्बल सप्लिमेंट हमेशा सुरक्षित नहीं होते हैं। इसलिए सही खुराक की जानकारी के लिए हर्बलिस्ट या डॉक्टर से चर्चा करें।
डिस्क्लेमर
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