लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)
इस सर्जरी में सबसे पहले पेट को हानिरहित गैस से भर दिया जाता है। इसकी मदद से सर्जन पेट और अन्य अंगों को आसानी से देख पाता है। हर्निया का पता लगने के बाद उसके पास कई कट लगाए जाते हैं और उन छिद्रों से कैमरा (लैप्रास्कोप) अंदर डाला जाता है। इस कैमरे से मिली इमेज के आधार पर सर्जन हर्निया के उपचार की रूपरेख बनाते हैं। ओपन सर्जरी के मुकाबले इस सर्जरी में लोग तेजी से ठीक हो जाते हैं और अपने दैनिक कार्य फिर से शुरू कर सकते हैं।
और पढ़ें : Prostate Cancer: प्रोस्टेट कैंसर क्या है? जानें इसके कारण, लक्षण और उपाय
हर्निया की सर्जरी में क्या खतरे हो सकते हैं ?
हर्निया के ऑपरेशन यूं तो बहुत ही सुरक्षित होते हैं, लेकिन सभी सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ खतरे हो सकते हैं।
इंफेक्शन (Infection)
अगर हर्निया प्रभावित अंग निकाला जाता है तो इंफेक्शन का खतरा रहता है।
ब्लड क्लॉट (Blood clot)
आप लंबे समय तक एनेसथीसिया पर रहते हैं और हिलते-डुलते नहीं हैं। ऐसे में ब्लड क्लॉट की संभावना बढ़ जाती है।
दर्द (Pain)
ज्यादातर मामलों में सर्जरी के बाद घाव भरने लगते हैं। लेकिन कुछ लोगों में घाव भरने के बाद भी लंबे समय तक दर्द बरकरार रहता है।
दोबारा हर्निया होना
कई मामलों में सर्जरी के बाद भी हर्निया वापस हो जाता है। रिसर्च में दावा किया गया है कि सर्जरी के दौरान सपोर्ट लगाने से इसे दोबारा रोका जा सकता है।
हर्निया की सर्जरी के बाद निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है:
- हर्निया की सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको आराम करना चाहिए।
- अपने पास हमेशा एक मुलायम तकिया रखें।
- तंग कपड़ों को पहनना एवॉइड करें। इससे दर्द ज्यादा हो सकता है।
- डायट में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं रहेगी।
- किसी भी तरह का भारी सामान उठाने की कोशिश न करें। इससे दर्द बढ़ सकता है।
- तला हुआ और मसालेदार खाना न खाएं।
- रेड मीट का सेवन एवॉइड करें।
- कैफीन जैसे चाय, कॉफी या हर्बल टी का अत्यधिक सेवन न करें।
और पढ़ें : Duphaston : डुफास्टोन क्या है? जानिए इसके उपयोग, साइड इफेक्ट्स और सावधानियां