परिचय
रिएक्टिव अर्थराइटिस (Reactive Arthritis) क्या है?
रिएक्टिव अर्थराइटिस (Reactive Arthritis) जोड़ों का दर्द होता है और इसकी वजह से शरीर के अन्य हिस्सों में संक्रमण के कारण सूजन आ जाती है। यह स्थिति सबसे ज्यादा आंतों, जननांगों या मूत्र पथ को प्रभावित करती है।
प्रतिक्रियाशील गठिया (रिएक्टिव अर्थराइटिस) आमतौर पर पैर के घुटनों और हाथों के टखनों और पैरों के जोड़ों को निशाना बनाता है। इसके कारण आपकी आंखों, त्वचा और मूत्रमार्ग में सूजन हो सकती है।
पहले, प्रतिक्रियाशील गठिया (रिएक्टिव अर्थराइटिस) को कभी-कभी रेइटर सिंड्रोम कहा जाता था, जो आंख और मूत्रमार्ग में हुए सूजन के लिए जानी जाती थी।
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कितना सामान्य है रिएक्टिव अर्थराइटिस?
रिएक्टिव अर्थराइटिस आम स्वास्थ्य स्थितियों में नहीं माना जाता है। ज्यादातर लोगों में इसके संकेत और लक्षण आते-जाते रहते हैं। आमतौर पर इसके लक्षण अपने आप 12 महीनों के भीतर गायब हो जाते हैं। प्रतिक्रियाशील गठिया किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन यह 20 से 40 साल के बीच के युवा वयस्कों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। इसका प्रभाव महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में ज्यादा देखा जाता है।
जिन लोगों में एचएलए-बी27 (HLA-B27) नामक एक निश्चित जीन होता है, उन्हें इसका खतरा 50 गुना अधिक होता है। प्रतिक्रियाशील गठिया के बारे में अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने चिकित्सक से चर्चा करें।
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लक्षण
रिएक्टिव अर्थराइटिस के लक्षण क्या हैं?
रिएक्टिव अर्थराइटिस के लक्षणों में शामिल हैंः
- मूत्रमार्ग में सूजन होने
- पेशाब के दौरान दर्द होना
- डायरिया होना
- मुंह में छाले होना
- आंख में सूजन होना
- पीठ में दर्द
इसके सभी लक्षण ऊपर नहीं बताएं गए हैं। अगर इससे जुड़े किसी भी संभावित लक्षणों के बारे में आपका कोई सवाल है, तो कृपया अपने डॉक्टर से बात करें।
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मुझे डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?
अगर पिछले एक महीने से आपके जोड़ों में दर्द, डायरिया या गुप्ताओं में इंफेक्शन है, तो आपको अपने डॉक्टर से परामर्श करनी चाहिए।
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कारण
रिएक्टिव अर्थराइटिस के क्या कारण हैं?
कई बैक्टीरिया प्रतिक्रियाशील गठिया का कारण बन सकते हैं। जिनमें कुछ यौन संचारित हैं और अन्य खाद्य पदार्थों की वजह से भी हो सकते हैं:
- क्लैमाइडिया (Chlamydia)
- साल्मोनेला (Salmonella)
- शिगेला (Shigella)
- कैम्पिलोबैक्टर (Campylobacter)
- क्लोस्ट्रीडियम डिफ्फिसिल (Clostridium difficile)
रिएक्टिव अर्थराइटिस संक्रामक नहीं है। हालांकि, इसका कारण बनने वाले बैक्टीरिया यौन या दूषित भोजन से संचरित हो सकते हैं। इन जीवाणुओं के संपर्क में आने वाले कुछ ही लोगों में प्रतिक्रियाशील गठिया की समस्या हो सकती है।
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जोखिम
कैसी स्थितियां रिएक्टिव अर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ा सकती हैं?
ऐसी कई स्थितिया हैं जो रिएक्टिव अर्थराइटिस के जोखिम को बढ़ा सकती हैंः
- 20 और 40 की उम्र के बीच वयस्कों में प्रतिक्रियाशील गठिया सबसे अधिक होता है।
- खाद्य जनित संक्रमणः खाने-पीने की चीजों से होने वाले संक्रमण के कारण महिलाओं और पुरुषों में समान रूप से प्रतिक्रियाशील गठिया की समस्या होने की संभावना बनी रहती है।
- यौन जनित संक्रमणः इसका खतरा महिलाओं में अधिक रहता है।
- वंशानुगत कारकः इसके लिए पारिवारिक इतिहास भी एक कारण हो सकता है।
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उपचार
यहां प्रदान की गई जानकारी को किसी भी मेडिकल सलाह के रूप ना समझें। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से परामर्श करें।
रिएक्टिव अर्थराइटिस का निदान कैसे किया जाता है?
