शिशु को ब्रेस्टफीडिंग उसे केवल न्यूट्रिशन प्रदान करना नहीं है। इससे मां और शिशु दोनों के बीच की बॉन्डिंग भी बढ़ती है और अन्य कई फायदे भी होते हैं। ब्रेस्टफीडिंग से पहले इसके लिए उपयुक्त पोजीशन का चुनाव करें। अपने शिशु और अपने आराम के अनुसार आप सही पोजीशन को चुनें। कई लोग इसके लिए क्रैडल होल्ड का इस्तेमाल भी करते हैं। पोजीशन चाहे कोई भी हो, कोई सपोर्ट अवश्य लें जैसे नर्सिंग पिलो, बेड पिलो आदि। गुड लेच (Good latch) भी आराम से ब्रेस्टफीडिंग कराने का महत्वपूर्ण भाग है।
यदि इस दौरान बच्चे का सिर ट्विस्टेड हो या उसका मुंह मुड़ा हुआ है, तो इससे न केवल उसे दूध पीने में मुश्किल हो सकती है, बल्कि इससे आपके निपल्स भी खराब हो सकते हैं। एक हाथ से निप्पल को होल्ड कर के शिशु के मुंह तक ले जाएं। इससे शिशु के लिए दूध पीना आसान होगा। बेबी केयर बेसिक्स (Baby care basics) में अगर किन्हीं कारणों से आपने अपने शिशु को बेबी फार्मूला या बोतल फीडिंग का चुनाव किया जा तो भी सही तकनीक का इस्तेमाल जरूरी है।
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बेबी केयर बेसिक्स (Baby care basics) में डायपरिंग (Diapering)
डायपर बदलना शायद सभी शिशु देखभाल गतिविधियों में सबसे मुश्किल हो सकता है। किंतु ,इस मामले की सच्चाई यह है कि समय के साथ डायपरिंग करना आसान होता जाता है। बाजार में कई डिस्पोजल डायपर मौजूद हैं। जिन्हें आप अपने बजट और शिशु की जरूरत के अनुसार चुन सकते हैं। शिशु को डायपर पहनाने या बदलने के लिए सबसे पहले जरूरी चीजों को इकठ्ठा कर लें जैसे डायपर, वाइप्स और ओइंटमेंट्स आदि। अब किसी साफ और सही जगह का चुनाव करें जैसे कोई मेज या बेड। बच्चे को आराम से इस पर लेटा दें। इस दौरान बच्चे को कभी भी अकेले न छोड़ें। अब बच्चे के पुराने डायपर को खोल दें, लेकिन इसे बच्चे के नीचे से एकदम बाहर न निकालें।
इसके लिए बच्चों के एड़ियों को हल्के से पकड़ें और उन्हें ऊपर की तरफ उठाते हुए वाइप्स की मदद से शिशु के बॉटम को क्लीन करें। जैसे ही बच्चे की स्किन क्लीन हो जाए, तो बच्चे को नया डायपर पहना दें। बच्चे के कपड़े वापस पहनने के बाद, पुराने डायपर को लें और इसे डस्टबीन में ड़ाल दें। आप इस तरह से बाजार में मौजूद डायपर और घर के क्लॉथ डायपर का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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नहलाना (Bathing)
बेबी केयर बेसिक्स (Baby care basics) में अगला पॉइंट है बच्चे को नहलाना। बच्चे का नहाना मां और शिशु दोनों के लिए रिलेक्सिंग टाइम हो सकता है। लेकिन, शिशु को नहलाना थोड़ा मुश्किल का काम है और इस दौरान भी कुछ चीजों का खास ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए सबसे पहले उन चीजों को इकठ्ठा करें जिनका इस्तेमाल शिशु को नहलाते हुए आपको करना है जैसे शिशु के कपड़े, तौलिया, साबुन, लोशन, शिशु के लिए गुनगुना पानी आदि। इसके लिए आप किसी भी टब का इस्तेमाल कर सकते हैं। शिशु के लिए इस्तेमाल होने वाला पानी न अधिक गर्म होना चाहिए न ही ठंडा।
बच्चे को नहलाते हुए उससे बातें करते रहें। अब आराम से बच्चे के कपड़ों को उतारें। टब में बच्चे को रखें। एक हाथ से बच्चे को पकडे और दूसरे से उसे नहलाएं। इसके लिए किसी की मदद भी आप ले सकते हैं। शिशु को नहलाने की शुरुआत उसके चेहरे और गर्दन से करें और डायपर एरिया को सबसे अंत में साफ करें। जब शिशु को नहला लें, तो उसे टॉवल में अच्छे लपेट लें और सूखा लें। इसके बाद आप उसे लोशन लगा सकते हैं। अब साफ डायपर और कपड़े शिशु को पहनाएं। नहलाने से पहले बच्चे की मालिश भी कर लें। मालिश के भी शिशु को कई मानसिक और शारीरिक लाभ प्राप्त होते हैं।

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