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जानें कब और क्यों होती है हर्निया की सर्जरी?

के द्वारा मेडिकली रिव्यूड Dr. Pooja Bhardwaj


Piyush Singh Rajput द्वारा लिखित · अपडेटेड 23/03/2021

    जानें कब और क्यों होती है हर्निया की सर्जरी?

    जब कोई फैटी टिशू, अंग या किसी अंग का हिस्सा शरीर की किसी कमजोर मांसपेशियों से बाहर निकल जाता है, तो इसे हर्निया कहते हैं। हर्निया शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में पेट पर ज्यादा होता है। पेट की मांसपेशियां जब कमजोर होने लगती हैं तो हर्निया की बीमारी धीरे-धीरे शुरू हो जाती है। यह महिला और पुरुषों दोनों में होने वाली समस्या है। आमतौर पर देखा गया कि है कि हर्निया अपने आप ठीक नहीं होते हैं और लगातार समय के साथ बढ़ते चले जाते हैं। जब हर्निया लगातार बढ़ने लगते हैं तो ये जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए डॉक्टर्स इसकी सर्जरी की सलाह देते हैं। जरूरी नहीं है कि हर हर्निया की सर्जरी की जाए। ये पूर्ण रूप से इसके आकार और लक्षणों पर निर्भर करता है।

    हर्निया की सर्जरी में मूल रूप से गलत जगह पर पहुंचे या बाहर निकले फैटी टिशू या अंग के हिस्से को वापस उसकी जगह सेट किया जाता है।

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    कब होती है हर्निया की सर्जरी की आवश्यक्ता ?

    आपका डॉक्टर निम्नलिखित लक्षणों को देखकर सर्जरी की सलाह दे सकता है-

    • किसी प्रकार के टिशू या आंतें अगर किसी अन्य हिस्से में चली जाएं और फंस जाएं तो इसे Incarcerated hernia कहते हैं। अगर इसका उपचार नहीं किया जाता तो आंते उलझ भी सकती हैं। इसकी वजह से आंत में खून का प्रवाह थम जाता है और टिशू मरने लगते हैं। ऐसी खतरनाक स्थिति में डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
    • किसी भी हर्निया की वजह से अगर खून का प्रवाह थम जाए तो सर्जरी बेहद जरूरी हो जाती है। ऐसा नहीं करने पर पूरा अंग काम करना बंद कर सकता है और आप गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं। 
    • जब हर्निया हद से ज्यादा बढ़ जाए या उसका रंग बदलने लगे तो भी ये सर्जिकल इमरजेंसी हैं।

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    कब हर्निया की सर्जरी की जरूरत नहीं?

  • अगर आपके लेटने से या हल्का दबाव देने से हर्निया वापस अपनी जगह पर चला जाता है, तो ऐसी स्थिति में सर्जरी की आवश्यक्ता नहीं पड़ती।
  • अगर हर्निया बेहद छोटा है और उसके कोई लक्षण दिखाई नहीं देते, तो भी आपको सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती है।
  • इतने तरह की होती है हर्निया की सर्जरी

    आपका डॉक्टर एक-दो तरह से हर्निया को ठीक कर सकता है। कई मामलों में आपको कुछ दिन हॉस्पिटल में रहना पड़ सकता है जबकि अन्य मामलों में आप सर्जरी वाले दिन ही घर जा सकते हैं

    ओपन सर्जरी (Open Surgery)

    ओपन सर्जरी में सबसे पहले एनेस्थीसिया देकर मरीज का वह अंग सुन्न कर दिया जाता है। इसके बाद सर्जन प्रभावित जगह के ऊपर की स्किन काटकर हल्का दबाव बनाकर हर्निया को वापस धकेलने की कोशिश करता है। कई बार उस हिस्से पर गठान बांध दी जाती है तो कई बार उस हिस्से को अलग भी कर दिया जाता है। इसके बाद उस अंग के पास मजूद कमजोर मांसपेशियों को टांके लगाकर बंद कर दिया जाता है। अगर हर्निया काफी बड़ा है तो सर्जन उस जगह पर सपोर्ट भी लगा सकता है।

    लैप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery)

