उपचार
अकूस्टिक न्यूरोमा का उपचार
अकूस्टिक न्यूरोमा के लिए कई उपचार है, लेकिन यह व्यक्ति की उम्र, सामान्य स्वास्थ्य और ट्यूमर के स्थान और आकार पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में डॉक्टर इंतजार करके ट्यूमर पर निगरानी रखता है। यदि ट्यूमर छोटा है और धीमी गति से विकसित हो रहा है तो इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पड़ती। ट्यूमर के उपचार के तरीकों में शामिल हैः
ऑब्जर्वेशन
इसे वॉचफुल वेटिंग भी कहते हैं, क्योंकि अकूस्टिक न्यूरोमा कैंसरस नहीं होता है और धीमी गति से बढ़ता है। इसलिए तुरंत इसका उपचार करना जरूरी नहीं होता। आमतौर पर डॉक्टर समय-समय पर MRI के जरिए ट्यूमर की जांच करता है और यदि उसे लगा कि ट्यूमर अधिक बढ़ रहा है या कोई गंभीर लक्षण दिखने लगे हैं तो वह अन्य उपचार की सलाह देता है।
रेडियोसर्जरी
इस प्रक्रिया में रेडिएशन की मदद से ट्यूमर को टारगेट किया जाता है। डॉक्टर स्कैल्प को सुन्न करके एक हल्का हेड फ्रेम लगाता है। इमेजिंग स्कैन से ट्यूमर का साइज और इसकी स्थिति देखने के बाद रेडिएशन किरण का इस्तेमाल करता है। इस प्रक्रिया से उपचार का असर पता चलने में हफ्ते, महीने या साल भी लग सकते हैं। इतना ही नहीं कई बार ट्यूमर दोबारा भी हो सकता है। सिर्फ 3 सेंटीमीटर या इससे छोटे ट्यूमर के लिए ही रेडियोसर्जरी की जाती है।
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माइक्रोसर्जरी
इस प्रक्रिया में सर्जन चीरा लगाकर पूरे ट्यूमर को निकाल देता है, लेकिन कई बार सर्जन ट्यूमर के कुछ हिस्से को ही निकालता है, क्योंकि पूरा ट्यूमर निकालने पर चेहरे के नर्व्स प्रभावित हो सकते हैं। फेशियल नर्व्स के क्षतिग्रस्त होने पर फेशियल पैरालाइसिस हो सकता है।
हैलो स्वास्थ्य किसी भी तरह की कोई भी मेडिकल सलाह नहीं दे रहा है, अधिक जानकारी के लिए आप डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।