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Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia: क्या है ये रेयर डिजीज, जानिए इसके लक्षणों के बारे में!

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड डॉ. प्रणाली पाटील · फार्मेसी · Hello Swasthya


Bhawana Awasthi द्वारा लिखित · अपडेटेड 18/02/2022

    Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia: क्या है ये रेयर डिजीज, जानिए इसके लक्षणों के बारे में!

    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) एक रेयर डिजीज है। इस रेयर डिजीज के कारण हाथ और पैरों की बोंस एब्नॉर्मल डेवलेप होती है। इसमें कार्टिलेज फॉर्मेशन और सबसीक्वेंट एब्नॉर्मल बोंस फॉर्मेशन आसामान्य तरीके से विकसित होता है। इस कारण से जो भी व्यक्ति इस रेयर डिसीज से प्रभावित होता है, उसके हाथ और पैर छोटे या बौने होते हैं। यह लक्षण आमतौर पर बचपन में ही दिखने लगते हैं। इस कारण से शरीर के विकास पर भी प्रभाव पड़ता है। ऐसे रोग से ग्रसित शिशु में चेहरे में आसामान्यताएं दिखने लगती हैं। साथ ही जोड़ों में सूजन की समस्या, बैठने, चलने आदि में समस्याएं शुरू हो जाती हैं। कुछ मामलों में प्रभावित व्यक्ति को अंधापन या बहरापन भी हो सकता है। साथ ही व्यक्ति के ब्लड में कैल्शियम का अधिक स्तर भी देखने को मिलता है। जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) रेयर डिजीज के लक्षण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भिन्न हो सकते हैं।

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    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) के लक्षण क्या हैं?

    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia)

    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) के कारण शरीर में एक नहीं बल्कि बहुत से लक्षण दिख सकते हैं। इस बीमारी के कारण हाथ, पैरों की बोंस (हड्डियों का विकार) मुख्य रूप से प्रभावित होती हैं। साथ ही हड्डियां लंबी होने के बाद असामान्य तरीके से विकसित हो जाती हैं। इस कारण से व्यक्ति का कद सही से विकास नहीं कर पाता है और व्यक्ति बौना ही रह जाता है। बच्चों में इस बीमारी के लक्षण के रूप में छोटे जबड़े होना, मुंह का आकार धनुषाकार हो जाना, खोपड़ी की हड्डियों के बीच फाइब्रस ज्वाइंट्स का बनना, प्रॉमिनेंट वाइडली स्पेस्ड आय आदि लक्षण दिखाई पड़ते हैं। बचपन के दौरान यह स्पष्ट हो जात है कि प्रभावित बच्चे में अतिरिक्त कंकाल संबंधी असामान्यताएं होती हैं। जैसे कि असामान्य रूप से छोटी, क्लब की हुई उंगलियां (brachydactyly), पांचवीं उंगली को एक मुड़ी हुई स्थिति में पाया जाना आदि लक्षण पाए जाते हैं।

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    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया के कारण क्या हैं?

    हाइपरलकसीमिया से जुड़े जेनसेन प्रकार के मेटाफिसियल चोंड्रोडिस्प्लासिया के अधिकांश मामलों में शामिल होने वाला जीन क्रोमोसोम की शॉर्ट आर्म में स्थित होता है। क्रोमोसोम बॉडी की न्यूलियस सेल्स में उपस्थित होता है। ये प्रत्येक व्यक्ति के जेनेटिक करेक्टरस्टिक को ले जाने का काम करते हैं। गुणसूत्रों के पेयर 1 से 22 तक गिने जाते हैं जिनमें पुरुषों के लिए X और Y गुणसूत्रों की असमान 23 वीं जोड़ी और महिलाओं के लिए दो X गुणसूत्र होते हैं। प्रत्येक क्रोमोसोम में छोटी आर्म p और बड़ी आर्म q उपस्थित होती है। गुणसूत्र की लंबी भुजा और छोटी भुजा दोनों को कई बैंडों में विभाजित किया जाता है और साथ ही नंबर भी दिए जाते हैं।