    इस सर्जरी में सबसे पहले पेट को हानिरहित गैस से भर दिया जाता है। इसकी मदद से सर्जन पेट और अन्य अंगों को आसानी से देख पाता है। हर्निया का पता लगने के बाद उसके पास कई कट लगाए जाते हैं और उन छिद्रों से कैमरा (लैप्रास्कोप) अंदर डाला जाता है। इस कैमरे से मिली इमेज के आधार पर सर्जन हर्निया के उपचार की रूपरेख बनाते हैं। ओपन सर्जरी के मुकाबले इस सर्जरी में लोग तेजी से ठीक हो जाते हैं और अपने दैनिक कार्य फिर से शुरू कर सकते हैं।

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    हर्निया की सर्जरी में क्या खतरे हो सकते हैं ?

    हर्निया के ऑपरेशन यूं तो बहुत ही सुरक्षित होते हैं, लेकिन सभी सर्जरी की तरह इसमें भी कुछ खतरे हो सकते हैं।

    इंफेक्शन (Infection)

    अगर हर्निया प्रभावित अंग निकाला जाता है तो इंफेक्शन का खतरा रहता है।

    ब्लड क्लॉट (Blood clot)

    आप लंबे समय तक एनेसथीसिया पर रहते हैं और हिलते-डुलते नहीं हैं। ऐसे में ब्लड क्लॉट की संभावना बढ़ जाती है।

     दर्द (Pain)

    ज्यादातर मामलों में सर्जरी के बाद घाव भरने लगते हैं। लेकिन कुछ लोगों में घाव भरने के बाद भी लंबे समय तक दर्द बरकरार रहता है।

    दोबारा हर्निया होना

    कई मामलों में सर्जरी के बाद भी हर्निया वापस हो जाता है। रिसर्च में दावा किया गया है कि सर्जरी के दौरान सपोर्ट लगाने से इसे दोबारा रोका जा सकता है।

    हर्निया की सर्जरी के बाद निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है:

    • हर्निया की सर्जरी के बाद कुछ दिन तक आपको आराम करना चाहिए।
    • अपने पास हमेशा एक मुलायम तकिया रखें।
    • तंग कपड़ों को पहनना एवॉइड करें। इससे दर्द ज्यादा हो सकता है।
    • डायट में फाइबर युक्त चीजों को शामिल करें। इससे कब्ज की शिकायत नहीं रहेगी।
    • किसी भी तरह का भारी सामान उठाने की कोशिश न करें। इससे दर्द बढ़ सकता है।
    • तला हुआ और मसालेदार खाना न खाएं।
    • रेड मीट का सेवन एवॉइड करें।
    • कैफीन जैसे चाय, कॉफी या हर्बल टी का अत्यधिक सेवन न करें।

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    क्या बिना सर्जरी के हर्निया का उपचार संभव है? 

    कई मामलों में डॉक्टर आपके हर्निया को देखकर सपोर्टर और कई तरह के खास बेल्ट्स देखने की सलाह दे सकता है। इस तरह के सपोर्टिव अंडरगार्मेन्ट हर्निया वाली जगह पर हल्का दबाव बनाकर उसे अपने जगह पर रखते हैं। इससे व्यक्ति को कुछ हद तक उसके दर्द से भी राहत मिल जाती है।

    निष्कर्ष – हर्निया की सर्जरी उसके आकार और लक्षण पर निर्भर करती है। अगर आपको लगता है कि आपको हर्निया हुआ है तो घबराएं नहीं और अपने डॉक्टर से परामर्श लें।

    अगर आपको अपनी समस्या को लेकर कोई सवाल हैं, तो कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श लेना न भूलें।

    हैलो हेल्थ ग्रुप किसी भी तरह के चिकित्सा परामर्श और इलाज नहीं देता है। हम आशा करते हैं आपको हमारा यह लेख पसंद आया होगा। हैलो हेल्थ के इस आर्टिकल में हर्निया की सर्जरी से जुड़ी हर जरूरी जानकारी देने की कोशिश की गई है। यदि आप इससे जुड़ी अन्य कोई जानकारी पाना चाहते हैं तो आप अपना सवाल कमेंट सेक्शन में पूछ सकते हैं। आपको हमारा यह लेख कैसा लगा यह भी आप हमें कमेंट कर बता सकते हैं।

    डिस्क्लेमर

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