रिएक्टिव अर्थराइटिस का निदान करने के लिए रोगी के स्वास्थ्य स्थिति का आंकलन किया जाता है। अगर ऊपर बताए गए निम्न लक्षण उसमें एक महीने से बने हुए हैं, तो डॉक्टर उन्हें विभिन्न टेस्ट कराने की सलाह देते हैं।
प्रतिक्रियाशील गठिया के निदान के लिए कोई विशिष्ट परीक्षण नहीं है, लेकिन डॉक्टर यौन संचारित रोगों के लिए मूत्रमार्ग की जांच करते हैं। संक्रमण के संकेतों के लिए मल के नमूनों का परीक्षण भी किया जाता है। इसके लिए ब्लड टेस्ट भी किया जाता है। साथ ही, कुछ स्थितियों में एक्स-रे भी किया जाता है।
रिएक्टिव अर्थराइटिस का इलाज कैसे होता है?
बैक्टीरियल इंफेक्शन, जैसे क्लैमाइडिया का इलाज एंटीबायोटिक दवाओं की मदद से किया जा सकता है। वहीं, सूजन का इलाज करने के लिए आमतौर पर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग्स (एनएसएआईडी), जैसे कि नेप्रोक्सन, एस्पिरिन या आइबूप्रोफेन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा, त्वचा के फटने या आंखों की सूजन के इलाज के लिए स्टेरॉयड का इस्तेमाल किया जा सकता है।
इसके आलाव पुरानी गठिया के मरीजों को फिजिकल थेरेपी और नियमित रूप से व्यायाम करने की सलाह दी जाती है।
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घरेलू उपाय
जीवनशैली में होने वाले बदलाव क्या हैं, जो मुझे रिएक्टिव अर्थराइटिस को रोकने में मदद कर सकते हैं?
निम्नलिखित जीवनशैली में बदलाव लाने और घरेलू उपायों से आप रिएक्टिव अर्थराइटिस के खतरे को कम कर सकते हैंः
- अगर आपको आनुवांशिक कारकों की वजह से रिएक्टिव अर्थराइटिस के होने का खतरा है, तो बैक्टीरिया के संपर्क में आने से खुद का बचाव करें।
- सुनिश्चित करें कि आपका भोजन बैक्टीरिया जनित नहीं है। ठीक से पकाया गया ही भोजन खाएं।
- वाटर वॉकिंग करें। स्वीमिंग पूल में कमर तक पानी में चलना, जमीन पर चलने की तुलना में 50 प्रतिशत तक जोड़ों पर भार कम करता है।
- वॉटर एरोबिक्स में मरीज के गर्दन के नीचे लगभग पूरा शरीर शामिल होता है। इसे छाती तक गहरे पानी में किया जाता है, पारंपरिक एरोबिक्स की तुलना में यह आपके जोड़ों पर 75 प्रतिशत तक कम प्रभाव डालता है।
- ट्रेडमिल आपको आसानी से चलने में सक्षम बनाती है ( इसमें सहारा लेने के लिए हैंडलबार भी होते हैं), स्पीड बढ़ाने के साथ-साथ इसमें मौजूद अन्य फंक्शन्स से एक्सरसाइज को आसान बनाया जा सकता है। अपने स्टेमिना के आधार पर आप ट्रेडमिल की स्पीड और मोड्स में बदलाव कर सकते हैं।
ऊपर बताइ गई सभी एक्सरसाइज को ट्रेनर के मदद से ही करें, वरना आपको समस्या हो सकती है।
इस आर्टिकल में हमने आपको रिएक्टिव अर्थराइटिस से संबंधित जरूरी बातों को बताने की कोशिश की है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस बीमारी से जुड़े किसी अन्य सवाल का जवाब जानना है, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्सर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे। अपना ध्यान रखिए और स्वस्थ रहिए।
अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।