    जेन्सन टाइप मेटाफिसियल चोंड्रोडिस्प्लासिया एक जीन में म्यूटेशन के कारण होता है, जो कि स्पेसफिक प्रोटीन के लिए कोड किया जाता है। जेन्सन प्रकार के मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया के अधिकांश मामले स्पॉन्टेनियस जेनेटिक चेंज (Spontaneous genetic change) के कारण होते हैं। डॉमिनेंट जेनेटिक डिसऑर्डर की समस्या तब होती है, जब एब्नॉर्मल जीन की सिंगल कॉपी पाई जाती है। असामान्य जीन या तो माता-पिता से विरासत में मिला हो सकता है या प्रभावित व्यक्ति में म्यूटेशन जीन का रिजल्ट हो सकता है। एक प्रभावित माता-पिता से संतान को एब्नॉर्मल जीन या तो माता-पिता से विरासत में मिला हो सकता है या प्रभावित व्यक्ति में म्यूटेशन जीन का परिणाम हो सकता है। एक प्रभावित माता-पिता से संतान को एब्नॉर्मल जीन के जाने का जोखिम प्रत्येक प्रेग्नेंसी के लिए 50% है। पुरुषों और महिलाओं के लिए जोखिम एक समान ही होता है। एब्नॉर्मल जीन के पारित होने का जोखिम प्रत्येक गर्भावस्था के लिए 50% है। पुरुषों और महिलाओं के लिए जोखिम समान है।

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    अब तक इस रेयर डिजीज के कितने मामले आ चुके हैं सामने?

    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) एक रेयर डिजीज है। रेयर डिजीज से मतलब ऐसी बीमारी से है, जो बहुत कम लोगों में होती हो। यानी कि 100 लोगों में 1 लोगों को ऐसी बीमारी होती है। अब तक इस बीमारी के कुल 20 पेशेंट्स मिल चुके हैं। ये एक अत्यंत दुर्लभ विकार है जो पुरुषों और महिलाओं को समान संख्या में प्रभावित करता है।

    जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया का डायग्नोसिस (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia Diagnosis)

    इस बीमारी का डायग्नोसिस बचपन में हो जाता है। बचपन में ही बच्चों में इस बीमारी के लक्षण दिखने रखते हैं। ऐसे में क्लीनिक इवोल्यूशन की मदद बीमारी को डायग्नोज कर लिया जाता है। डॉक्टर एडवांस इमेजिंग टेक्निक्स (advanced imaging techniques) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इन तकनीकों में एक्स-रे (X-ray) स्टडी शामिल हैं, जो शरीर की कुछ हड्डियों, विशेष रूप से बाहों और पैरों के बड़े सिरों के बारे में जानकारी देता है। लैबोरेट्री टेस्ट के माध्यम से यूरिन और ब्लड में कैल्शियम के हाय लेवल के बारे में जानकारी मिल जाती है। इसकी मदद से इस बीमारी का डायग्नोसिस करने में मदद मिलती है।

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    इस बीमारी का कैसे किया जाता है ट्रीटमेंट?

    बाल रोग विशेषज्ञ, ऑर्थोपेडिक सर्जन, डेंटिस्ट, स्पीच पैथोलॉजिस्ट, हियरिंग प्रॉब्लम को ठीक करने के लिए डॉक्टर, फिजिकल थेरेपिस्ट और हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स आदि ट्रीटमेंट में मदद करते हैं। आर्थोपेडिक सर्जरी की मदद से जेन्सन प्रकार के मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया से जुड़े कुछ स्पेसिफिक फाइंडिंग को ठीक करने में मदद कर सकती है, जैसे कि जोड़ों की विकृति आदि। स्पीच थेरेपी (Speech therapy), स्पेशल सोशल सपोर्ट, फिजिकल थेरिपी की मदद से बच्चों को बहुत अधिक लाभ पहुंचता है। इसमें वोकेशनल सर्विस भी शामिल है।

    जैसे कि हमने आपको पहले ही बताया कि रेयर डिजीज बहुत ही कम लोगों को होती है। यानी कि इस बीमारी का शिकार कुछ ही लोग हो सकते हैं। अगर आपको बच्चों में किसी प्रकार की हड्डियों संबंधी गड़बड़ी नजर आए या फिर उम्र बढ़ने पर भी बच्चों का कद न बढ़े, तो आपको एक बार डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। रेयर डिजीज के मामले चुकिं बहुत कम पाए जाते हैं, तो ऐसे में बीमारी का ट्रीटमेंट मिलना कुछ मामलों में मुश्किल भी हो सकता है। आपको डॉक्टर से इस बारे में जानकारी लेनी चाहिए

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    इस आर्टिकल में हमने आपको जेन्सन मेटाफिसियल चोंड्रोडिसप्लासिया (Jansen’s metaphyseal chondrodysplasia) को लेकर जानकारी दी है। उम्मीद है आपको हैलो हेल्थ की ओर से दी हुई जानकारियां पसंद आई होंगी। अगर आपको इस संबंध में अधिक जानकारी चाहिए, तो हमसे जरूर पूछें। हम आपके सवालों के जवाब मेडिकल एक्स्पर्ट्स द्वारा दिलाने की कोशिश करेंगे।

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